पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के साथ हुए हादसे के बाद से मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रेकिंग पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी पहुंचे पर्यटकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. प्रशासन के इस फैसले से टूर ऑपरेटर्स भी परेशान हैं.
गर्मियों के सीजन में देश-विदेश से पर्यटक ट्रेकिंग का लुत्फ लेने के लिए हिमनगरी मुनस्यारी आते हैं. लेकिन इस बार विख्यात मिलम ट्रेक पर प्रतिबंध होने से पर्यटकों में मायूसी छाई हुई है. बुकिंग कैंसिल होने से कई टूर एन्ड ट्रेवल्स ऑपरेटर्स के आगे रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. दिल्ली से मुनस्यारी पहुंचे पर्यटक अभिषेक शेरावत ने बताया कि मिलम ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए उन्होंने लम्बे समय से तैयारी की थी. ऑफिस से छुट्टियां लेकर वे मुनस्यारी पहुंचे हैं. लेकिन प्रशासन उन्हें ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दे रहा है.
पढ़ें- चारधाम: श्रद्धा ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, 43 दिनों में आंकड़ा 20 लाख के पार
वहीं स्थानीय टूर ऑपरेटर सुरेंद्र पंवार कहते हैं कि वे साल भर प्रचार-प्रसार के जरिये पर्यटकों को ट्रेकिंग के लिए मुनस्यारी लाते हैं. वे कहते हैं कि साल में सिर्फ 2 महीने ही ट्रेकिंग के जरिये रोजगार कमाया जाता है. लेकिन प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं मिलने से सभी टूर ऑपरेटर्स बेरोजगार हो गए हैं.
बता दें कि मिलम ग्लेशियर के लिए ट्रेकिंग पर आए सैलानियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ट्रेकिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है. वहीं प्रशासन का कहना है कि मिलम जाने वाले रास्ते में पुल टूटे हुए हैं. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है. जिसे देखते हुए ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है.