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टैक्सी ड्राइवर की बेटी का कमाल, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर फहराया तिरंगा

एवरेस्ट विजेता शीतल ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया है. एल्ब्रुस पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है, जो कॉकस क्षेत्र की कॉकस पर्वत शृंखला में स्थित है. शीतल बेहद गरीब परिवार से हैं. उनके पिता पिथौरागढ़ में टैक्सी चलाते हैं.

Sheetal hoisted the tricolor on Mount Elbrus
शीतल ने माउंट एल्ब्रुस पर फहराया तिरंगा
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Published : Aug 23, 2021, 4:38 PM IST

पिथौरागढ़: एवरेस्ट विजेता शीतल ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है. शीतल ने 5 सदस्यों की टीम के साथ यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया है. शीतल अपनी टीम के साथ 11 अगस्त को दिल्ली से मॉस्को के लिए रवाना हुईं थीं. फ्लाइट लेट होने के कारण पर्वतारोहण का अभियान लेट हो गया था. जिसके बाद शीतल ने 15 अगस्त की दोपहर अपनी टीम के साथ माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया. शीतल की ये सफलता इसलिए महत्वपूर्ण है कि वो बेहद गरीब परिवार से है. उसके पिता टैक्सी चलाकर परिवार पालते हैं.

कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत पिथौरागढ़ की शीतल ने स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराकर देश की आजादी का जश्न मनाया. एवरेस्ट विजेता शीतल समुद्र तल से 5,642 मीटर की ऊंचाई वाली यूरोप की इस चोटी पर सफलतापूर्वक पहुंचीं. माउंट एल्ब्रुस चोटी रूस-जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई 5,642 मीटर है.

Sheetal hoisted the tricolor on Mount Elbrus
टीम के साथ शीतल.

क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) की चार सदस्यों की टीम का नेतृत्व पिथौरागढ़ की शीतल कर रही थीं. शीतल ने एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे दुर्गम पर्वतों को फतह किया है. उनके नाम दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पर्वतारोही होने का रिकॉर्ड है.

शीतल ने बताया 15 अगस्त को यूरोप की यह सबसे ऊंची चोटी फतह करने का उनकी टीम ने प्लान बनाया था. मगर अंतिम क्षण में कोविड महामारी के कारण फ्लाइट रद्द होने के कारण उनकी टीम तीन दिन देरी से मॉस्को पहुंची और 13 अगस्त को 3600 मीटर की ऊंचाई पर अपना बेस कैंप बनाया.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड SDRF के जवान ने रचा इतिहास, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

सुप्त ज्वालामुखी है एल्ब्रुस पर्वत: एल्ब्रुस पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है, जो कॉकस क्षेत्र की कॉकस पर्वत शृंखला में स्थित है और इसके दो शिखर हैं. पश्चिमी शिखर 5,642 मीटर और पूर्वी शिखर 5,629 मीटर ऊंचा है. एवरेस्ट विजेता और सीबीटीएस के संस्थापक योगेश गर्ब्याल ने बताया कि शीतल बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता पिथौरागढ़ में टैक्सी चलाकर परिवार पालते हैं. शीतल की पर्वतारोहण की क्षमता और उनकी प्रतिभा को देखकर विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें सहयोग किया.

पिथौरागढ़: एवरेस्ट विजेता शीतल ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है. शीतल ने 5 सदस्यों की टीम के साथ यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया है. शीतल अपनी टीम के साथ 11 अगस्त को दिल्ली से मॉस्को के लिए रवाना हुईं थीं. फ्लाइट लेट होने के कारण पर्वतारोहण का अभियान लेट हो गया था. जिसके बाद शीतल ने 15 अगस्त की दोपहर अपनी टीम के साथ माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया. शीतल की ये सफलता इसलिए महत्वपूर्ण है कि वो बेहद गरीब परिवार से है. उसके पिता टैक्सी चलाकर परिवार पालते हैं.

कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत पिथौरागढ़ की शीतल ने स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराकर देश की आजादी का जश्न मनाया. एवरेस्ट विजेता शीतल समुद्र तल से 5,642 मीटर की ऊंचाई वाली यूरोप की इस चोटी पर सफलतापूर्वक पहुंचीं. माउंट एल्ब्रुस चोटी रूस-जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई 5,642 मीटर है.

Sheetal hoisted the tricolor on Mount Elbrus
टीम के साथ शीतल.

क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) की चार सदस्यों की टीम का नेतृत्व पिथौरागढ़ की शीतल कर रही थीं. शीतल ने एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे दुर्गम पर्वतों को फतह किया है. उनके नाम दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पर्वतारोही होने का रिकॉर्ड है.

शीतल ने बताया 15 अगस्त को यूरोप की यह सबसे ऊंची चोटी फतह करने का उनकी टीम ने प्लान बनाया था. मगर अंतिम क्षण में कोविड महामारी के कारण फ्लाइट रद्द होने के कारण उनकी टीम तीन दिन देरी से मॉस्को पहुंची और 13 अगस्त को 3600 मीटर की ऊंचाई पर अपना बेस कैंप बनाया.

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सुप्त ज्वालामुखी है एल्ब्रुस पर्वत: एल्ब्रुस पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है, जो कॉकस क्षेत्र की कॉकस पर्वत शृंखला में स्थित है और इसके दो शिखर हैं. पश्चिमी शिखर 5,642 मीटर और पूर्वी शिखर 5,629 मीटर ऊंचा है. एवरेस्ट विजेता और सीबीटीएस के संस्थापक योगेश गर्ब्याल ने बताया कि शीतल बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता पिथौरागढ़ में टैक्सी चलाकर परिवार पालते हैं. शीतल की पर्वतारोहण की क्षमता और उनकी प्रतिभा को देखकर विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें सहयोग किया.

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