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आपदा प्रभावितों का चढ़ा पारा, बोले- सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं मिल रहा मुआवजा - मुनस्यारी ग्रामीणों का विरोध

आपदा प्रभावितों का चढ़ा पारा, बोले- कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपये का मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है.

पिथौरागढ़ आपदा प्रभावित ग्रामीणों का विरोध
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Published : Feb 26, 2019, 2:39 PM IST

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के आपदा प्रभावितों को आठ महीने बीत जाने के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है. इसी के तहत ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपये का मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


सोमवार को मुनस्यारी के आपदा प्रभावित अपनी 29 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि आपदा के आठ महीन गुजरने के बावजूद प्रभावितों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. साथ ही कहा कि आपदा के बाद से क्षेत्र में सड़कें, पुल, पैदलमार्ग और पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गए थे, लेकिन अभी तक कोई सुध नहीं ली जा रही है. आपदा प्रभावितों ने बताया कि मुनस्यारी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वो लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है.

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पिथौरागढ़ आपदा प्रभावित ग्रामीणों का विरोध


वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपया मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है. साथ ही कहा कि आपदा के बाद से कई गांव अलग थलग पड़े हैं. जिसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है.

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के आपदा प्रभावितों को आठ महीने बीत जाने के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है. इसी के तहत ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपये का मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


सोमवार को मुनस्यारी के आपदा प्रभावित अपनी 29 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि आपदा के आठ महीन गुजरने के बावजूद प्रभावितों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. साथ ही कहा कि आपदा के बाद से क्षेत्र में सड़कें, पुल, पैदलमार्ग और पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गए थे, लेकिन अभी तक कोई सुध नहीं ली जा रही है. आपदा प्रभावितों ने बताया कि मुनस्यारी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वो लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है.

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पिथौरागढ़ आपदा प्रभावित ग्रामीणों का विरोध


वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपया मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है. साथ ही कहा कि आपदा के बाद से कई गांव अलग थलग पड़े हैं. जिसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है.

Intro:पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के आपदा प्रभावितों ने आज (सोमवार) जिलाधिकारी कार्यालय के आगे जोरदार प्रदर्शन किया। आपदा प्रभावितों का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपया मुआवजा देने का वादा किया था लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवजा नही मिला। प्रभावितों ने कहा कि आपदा के बाद से कई गांव अलग थलग पड़े है लेकिन कोई सुध लेने वाला नही है।

29 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यालय पहुंचे मुनस्यारी के आपदा प्रभावित ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रभावितों का कहना है कि आपदा के आठ माह गुजरने के बावजूद प्रभावितों को मुआवजा नही दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा के बाद से क्षेत्र में सड़कें, पुल, पैदलमार्ग और पेयजल योजनाएं ध्वस्त है, लेकिन शासन प्रशासन से लाख फरियाद करने के बावजूद कोई सुनवाई नही हुई। आपदा प्रभावित ने कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वो लंबे समय से आंदोलन कर रहे है। लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है।

बाइट: विक्रम दानू, आपदा प्रभावित


Body:पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के आपदा प्रभावितों ने आज (सोमवार) जिलाधिकारी कार्यालय के आगे जोरदार प्रदर्शन किया। आपदा प्रभावितों का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेघर हो चुके आपदा प्रभावितों को एक लाख रुपया मुआवजा देने का वादा किया था लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवजा नही मिला। प्रभावितों ने कहा कि आपदा के बाद से कई गांव अलग थलग पड़े है लेकिन कोई सुध लेने वाला नही है।

29 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यालय पहुंचे मुनस्यारी के आपदा प्रभावित ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रभावितों का कहना है कि आपदा के आठ माह गुजरने के बावजूद प्रभावितों को मुआवजा नही दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा के बाद से क्षेत्र में सड़कें, पुल, पैदलमार्ग और पेयजल योजनाएं ध्वस्त है, लेकिन शासन प्रशासन से लाख फरियाद करने के बावजूद कोई सुनवाई नही हुई। आपदा प्रभावित ने कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वो लंबे समय से आंदोलन कर रहे है। लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है।

बाइट: विक्रम दानू, आपदा प्रभावित


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