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मिलम ग्लेशियर पर ट्रेकिंग बंद, टूर ऑपरेटर हुए बेरोजगार, पर्यटक परेशान

मिलम ग्लेशियर के लिए ट्रेकिंग पर आए सैलानियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है. जिस कारण यहां आ रहे पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है. साथ ही टूर एन्ड ट्रेवल्स ऑपरेटर्स के सामने भी जीविका का संकट खड़ा हो गया है.

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Published : Jun 20, 2019, 9:45 PM IST

मिलम ग्लेशियर पर ट्रेकिंग बंद

पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के साथ हुए हादसे के बाद से मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रेकिंग पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी पहुंचे पर्यटकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. प्रशासन के इस फैसले से टूर ऑपरेटर्स भी परेशान हैं.

गर्मियों के सीजन में देश-विदेश से पर्यटक ट्रेकिंग का लुत्फ लेने के लिए हिमनगरी मुनस्यारी आते हैं. लेकिन इस बार विख्यात मिलम ट्रेक पर प्रतिबंध होने से पर्यटकों में मायूसी छाई हुई है. बुकिंग कैंसिल होने से कई टूर एन्ड ट्रेवल्स ऑपरेटर्स के आगे रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचे पर्यटक अभिषेक शेरावत ने बताया कि मिलम ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए उन्होंने लम्बे समय से तैयारी की थी. ऑफिस से छुट्टियां लेकर वे मुनस्यारी पहुंचे हैं. लेकिन प्रशासन उन्हें ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दे रहा है.

पढ़ें- चारधाम: श्रद्धा ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, 43 दिनों में आंकड़ा 20 लाख के पार

वहीं स्थानीय टूर ऑपरेटर सुरेंद्र पंवार कहते हैं कि वे साल भर प्रचार-प्रसार के जरिये पर्यटकों को ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी लाते हैं. वे कहते हैं कि साल में सिर्फ 2 महीने ही ट्रेकिंग के जरिये रोजगार कमाया जाता है. लेकिन प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं मिलने से सभी टूर ऑपरेटर्स बेरोजगार हो गए हैं.

बता दें कि मिलम ग्लेशियर के लिए ट्रेकिंग पर आए सैलानियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है. वहीं प्रशासन का कहना है कि मिलम जाने वाले रास्ते में पुल टूटे हुए हैं. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है. जिसे देखते हुए ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है.

पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के साथ हुए हादसे के बाद से मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रेकिंग पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी पहुंचे पर्यटकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. प्रशासन के इस फैसले से टूर ऑपरेटर्स भी परेशान हैं.

गर्मियों के सीजन में देश-विदेश से पर्यटक ट्रेकिंग का लुत्फ लेने के लिए हिमनगरी मुनस्यारी आते हैं. लेकिन इस बार विख्यात मिलम ट्रेक पर प्रतिबंध होने से पर्यटकों में मायूसी छाई हुई है. बुकिंग कैंसिल होने से कई टूर एन्ड ट्रेवल्स ऑपरेटर्स के आगे रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचे पर्यटक अभिषेक शेरावत ने बताया कि मिलम ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए उन्होंने लम्बे समय से तैयारी की थी. ऑफिस से छुट्टियां लेकर वे मुनस्यारी पहुंचे हैं. लेकिन प्रशासन उन्हें ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दे रहा है.

पढ़ें- चारधाम: श्रद्धा ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, 43 दिनों में आंकड़ा 20 लाख के पार

वहीं स्थानीय टूर ऑपरेटर सुरेंद्र पंवार कहते हैं कि वे साल भर प्रचार-प्रसार के जरिये पर्यटकों को ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी लाते हैं. वे कहते हैं कि साल में सिर्फ 2 महीने ही ट्रेकिंग के जरिये रोजगार कमाया जाता है. लेकिन प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं मिलने से सभी टूर ऑपरेटर्स बेरोजगार हो गए हैं.

बता दें कि मिलम ग्लेशियर के लिए ट्रेकिंग पर आए सैलानियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है. वहीं प्रशासन का कहना है कि मिलम जाने वाले रास्ते में पुल टूटे हुए हैं. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है. जिसे देखते हुए ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है.

