पिथौरागढ़: विस उपचुनाव में मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम होने से मुकाबला कांटे का हो गया है. एकतरफा जीत के बजाये अब हार जीत का अंतर काफी कम रहने का अनुमान है. उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. मगर पार्टी प्रत्याशी और दल वोटरों को मतदान केन्द्रों तक खींचने में असफल रहे.
बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से तीन दावेदार हैं. उपचुनाव में स्व0 प्रकाश पंत की धर्मपत्नी चंद्रा पंत भाजपा प्रत्याशी है, तो उनके मुकाबले कांग्रेस से पूर्व ब्लॉक अंजू लुन्ठी और सपा से मनोज कुमार भट्ट मैदान में है. वहीं , उपचुनाव में मतदान प्रतिशत महज 47.48 फीसदी होना जनता के रोष को भी दर्शा रहा है.
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चौंकने वाली बात ये है कि शहरी इलाकों में भी मतदान प्रतिशत कम हुआ है. कम मतदान प्रतिशत को चुनाव मैदान में प्रभावशाली प्रत्याशी न होने से जोड़ा जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने कैडर वोट को बूथ तक लाने में काफी हद तक कामियाब रहे, लेकिन आम मतदाता जिन्हें निर्णायक कहा जाता है, उन्होनें मतदान में कम दिलचस्पी दिखायी. बहरहाल, उपचुनाव में जीत चाहे किसी की भी प्रत्याशी की हो मगर हार जीत का अन्तर काफी कम रहने की उम्मीद है.
बता दें कि सोमवार को पिथौरागढ़ विस उपचुनाव के लिए कुल 47.48 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं 50191 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि 2017 के मतदान में कुल 64.59 फीसदी मतदान हुआ था.