ETV Bharat / state

पहाड़ों में अंधविश्वास की खबरों ने पकड़ा जोर, अब कोयले से कोरोना का इलाज - coronavirus safety

पूरी दुनिया के वैज्ञानिक जहां कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं. इसी बीच पिथौरागढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कोरोना की दवा खोजने का दावा कर रहे हैं. हालांकि, यह महज अंधविश्वास है.

pithoragarh corona news
pithoragarh corona news
author img

By

Published : Mar 29, 2020, 4:18 PM IST

बेरीनाग: कोरोना के कहर से बचने के लिए जहां पूरी दुनिया में अभी तक कोई दवा नहीं बना सकी है. वहीं, पड़ोसी देश नेपाल और उत्तराखंड पिथौरागढ़ जनपद के विकास खंड बेरीनाग, गंगोलीहाट, मुनस्यारी, धारचूला और डीडीहाट सभी विकासखंडों के गांवों के ग्रामीणों इसकी दवा खोजने का दावा कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घर के सामने कुछ दूरी पर जमीन खोदने पर कोयला निकलने व उससे दवा बनाने की खबर हैरान करने वाली है. हालांकि, यह अंधविश्वास है.

पहाड़ों में अंधविश्वास की खबरों ने पकड़ा जोर.

इन दिनों पूरी दिनया कोरोना के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रही है. कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में पूरे विश्व के वैज्ञानिक जुटे हैं. इसी बीच अंविश्वास की खबरों ने भी जोर पकड़ लिया है. प्रदेश के पिथौरागढ़ जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने इसकी दवा खोज ली है. अब यह खबर कितनी सच है इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है. लोग घर के सामने जमीन खोदकर कोयला निकालकर रहे हैं और उससे कोरोना वायरस को मारने का दावा कर रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड कोविड-19 ट्रैकर: प्रदेश में मरीजों की संख्या 06, देश में मरने वालों संख्या हुई 25

ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा अर्चना के साथ गांव में लोगों में उत्साह बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि उत्तराखंड देवों की भूमि है. यहां पर कोई रोग या बिमारी नहीं फैल सकती. लोग अपने घरों की चौखट खोद कर कोयला निकालने का प्रयास कर रहे हैं. कई घरों में निकल भी गया लोग पूजा अर्चना कर रहे है. इस खबर को आस्था कहें या अंधविश्वास लेकिन यह खबर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, अधिकारियों ने इसकी पड़ता शुरू कर दी है.

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कोरोना बाबा की तस्वीर खूब वायरल हुई थी. बीमारी को कमाई का जरिया बनाने वाले कथित तांत्रिक बाबा और झाड़ा लगाने वाले कई ढोंगी भी सामने आ गए थेस, जो महज 10-11 रुपये में कोरोना वायरस को दूर भगाने का दावा कर रहे थे. हालांकि, पुलिस ने 11 रुपये के ताबीज से कोरोना वायरस का इलाज करने का दावा करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.

बेरीनाग: कोरोना के कहर से बचने के लिए जहां पूरी दुनिया में अभी तक कोई दवा नहीं बना सकी है. वहीं, पड़ोसी देश नेपाल और उत्तराखंड पिथौरागढ़ जनपद के विकास खंड बेरीनाग, गंगोलीहाट, मुनस्यारी, धारचूला और डीडीहाट सभी विकासखंडों के गांवों के ग्रामीणों इसकी दवा खोजने का दावा कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घर के सामने कुछ दूरी पर जमीन खोदने पर कोयला निकलने व उससे दवा बनाने की खबर हैरान करने वाली है. हालांकि, यह अंधविश्वास है.

पहाड़ों में अंधविश्वास की खबरों ने पकड़ा जोर.

इन दिनों पूरी दिनया कोरोना के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रही है. कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में पूरे विश्व के वैज्ञानिक जुटे हैं. इसी बीच अंविश्वास की खबरों ने भी जोर पकड़ लिया है. प्रदेश के पिथौरागढ़ जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने इसकी दवा खोज ली है. अब यह खबर कितनी सच है इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है. लोग घर के सामने जमीन खोदकर कोयला निकालकर रहे हैं और उससे कोरोना वायरस को मारने का दावा कर रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड कोविड-19 ट्रैकर: प्रदेश में मरीजों की संख्या 06, देश में मरने वालों संख्या हुई 25

ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा अर्चना के साथ गांव में लोगों में उत्साह बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि उत्तराखंड देवों की भूमि है. यहां पर कोई रोग या बिमारी नहीं फैल सकती. लोग अपने घरों की चौखट खोद कर कोयला निकालने का प्रयास कर रहे हैं. कई घरों में निकल भी गया लोग पूजा अर्चना कर रहे है. इस खबर को आस्था कहें या अंधविश्वास लेकिन यह खबर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, अधिकारियों ने इसकी पड़ता शुरू कर दी है.

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कोरोना बाबा की तस्वीर खूब वायरल हुई थी. बीमारी को कमाई का जरिया बनाने वाले कथित तांत्रिक बाबा और झाड़ा लगाने वाले कई ढोंगी भी सामने आ गए थेस, जो महज 10-11 रुपये में कोरोना वायरस को दूर भगाने का दावा कर रहे थे. हालांकि, पुलिस ने 11 रुपये के ताबीज से कोरोना वायरस का इलाज करने का दावा करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.