बेरीनाग: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम उन महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने समाज के लिए कुछ अलग किया है. ऐसी ही एक महिला विनीता बाफिला हैं, जो महिलाओं के लिए अलख जगाने का काम कर रही हैं. डेढ़ साल पहले विनीता ने समाज के लिए कुछ करने की ठानी. इसके लिए उन्होंने गांव से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा. चुनाव जीतने के बाद विनीता के काम को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ब्लॉक प्रमुख का टिकट दिया. बेरीनाग विकासखंड की जनता ने विनीता को ब्लॉक प्रमुख का ताज पहनाया. उनके कंधों पर 84 गांवों के विकास की जिम्मेदारी आ गयी.
विनीता गांवों के विकास की योजनायें तैयार कर रही थीं कि चार माह के बाद दुनिया की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन में भी विनीता ने बखूबी काम किया. विनीता ने क्षेत्र के दर्जनों गांवों में जाकर सैकड़ों लोगों को राशन वितरण करने के साथ उन्हें कोरोना के प्रति जागरूक किया. हजारों मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया. मैदानी क्षेत्रों में फंसे हुए प्रवासियों को घरों तक पहुंचाने में भी उन्होंने बड़ा योगदान दिया है.
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विनीता ने कोरोना के दौरान घरों को लौटे युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 4 हजार से अधिक लोगों के जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिलाया और स्वरोजगार के प्रति जागरूक किया. विकास खंड के अधिकाश गांवों में महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए महिला समूहों का गठन भी किया. महिला समूहों को स्वरोजगार हेतु विभिन्न विभागों से अनुदान में ऋण दिलाया. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.
विनीता बताती हैं कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. लेकिन पहाड़ की महिलाओं को योजनाओं की समय पर जानकारी नहीं मिल पाती है. जिससे वो इन योजनाओं को लाभ नहीं उठा पाती हैं. पिछले डेढ़ साल से वो कोशिश कर रही हैं कि महिलाओं को ज्यादा-ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए हमेशा आगे आना चाहिए.