ETV Bharat / state

पिथौरागढ़ उपचुनाव: मतदान कम होने से कड़ी टक्कर का अंदेशा, प्रत्याशियों में बढ़ी बेचैनी

पिथौरागढ़ उपचुनाव में महज 47.48 फीसदी वोटिंग हुई. वोटिंग कम होने से राजनीतिक पंडित जीत और हार का अंतर भी कम मान रहे हैं.

author img

By

Published : Nov 26, 2019, 4:07 PM IST

pithoragarh by-elections latest update, पिथौरागढ़ उपचुनाव मतदान प्रतिशत
पिथौरागढ़ उपचुनाव: कांटे की रहेगी टक्कर.

पिथौरागढ़: विस उपचुनाव में मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम होने से मुकाबला कांटे का हो गया है. एकतरफा जीत के बजाये अब हार जीत का अंतर काफी कम रहने का अनुमान है. उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. मगर पार्टी प्रत्याशी और दल वोटरों को मतदान केन्द्रों तक खींचने में असफल रहे.

बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से तीन दावेदार हैं. उपचुनाव में स्व0 प्रकाश पंत की धर्मपत्नी चंद्रा पंत भाजपा प्रत्याशी है, तो उनके मुकाबले कांग्रेस से पूर्व ब्लॉक अंजू लुन्ठी और सपा से मनोज कुमार भट्ट मैदान में है. वहीं , उपचुनाव में मतदान प्रतिशत महज 47.48 फीसदी होना जनता के रोष को भी दर्शा रहा है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस-NCP-शिवसेना ने दिखाया 162 विधायकों का दम, ली एकजुटता की शपथ

चौंकने वाली बात ये है कि शहरी इलाकों में भी मतदान प्रतिशत कम हुआ है. कम मतदान प्रतिशत को चुनाव मैदान में प्रभावशाली प्रत्याशी न होने से जोड़ा जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने कैडर वोट को बूथ तक लाने में काफी हद तक कामियाब रहे, लेकिन आम मतदाता जिन्हें निर्णायक कहा जाता है, उन्होनें मतदान में कम दिलचस्पी दिखायी. बहरहाल, उपचुनाव में जीत चाहे किसी की भी प्रत्याशी की हो मगर हार जीत का अन्तर काफी कम रहने की उम्मीद है.

बता दें कि सोमवार को पिथौरागढ़ विस उपचुनाव के लिए कुल 47.48 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं 50191 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि 2017 के मतदान में कुल 64.59 फीसदी मतदान हुआ था.

पिथौरागढ़: विस उपचुनाव में मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम होने से मुकाबला कांटे का हो गया है. एकतरफा जीत के बजाये अब हार जीत का अंतर काफी कम रहने का अनुमान है. उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. मगर पार्टी प्रत्याशी और दल वोटरों को मतदान केन्द्रों तक खींचने में असफल रहे.

बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से तीन दावेदार हैं. उपचुनाव में स्व0 प्रकाश पंत की धर्मपत्नी चंद्रा पंत भाजपा प्रत्याशी है, तो उनके मुकाबले कांग्रेस से पूर्व ब्लॉक अंजू लुन्ठी और सपा से मनोज कुमार भट्ट मैदान में है. वहीं , उपचुनाव में मतदान प्रतिशत महज 47.48 फीसदी होना जनता के रोष को भी दर्शा रहा है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस-NCP-शिवसेना ने दिखाया 162 विधायकों का दम, ली एकजुटता की शपथ

चौंकने वाली बात ये है कि शहरी इलाकों में भी मतदान प्रतिशत कम हुआ है. कम मतदान प्रतिशत को चुनाव मैदान में प्रभावशाली प्रत्याशी न होने से जोड़ा जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने कैडर वोट को बूथ तक लाने में काफी हद तक कामियाब रहे, लेकिन आम मतदाता जिन्हें निर्णायक कहा जाता है, उन्होनें मतदान में कम दिलचस्पी दिखायी. बहरहाल, उपचुनाव में जीत चाहे किसी की भी प्रत्याशी की हो मगर हार जीत का अन्तर काफी कम रहने की उम्मीद है.

बता दें कि सोमवार को पिथौरागढ़ विस उपचुनाव के लिए कुल 47.48 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं 50191 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि 2017 के मतदान में कुल 64.59 फीसदी मतदान हुआ था.

Intro:पिथौरागढ़: उपचुनाव में मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम होने से मुकाबला कांटे का हो गया है। एकतरफा जीत के बजाये अब हार जीत का अन्तर काफी कम रहने का अनुमान है। वोटरों मे उत्साह की कमी सत्ताधारी दल के लिए अच्छा संकेत नही है। पिथौरागढ़ उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। मगर पार्टी प्रत्याशी और दल वोटरों को मतदान केन्द्रों तक खिंचने में असफल रहे। पुर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट के तीन दावेदार है। उपचुनाव में स्व0 प्रकाश पंत की धर्मपत्नी चंद्रा पंत भाजपा प्रत्याशी है तो उनके मुकाबले कांग्रेस से पुर्व ब्लॉक अंजू लुन्ठी और सपा से मनोज कुमार भट्ट मैदान में है।


Body:पिथौरागढ़ उपचुनाव में मतदान प्रतिशत महज 47.48 फीसदी होना जनता के रोष को भी दर्शा रहा है। चौंकने वाली बात ये है कि शहरी इलाकों में भी मतदान प्रतिशत कम हुआ है। कम मतदान प्रतिशत को चुनाव मैदान में प्रभावशाली प्रत्याशी ना होने से जोडा जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने कैडर वोट को बूथ तक लाने में काफी हद तक कामियाब रहे लेकिन आम मतदाता जिसे निर्णायक कहा जाता है उन्होनें मतदान में कम दिलचस्पी दिखायी। कम मतदान सत्ताधारी भाजपा के लिए बुरा संकेत है। बहरहाल उपचुनाव में जीत चाहे किसी की भी प्रत्याशी की हो मगर हार जीत का अन्तर काफी कम रहेगा।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.