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पिथौरागढ़ में 'आतंक का अंत', जॉय हुकिल ने आदमखोर तेंदुए को किया ढेर - पिथौरागढ़ न्यूज

पिथौरागढ़ के पपदेव इलाके में बीते एक महीन से तेंदुए ने आतंक मचा रखा था. पालतू जानवरों  से लेकर इंसानों तक को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया था.

आदमखोर तेंदुए का अंत
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Published : Oct 5, 2019, 6:37 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 7:04 PM IST

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय से सटे पपदेव गांव में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर तेंदुए का अंत हो गया है. शुक्रवार रात को शिकारी जॉय हुकिल ने आदमखोर को पपदेव गांव के भीतर ही मार गिराया. आदमखोर तेंदुए ने एक महिला को मौत के घाट उतारने के साथ ही कई लोगों को घायल किया था.

शिकारी जॉय हुकिल की टीम बीते एक माह से आदमखोर की तलाश में जुटी हुई थी. आदमखोर तेंदुए के मारे जाने से ग्रामीणों ने राहत का सांस ली है. जॉय हुकिल की माने तो आदमखोर की पहचान करना काफी कठिन था. क्योंकि पपदेव इलाके में काफी तेंदुए हैं. शिकारी जॉय हुकिल ने इसे अपना 34वां शिकार बनाया. तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम करने के बाद इसके शव को जला दिया जाएगा.

पढ़ें- वन विभाग को मिले 26 नए फॉरेस्ट रेंजर्स, देखिये खास बातचीत

आदमखोर तेंदुए उम्र 5 साल बताई जा रही है. जानकारों का कहना है कि गुलदार हफ्ते भर से भूखा भी था. तेंदुए के नाखून घिसे हुए थे. जिस कारण वो जंगली जानवरों का शिकार नहीं कर पा रहा था. पपदेव के वन क्षेत्र में अभी भी आधा दर्जन गुलदार मौजूद है मगर मारे गए गुलदार को ही वन विभाग द्वारा आदमखोर गुलदार बताया जा रहा है. आदमखोर गुलदार की मौत की खबर सुनते ही लोगों ने अब राहत की सांस ली है.

आदमखोर तेंदुए का अंत

बता दें कि पिथौरागढ़ के पपदेव इलाके में बीते एक महीन से तेंदुए ने आतंक मचा रखा था. पालतू जानवरों से लेकर इंसानों तक को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया था. पपदेव गांव में तेंदुए के हमले से एक महिला की मौत भी हो गई थी. जिसके बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया और उसे मारने के लिए शिकारी शूटर जॉय हुकिल को बुलाया गया था. शिकारी ने रविवार रात को तेंदुए का शिकार किया.

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय से सटे पपदेव गांव में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर तेंदुए का अंत हो गया है. शुक्रवार रात को शिकारी जॉय हुकिल ने आदमखोर को पपदेव गांव के भीतर ही मार गिराया. आदमखोर तेंदुए ने एक महिला को मौत के घाट उतारने के साथ ही कई लोगों को घायल किया था.

शिकारी जॉय हुकिल की टीम बीते एक माह से आदमखोर की तलाश में जुटी हुई थी. आदमखोर तेंदुए के मारे जाने से ग्रामीणों ने राहत का सांस ली है. जॉय हुकिल की माने तो आदमखोर की पहचान करना काफी कठिन था. क्योंकि पपदेव इलाके में काफी तेंदुए हैं. शिकारी जॉय हुकिल ने इसे अपना 34वां शिकार बनाया. तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम करने के बाद इसके शव को जला दिया जाएगा.

पढ़ें- वन विभाग को मिले 26 नए फॉरेस्ट रेंजर्स, देखिये खास बातचीत

आदमखोर तेंदुए उम्र 5 साल बताई जा रही है. जानकारों का कहना है कि गुलदार हफ्ते भर से भूखा भी था. तेंदुए के नाखून घिसे हुए थे. जिस कारण वो जंगली जानवरों का शिकार नहीं कर पा रहा था. पपदेव के वन क्षेत्र में अभी भी आधा दर्जन गुलदार मौजूद है मगर मारे गए गुलदार को ही वन विभाग द्वारा आदमखोर गुलदार बताया जा रहा है. आदमखोर गुलदार की मौत की खबर सुनते ही लोगों ने अब राहत की सांस ली है.

आदमखोर तेंदुए का अंत

बता दें कि पिथौरागढ़ के पपदेव इलाके में बीते एक महीन से तेंदुए ने आतंक मचा रखा था. पालतू जानवरों से लेकर इंसानों तक को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया था. पपदेव गांव में तेंदुए के हमले से एक महिला की मौत भी हो गई थी. जिसके बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया और उसे मारने के लिए शिकारी शूटर जॉय हुकिल को बुलाया गया था. शिकारी ने रविवार रात को तेंदुए का शिकार किया.

Intro:पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय से सटे पपदेव गांव में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर तेंदुए का अंत हो गया है। बीती रात शिकारी जॉय हुकिल ने आदमखोर को पपदेव गांव के भीतर ही मार गिराया। आदमखोर तेंदुए ने एक महिला को मौत के घाट उतारने के साथ ही कई लोगों को घायल किया था। शिकारी जॉय हुकिल की टीम बीते एक माह से आदमखोर की तलाश में जुटी थी। आदमखोर लेपर्ड के मारे जाने से ग्रामीणों ने राहत का सांस ली है। जॉय हुकिल की माने तो आदमखोर की पहचान करना काफी कठिन था, क्यूंकि पपदेव इलाके में काफी लेपर्ड हैं। शिकारी जॉय हुकिल ने इसे अपना 34 वां शिकार बनाया। मारे गए लेपर्ड का पीएम कराकर शव को जला दिया गया है।

Body:पिथौरागढ़ के पपदेव गांव में पिछले एक महीने से गुलदार ने तांडव मचाया हुआ था। पालतू जानवरों के साथ ही गुलदार इंसानों पर भी लगातार हमले कर रहा था। पपदेव गाँव मे गुलदार के हमले में हुई महिला की मौत के बाद वन विभाग ने इस गुलदार को आदमखोर घोषित कर शूटर जॉय हुकिल को शिकार की अनुमति दी थी। पिछले एक महीने से गुलदार लगातार शिकारियों को चकमा दे रहा था। बीती रात जॉय हुकिल ने आदमखोर गुलदार को मौत के घाट उतार दिया। आदमखोर गुलदार की उम्र 5 साल बताई जा रही है। जानकारों का कहना है कि गुलदार हफ्ते भर से भूखा भी था और गुलदार के नाखून घिसे हुए थे। जिस कारण वो जंगली जानवरों का शिकार नही कर पा रहा था। पपदेव के वन क्षेत्र में अभी भी आधा दर्जन गुलदार मौजूद है मगर मारे गए गुलदार को ही वन विभाग द्वारा आदमखोर गुलदार बताया जा रहा है। आदमखोर गुलदार की मौत की खबर सुनते ही लोगों ने अब राहत की सांस ली है।

Byte1: ज़ॉय हुकिल, शिकारी

Byte2: विनय भार्गव, डीएफओ, पिथौरागढ़Conclusion:
Last Updated : Oct 5, 2019, 7:04 PM IST
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