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अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर टिकट को लेकर घमासान, भाजपा और कांग्रेस से कई दावेदार

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Published : Mar 12, 2019, 7:38 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो गया है. अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फेहरिश्त है. यहां मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच तय है. टिकट पाने के लिए दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश में लगे हुए हैं.

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर घमासान

पिथौरागढ़: आचार संहिता लागू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो गया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे है. बात अगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फ़ेहरिश्त है. आइये आपको बतातें है वो कौन-कौन दावेदार हैं, जो इस आरक्षित सीट से टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर भाजपा व कांग्रेस से अनेक नेता दावेदारी कर रहे हैं

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा से अजय टम्टा सांसद हैं जो मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री हैं. इस बार भी टम्टा की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है. इसके अलावा इस सीट से राज्यमंत्री रेखा आर्य भी दावा ठोक चुकी हैं.

साथ ही भाजपा के पास यशपाल आर्य का विकल्प भी खुला है, मगर यशपाल की पहली पसंद नैनीताल लोकसभा सीट है. बागेश्वर से लगातार भाजपा के टिकट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे चंदन राम दास भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की आस लगा रहे हैं. चंदन राम दास 3 बार लगातार भाजपा के टिकट से बागेश्वर सीट पर विधायक का चुनाव जीत चुके हैं.

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के भी कई नेता शुभकामना संदेशों के जरिये अपनी दावेदारी कर चुके हैं. इस सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा प्रबल दावेदार हैं, मगर उनकी दावेदारी में पेंच फंस रहा है.

प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल 2021 तक है. चुनाव जीतने की स्थिति में टम्टा को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा. इस्तीफे के बाद ये सीट भाजपा की झोली में जानी तय है. प्रदीप टम्टा के अलावा गीता ठाकुर, पीसीसी सदस्य हरीश चंद्र आर्य, सज्जन लाल भी पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिये अपनी दावेदारी जता चुके हैं.

भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई गीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रही हैं. गीता ठाकुर पूर्व में गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं. पीसीसी सदस्य हरीश चंद्र आर्य भी टिकट के दावेदार हैं. हरीश चंद्र आर्य कुमाऊं केशरी खुशीराम के पौत्र हैं. वहीं कांग्रेस नेता सज्जन लाल टम्टा भी अपना टिकट पक्का मान रहे हैं.
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है. दोनों ही मुख्य दलों से टिकट पाने के लिए सभी दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश की हुई है, मगर पार्टी हाईकमान किस नेता की दावेदारी पर मोहर लगाएगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.

पिथौरागढ़: आचार संहिता लागू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो गया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे है. बात अगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फ़ेहरिश्त है. आइये आपको बतातें है वो कौन-कौन दावेदार हैं, जो इस आरक्षित सीट से टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर भाजपा व कांग्रेस से अनेक नेता दावेदारी कर रहे हैं

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा से अजय टम्टा सांसद हैं जो मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री हैं. इस बार भी टम्टा की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है. इसके अलावा इस सीट से राज्यमंत्री रेखा आर्य भी दावा ठोक चुकी हैं.

साथ ही भाजपा के पास यशपाल आर्य का विकल्प भी खुला है, मगर यशपाल की पहली पसंद नैनीताल लोकसभा सीट है. बागेश्वर से लगातार भाजपा के टिकट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे चंदन राम दास भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की आस लगा रहे हैं. चंदन राम दास 3 बार लगातार भाजपा के टिकट से बागेश्वर सीट पर विधायक का चुनाव जीत चुके हैं.

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के भी कई नेता शुभकामना संदेशों के जरिये अपनी दावेदारी कर चुके हैं. इस सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा प्रबल दावेदार हैं, मगर उनकी दावेदारी में पेंच फंस रहा है.

प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल 2021 तक है. चुनाव जीतने की स्थिति में टम्टा को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा. इस्तीफे के बाद ये सीट भाजपा की झोली में जानी तय है. प्रदीप टम्टा के अलावा गीता ठाकुर, पीसीसी सदस्य हरीश चंद्र आर्य, सज्जन लाल भी पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिये अपनी दावेदारी जता चुके हैं.

भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई गीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रही हैं. गीता ठाकुर पूर्व में गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं. पीसीसी सदस्य हरीश चंद्र आर्य भी टिकट के दावेदार हैं. हरीश चंद्र आर्य कुमाऊं केशरी खुशीराम के पौत्र हैं. वहीं कांग्रेस नेता सज्जन लाल टम्टा भी अपना टिकट पक्का मान रहे हैं.
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है. दोनों ही मुख्य दलों से टिकट पाने के लिए सभी दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश की हुई है, मगर पार्टी हाईकमान किस नेता की दावेदारी पर मोहर लगाएगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.

