पिथौरागढ़: स्नातकोत्तर में प्रवेश शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी के विरोध में छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि स्नातकोत्तर में प्रवेश शुल्क 2200 से बढ़ाकर 3800 कर दिया गया है. ऐसे में छात्र खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. छात्रों ने शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी वापस नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
छात्रों का कहना है कि सीमांत जिले की विपरीत भौगोलिक और आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए पिथौरागढ़ में एक अलग विश्वविद्यालय की मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला, लेकिन नया विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में खोल दिया गया और पिथौरागढ़ महाविद्यालय को कैंपस का दर्जा दे दिया गया. वहीं, अब स्नातकोत्तर में प्रवेश शुल्क बढ़ाकर गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन, फीस एक्ट के नाम पर थमाया झुनझुना
छात्रों का कहना है कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर बोझ तो बढ़ा ही है. साथ ही कोरोना से खत्म हुए आय के स्रोतों से दुश्वारियां भी बढ़ी है. फीस में हुई अत्यधिक वृद्धि से गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे. छात्रों ने शुल्क वृद्धि को वापस लेने के लिए कुलपति को भी ज्ञापन भेजा है.
ये भी पढ़ेंः राइंका चमकोट का भवन निर्माण 10 सालों से अधर में लटका, कड़ाके की ठंड में पढ़ाई कर रहे छात्र
छात्रा मुस्कान का कहना है कि अगर फीस में हुई वृद्धि वापस नहीं होती तो मुझ जैसे कई छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे. मैंने और मेरे दोस्तों ने आपस में रुपए जमा करके फीस जमा की थी. वहीं, छात्रा अंजलि का कहना है कि वो गांव से पिथौरागढ़ शहर में उच्च शिक्षा ग्रहण करने आई थी और यहां किराए पर रहती हैं. कोरोना और महंगाई के कारण वैसे ही आर्थिक दबाव बढ़ा है. फीस बढ़ने से उनपर दोहरी मार पड़ी है.