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पहली बरसात में ही बह गया अस्थायी पुल, ग्रामीणों में आक्रोश - रामगंगा नदी पर बना पुल बहा

रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ने वाला लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है.

पहली बरसात में बहा अस्थायी पुल.
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Published : Jun 26, 2019, 10:11 AM IST

Updated : Jun 26, 2019, 10:30 AM IST

पिथौरागढ़: रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ने वाला लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है. पुल बहने से बागेश्वर जिले के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं. इस जगह पर बना स्थायी झूलापुल पिछली बरसात में भी ध्वस्त हो गया था. बावजूद एक साल बाद भी रामगंगा पर पुल का निर्माण न होने से स्थानीय लोगों में रोष है.

bridge collapsed
पहली बरसात में बहा अस्थायी पुल.

रामगंगा नदी पर बना लकड़ी का ये अस्थायी पुल बागेश्वर जिले के खेती, भकोना, केंचुवा, कालापैर समेत कई गांवों को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ता है. लेकिन पहली बरसात में ही पुल के बह जाने के कारण इन गांवों के स्कूली बच्चों समेत सभी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों को 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.

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पहली बरसात में बहा अस्थायी पुल.

पढे़ं: 'लक्ष्मी' को दया मृत्यु दिए जाने की खबरें फर्जी, डीएफओ बोले- हो रहा सुधार

गौरतलब है कि पिछले साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद ये झूलापुल रामगंगा में समा गया था. इस जगह पर लोनिवि ने डेढ़ सौ मीटर लंबी ट्राली लगाई थी. लेकिन ट्राली में असुविधा होने के कारण ग्रामीणों ने श्रमदान से ये अस्थायी पुल बनाया था.

पिथौरागढ़: रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ने वाला लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है. पुल बहने से बागेश्वर जिले के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं. इस जगह पर बना स्थायी झूलापुल पिछली बरसात में भी ध्वस्त हो गया था. बावजूद एक साल बाद भी रामगंगा पर पुल का निर्माण न होने से स्थानीय लोगों में रोष है.

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पहली बरसात में बहा अस्थायी पुल.

रामगंगा नदी पर बना लकड़ी का ये अस्थायी पुल बागेश्वर जिले के खेती, भकोना, केंचुवा, कालापैर समेत कई गांवों को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ता है. लेकिन पहली बरसात में ही पुल के बह जाने के कारण इन गांवों के स्कूली बच्चों समेत सभी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों को 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.

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पहली बरसात में बहा अस्थायी पुल.

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गौरतलब है कि पिछले साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद ये झूलापुल रामगंगा में समा गया था. इस जगह पर लोनिवि ने डेढ़ सौ मीटर लंबी ट्राली लगाई थी. लेकिन ट्राली में असुविधा होने के कारण ग्रामीणों ने श्रमदान से ये अस्थायी पुल बनाया था.

Intro:नोट- सर इस खबर में फ़ोटो ही है। wtsapp ग्रुप में भेजी है।

पिथौरागढ़: रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को नाचनी से जोड़ने वाला लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है। पुल बहने से बागेश्वर जिले के कई गाँव प्रभावित हो रहे है। इस स्थान पर बना स्थायी झूलापुल पिछली बरसात में ध्वस्त हो गया था। एक साल बाद भी रामगंगा पर पुल का निर्माण ना होने से स्थानीय लोगों में रोष है।

पहली बरसात में ही रामगंगा नदी पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है। ये पुल बागेश्वर जिले के खेती, भकोना, केंचुवा, कालापैर समेत कई गांवों को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ता है। मगर अब पुल टूटने से लोगों को 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर नाचनी आना पड़ेगा। बागेश्वर जिले के इन सीमांत गांवों के बच्चे स्कूल पड़ने के लिए नाचनी आते है जिनके लिए ये पुल ही आवाजाही का एकमात्र जरिया था। गौर हो कि पिछले साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को पिथौरागढ़ से जोड़ने वाला झूलापुल रामगंगा में समां गया था। इस जगह पर लोनिवि ने डेढ़ सौ मीटर लंबी ट्राली लगाई थी। मगर ट्राली में असुविधा होने के कारण ग्रामीणों ने श्रमदान से ये अस्थायी पुल बनाया था।


Body:पिथौरागढ़: रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को नाचनी से जोड़ने वाला लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है। पुल बहने से बागेश्वर जिले के कई गाँव प्रभावित हो रहे है। इस स्थान पर बना स्थायी झूलापुल पिछली बरसात में ध्वस्त हो गया था। एक साल बाद भी रामगंगा पर पुल का निर्माण ना होने से स्थानीय लोगों में रोष है।

पहली बरसात में ही रामगंगा नदी पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल बह गया है। ये पुल बागेश्वर जिले के खेती, भकोना, केंचुवा, कालापैर समेत कई गांवों को पिथौरागढ़ के नाचनी क्षेत्र से जोड़ता है। मगर अब पुल टूटने से लोगों को 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर नाचनी आना पड़ेगा। बागेश्वर जिले के इन सीमांत गांवों के बच्चे स्कूल पड़ने के लिए नाचनी आते है जिनके लिए ये पुल ही आवाजाही का एकमात्र जरिया था। गौर हो कि पिछले साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने से बागेश्वर जिले को पिथौरागढ़ से जोड़ने वाला झूलापुल रामगंगा में समां गया था। इस जगह पर लोनिवि ने डेढ़ सौ मीटर लंबी ट्राली लगाई थी। मगर ट्राली में असुविधा होने के कारण ग्रामीणों ने श्रमदान से ये अस्थायी पुल बनाया था।


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Last Updated : Jun 26, 2019, 10:30 AM IST
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