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एक दशक से यहां रामलीला में बजता है बेटियों का डंका, अभिनय को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग

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Published : Nov 22, 2019, 1:53 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 8:03 PM IST

पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग विकास खंड के दो जगहों पर हो रही रामलीला में बेटियां बखूबी अभिनय कर रही हैं. जिनके अभिनय को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.

रामलीला मंडली में बेटियां करती हैं अभिनय

बेरीनाग: रामलीला में अमूमन सभी पात्र पुरूष निभाते दिखाई देते हैं. वहीं पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग विकास खंड के दो जगहों पर हो रही रामलीला में बेटियां बखूबी अभिनय कर रही हैं. थर्प गांव में पिछले एक दशक से रामलीला से राम, लक्ष्मण और सीता का किरदार बेटियां निभा रही है. 12 से अधिक बेटियां एक दशक से रामलीला में अपने अभिनय का लोहा मनवा रही हैं.

बेरीनाग के थर्प गांव में पिछले एक दशक से रामलील में मुख्य पात्र की भूमिका बेटियां निभाती आ रही है. बेटियों का अभियन देखने के लिए ठंड के मौसम में दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं. राम की भूमिका निभा रही प्रियंका और लक्ष्मण की भूमिका निभा रही नीशा बताती हैं कि रामलीला में ये किरदार पुरुष निभाते रहे हैं. लेकिन उन्हें कभी पात्र निभाते वक्त कोई परेशानी नहीं हुई और आज तक उन्हें महसूस ही नहीं हुआ कि वे लड़कियां हैं.

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भगवान सिंह बताते है कि क्षेत्र की बालिकाओं में अभिनय को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले दस वर्षो से लगातार यहां पर विभिन्न पात्रों का मंचन बालिकाओं के द्वारा किया जाता है. अभिनय करने के दौरान भगवान की भावना आती है.

एक दशक से यहां रामलीला में बजता है बेटियों का डंका

ये भी पढ़ें:पिथौरागढ़ में मानवता हुई शर्मसार, नवजात के शव को नोच रहा था कुत्ता

ब्लाक प्रमुख विनीता बाफिला बताती है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान सरकार के द्वारा चलाया रहा है. बेटियों के द्वारा अभिनय किया जाना एक सफल रामलीला का प्रतीक है. भविष्य में रामलीला को भव्य रूप दिया जायेगा. बता दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह रामलीला दशहरे के बजाय शीतकाल में होती है.

बेरीनाग: रामलीला में अमूमन सभी पात्र पुरूष निभाते दिखाई देते हैं. वहीं पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग विकास खंड के दो जगहों पर हो रही रामलीला में बेटियां बखूबी अभिनय कर रही हैं. थर्प गांव में पिछले एक दशक से रामलीला से राम, लक्ष्मण और सीता का किरदार बेटियां निभा रही है. 12 से अधिक बेटियां एक दशक से रामलीला में अपने अभिनय का लोहा मनवा रही हैं.

बेरीनाग के थर्प गांव में पिछले एक दशक से रामलील में मुख्य पात्र की भूमिका बेटियां निभाती आ रही है. बेटियों का अभियन देखने के लिए ठंड के मौसम में दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं. राम की भूमिका निभा रही प्रियंका और लक्ष्मण की भूमिका निभा रही नीशा बताती हैं कि रामलीला में ये किरदार पुरुष निभाते रहे हैं. लेकिन उन्हें कभी पात्र निभाते वक्त कोई परेशानी नहीं हुई और आज तक उन्हें महसूस ही नहीं हुआ कि वे लड़कियां हैं.

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भगवान सिंह बताते है कि क्षेत्र की बालिकाओं में अभिनय को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले दस वर्षो से लगातार यहां पर विभिन्न पात्रों का मंचन बालिकाओं के द्वारा किया जाता है. अभिनय करने के दौरान भगवान की भावना आती है.

एक दशक से यहां रामलीला में बजता है बेटियों का डंका

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ब्लाक प्रमुख विनीता बाफिला बताती है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान सरकार के द्वारा चलाया रहा है. बेटियों के द्वारा अभिनय किया जाना एक सफल रामलीला का प्रतीक है. भविष्य में रामलीला को भव्य रूप दिया जायेगा. बता दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह रामलीला दशहरे के बजाय शीतकाल में होती है.

Intro:थर्प गांव में भी रामलीला में बेटियां पात्र Body:बेरीनाग ।
थर्प की रामलीला में बालिकायें मंचन से मिला बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ अभियान को स्थान
पिछले एक दशक से लगातार बेटिया कर रही है मंचन

प्रदीप महरा
बेरीनाग।रामलीलाओं में जहां सभी पात्र पुरूष की भूमिका में होते है पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग विकास खंड के दो क्षेत्रों में हो रही रामलीलाओं में बेटिया रामलीलाओं में पात्र की भूमिका में देखने को मिल रही है। थर्प गांव में पिछले एक दशक से रामलीला के मुख्य पात्र राम लक्ष्मण सीता और सखियों का पात्र बेटिया ही बखूभी निभा रही है।12 से अधिक बेटिया आज रामलीला के अलग अगल अभिनय कर अपनी प्रस्तुती दे रहे है। आज यह रामलीला पूरे क्षेत्र मंें चर्चा का विषय बनी हुई है। बेटियों का अभियन देखने के लिए ठंड के मौसम में भी दूरदराज क्षेत्रों से बडी संख्या में लोग पहुंच रहे है। राम की भूमिका निभा रही प्रियंका और लक्ष्मण की भूमिका निभा रही नीशा बताती है यह अभिनय पुरूषों का है लेकिन कही पर भी अभिनय करने के दौरान महसूस नही होता है कि हम लड़की है रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भगवान सिंह बताते है कि आज क्षेत्र की बालिकाओं मंे अभिनय को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है पिछले दस वर्षो से लगातार यहां पर विभिन्न पात्रों का मंचन बालिकाओं के द्वारा किया जा रहा है। अभिनय करने के दौरान भगवान की भावना आती है। ब्लाक प्रमुख विनीता बाफिला बताती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान सरकार के द्वारा चलाया गया था वह इनके अभिनय के बाद सफल हो रहा है बेटियों के द्वारा अभिनय किया जाना एक सफल रामलीला का प्रतीक है। भविष्य मंे इन रामलीलाओं को सहयोग कर और भव्य रूप दिया जायेगा।Conclusion:प्रेरणा
Last Updated : Nov 22, 2019, 8:03 PM IST
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