Intro:नोट- सर इस खबर की फीड और 2 बाइट मेल से भेजी है।

पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के साथ हुए हादसे के बाद से मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। मिलम ग्लेशियर के लिए ट्रैकिंग पर आए सैलानियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ट्रैकिंग की अनुमति नही दी जा रही है। जिस कारण ट्रैकिंग के लिए मुनस्यारी पहुंचे पर्यटकों को खासी निराशा हाथ लगी है। जबकि कई टूर ऑपरेटर्स भी बेरोजगार हो गए है। वहीं प्रशासन का कहना है कि मिलम जाने वाले रास्ते मे पुल टूटे हुए है साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है जिसे देखते हुए ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है।

गर्मियों के सीजन में देश-विदेश से पर्यटक ट्रैकिंग का लुत्फ उठाने के लिए हिमनगरी मुनस्यारी आते है। मगर इस बार विख्यात मिलम ट्रैक पर प्रतिबंध होने से पर्यटकों में मायूसी छाई है। वही बुकिंग केंसिल होने से कई टूर एन्ड ट्रेवल्स ऑपरेटर्स के आगे भी रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है। दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचे पर्यटक अभिषेक शेरावत बताते है कि मिलम ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए उन्होंने लम्बे समय से तैयारी की है और ऑफिस से छुट्टियां लेकर वो मुनस्यारी पहुंचे है। मगर प्रशासन उन्हें ट्रेकिंग की अनुमति नही दे रहा है। वहीं स्थानीय टूर ऑपरेटर सुरेंद्र पंवार कहते है कि वो साल भर प्रचार प्रसार के जरिये पर्यटकों को ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी लाते है। साल में 2 महीने ट्रेकिंग के जरिये रोजगार के मिलते है मगर प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नही मिलने से सभी टूर ऑपरेटर्स बेरोजगार हो गए है।

Byte1: अभिषेक शेरावत, ट्रेकर
Byte2: सुरेंद्र पंवार, टूर ऑपरेटर
Byte3: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़


Body:नोट- सर इस खबर की फीड और 2 बाइट मेल से भेजी है।

पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के साथ हुए हादसे के बाद से मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। मिलम ग्लेशियर के लिए ट्रैकिंग पर आए सैलानियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ट्रैकिंग की अनुमति नही दी जा रही है। जिस कारण ट्रैकिंग के लिए मुनस्यारी पहुंचे पर्यटकों को खासी निराशा हाथ लगी है। जबकि कई टूर ऑपरेटर्स भी बेरोजगार हो गए है। वहीं प्रशासन का कहना है कि मिलम जाने वाले रास्ते मे पुल टूटे हुए है साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है जिसे देखते हुए ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है।

गर्मियों के सीजन में देश-विदेश से पर्यटक ट्रैकिंग का लुत्फ उठाने के लिए हिमनगरी मुनस्यारी आते है। मगर इस बार विख्यात मिलम ट्रैक पर प्रतिबंध होने से पर्यटकों में मायूसी छाई है। वही बुकिंग केंसिल होने से कई टूर एन्ड ट्रेवल्स ऑपरेटर्स के आगे भी रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है। दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचे पर्यटक अभिषेक शेरावत बताते है कि मिलम ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए उन्होंने लम्बे समय से तैयारी की है और ऑफिस से छुट्टियां लेकर वो मुनस्यारी पहुंचे है। मगर प्रशासन उन्हें ट्रेकिंग की अनुमति नही दे रहा है। वहीं स्थानीय टूर ऑपरेटर सुरेंद्र पंवार कहते है कि वो साल भर प्रचार प्रसार के जरिये पर्यटकों को ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी लाते है। साल में 2 महीने ट्रेकिंग के जरिये रोजगार के मिलते है मगर प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नही मिलने से सभी टूर ऑपरेटर्स बेरोजगार हो गए है।

Byte1: अभिषेक शेरावत, ट्रेकर
Byte2: सुरेंद्र पंवार, टूर ऑपरेटर
Byte3: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़


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