Intro:पिथौरागढ़: आचार संहिता लागू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे है। बात अगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फ़ेहरिश्त है। आइये आपको बताते है वो कौन-कौन दावेदार है जो इस आरक्षित सीट से टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा से अजय टम्टा सांसद है जो मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी रहे है। इस बार भी इस संसदीय सीट से अजय टम्टा की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है। इसके अलावा इस सीट से राज्यमंत्री रेखा आर्य भी दावा ठोक चुकी है। साथ भाजपा के पास यशपाल आर्य का विकल्प भी खुला है मगर यशपाल की पहली पसंद नैनीताल लोकसभा सीट है। बागेश्वर से लगातार भाजपा के टिकट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे चंदन राम दास भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की आस लगा रहे है। चंदन राम दास 3 बार लगातार भाजपा के टिकट से बागेश्वर सीट पर विधायक का चुनाव जीत चुके है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के भी कई नेता शुभकामना संदेशों के जरिये अपनी दावेदारी कर चुके है। इस सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा प्रबल दावेदार है मगर उनकी दावेदारी में पेंच फस रहा है। प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल 2021 तक है। चुनाव जीतने की स्थिति में टम्टा को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा। इस्तीफे के बाद ये सीट किसी भाजपा की झोली में जानी तय है। प्रदीप टम्टा के अलावा गीता ठाकुर, पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य, सज्जन लाल भी पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिये अपनी दावेदारी जता चुके हैं। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई गीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रही हैं। गीता ठाकुर पूर्व में गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य भी टिकट के दावेदार है, हरीश चंद्र आर्य कुमाऊं केशरी खुसी राम के पौत्र है। वही कांग्रेस नेता सज्जन लाल टम्टा भी अपना टिकट पक्का मान रहे है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है। दोनों ही मुख्य दलों से टिकट पाने के लिए सभी दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश की हुई है। मगर पार्टी हाईकमान किस नेता की दावेदारी पर फाइनल मोहर लगाएगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

मयंक जोशी, ई टी वी भारत, पिथौरागढ़


Body:पिथौरागढ़: आचार संहिता लागू होने के साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 की रणभेरी बज चुकी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे है। बात अगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के टिकट से दावेदारी करने वालों की लंबी फ़ेहरिश्त है। आइये आपको बताते है वो कौन-कौन दावेदार है जो इस आरक्षित सीट से टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से वर्तमान में भाजपा से अजय टम्टा सांसद है जो मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी रहे है। इस बार भी इस संसदीय सीट से अजय टम्टा की दावेदारी सबसे मजबूत दिख रही है। इसके अलावा इस सीट से राज्यमंत्री रेखा आर्य भी दावा ठोक चुकी है। साथ भाजपा के पास यशपाल आर्य का विकल्प भी खुला है मगर यशपाल की पहली पसंद नैनीताल लोकसभा सीट है। बागेश्वर से लगातार भाजपा के टिकट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे चंदन राम दास भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की आस लगा रहे है। चंदन राम दास 3 बार लगातार भाजपा के टिकट से बागेश्वर सीट पर विधायक का चुनाव जीत चुके है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के भी कई नेता शुभकामना संदेशों के जरिये अपनी दावेदारी कर चुके है। इस सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा प्रबल दावेदार है मगर उनकी दावेदारी में पेंच फस रहा है। प्रदीप टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल 2021 तक है। चुनाव जीतने की स्थिति में टम्टा को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा। इस्तीफे के बाद ये सीट किसी भाजपा की झोली में जानी तय है। प्रदीप टम्टा के अलावा गीता ठाकुर, पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य, सज्जन लाल भी पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिये अपनी दावेदारी जता चुके हैं। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई गीता ठाकुर भी दावेदारी पेश कर रही हैं। गीता ठाकुर पूर्व में गंगोलीहाट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है। पी सी सी सदस्य हरीश चंद्र आर्य भी टिकट के दावेदार है, हरीश चंद्र आर्य कुमाऊं केशरी खुसी राम के पौत्र है। वही कांग्रेस नेता सज्जन लाल टम्टा भी अपना टिकट पक्का मान रहे है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना तय है। दोनों ही मुख्य दलों से टिकट पाने के लिए सभी दावेदार अपने समर्थन में जोर आजमाइश की हुई है। मगर पार्टी हाईकमान किस नेता की दावेदारी पर मोहर लगाएगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

मयंक जोशी, ई टी वी भारत, पिथौरागढ़


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