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कैलाश मानसरोवर यात्रा: पिथौरागढ़ पहुंचा दूसरा दल, साझा किए यात्रा के अनुभव

45 तीर्थयात्रियों का दूसरा दल कैलाश मानसरोवर यात्रा कर वापस पिथौरागढ़ पहुंच चुका है. यहां पुहंच श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें वहां जाकर ऐसा लगा जैसे वे स्वर्ग में आ गये हैं. साथ ही उन्होंने आईटीबीपी और एसडीआरएफ का भी शुक्रिया अदा किया.

कैलाश मानसरोवर यात्रा कर वापस लौटा दल.
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Published : Jul 5, 2019, 6:34 PM IST

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी कर तीर्थयात्रियों का दूसरा दल पिथौरागढ़ लौट आया है. 45 तीर्थयात्रियों के इस दल में 7 महिलाएं भी शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन से भावविभूत दिख रहे हैं. विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थयात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों के जोश में कोई कमी नहीं दिख रही है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा कर वापस लौटा दल.

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर श्रद्धालुओं का दल वापस पिथौरागढ़ पहुंच चुका है. यहां पहुंचकर भक्त अल्मोड़ा के लिए रवाना हो गये हैं. जहां वे जागेश्वर धाम के दर्शन कर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे. तीर्थयात्रियों ने अपने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यात्रा का सबसे सुखद अनुभव तब होता है जब डोलमा से कैलाश पर्वत के दर्शन किये जाते हैं.

पढे़ं- बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ संख्या ने बढ़ाई चिंता, मास्टर प्लान पर कब होगा काम ?

श्रद्धालुओं ने बताया कि कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा से साक्षात स्वर्ग में आने का अनुभव होता है. यात्रियों ने यात्रा के सफल संचालन के लिए केएमवीएन, आईटीबीपी और एसडीआरएफ का शुक्रिया अदा किया. यात्रियों ने बताया कि यात्रा के दौरान मौसम पूरी तरह मेहरबान रहा. जिस कारण यात्रा के दौरान कोई भी समस्या नहीं हुई.

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी कर तीर्थयात्रियों का दूसरा दल पिथौरागढ़ लौट आया है. 45 तीर्थयात्रियों के इस दल में 7 महिलाएं भी शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन से भावविभूत दिख रहे हैं. विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थयात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों के जोश में कोई कमी नहीं दिख रही है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा कर वापस लौटा दल.

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर श्रद्धालुओं का दल वापस पिथौरागढ़ पहुंच चुका है. यहां पहुंचकर भक्त अल्मोड़ा के लिए रवाना हो गये हैं. जहां वे जागेश्वर धाम के दर्शन कर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे. तीर्थयात्रियों ने अपने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यात्रा का सबसे सुखद अनुभव तब होता है जब डोलमा से कैलाश पर्वत के दर्शन किये जाते हैं.

पढे़ं- बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ संख्या ने बढ़ाई चिंता, मास्टर प्लान पर कब होगा काम ?

श्रद्धालुओं ने बताया कि कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा से साक्षात स्वर्ग में आने का अनुभव होता है. यात्रियों ने यात्रा के सफल संचालन के लिए केएमवीएन, आईटीबीपी और एसडीआरएफ का शुक्रिया अदा किया. यात्रियों ने बताया कि यात्रा के दौरान मौसम पूरी तरह मेहरबान रहा. जिस कारण यात्रा के दौरान कोई भी समस्या नहीं हुई.

Intro:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी कर तीर्थ यात्रियों का दूसरा दल पिथौरागढ़ लौट आया है। 45 तीर्थयात्रियों के इस दल में 7 महिलाएं भी शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित है। विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थ यात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों में जोश की कोई कमी देखने को नही मिल रही।

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे यात्रियों के दूसरे जत्थे ने पिथौरागढ़ टीआरसी में लंच किया और इसके बाद ये दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया है। कल जागेश्वर धाम के दर्शन कर ये दल दिल्ली के लिए रवाना होगा। पिथौरागढ़ पहुंचने पर यात्रियों ने अपने अनुभवों को साझा किए। तीर्थयात्रियों ने बताया कि यात्रा का सबसे सुखद अनुभव तब होता है जब वो डोलमा से कैलाश पर्वत के दर्शन करते है। श्रद्धालुओं ने बताया कि कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा से ऐसा अनुभव होता है मानो वो साक्षात स्वर्ग में आ गए हो। यात्रियों ने यात्रा के सफल संचालन के लिए केएमवीएन, आईटीबीपी और एसडीआरएफ का शुक्रिया अदा किया। यात्रियों ने बताया कि यत्रे के दौरान पूरी तरह मौसम मेहरबान रहा जिस कारण कोई समस्या नही हुई।

Byte1: अजय कुमार सिंह, तीर्थयात्री, लखनऊ
Byte2: जयेश बेगौर, तीर्थयात्री, मुंबई



Body:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी कर तीर्थ यात्रियों का दूसरा दल पिथौरागढ़ लौट आया है। 45 तीर्थयात्रियों के इस दल में 7 महिलाएं भी शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित है। विश्व की सबसे दुर्गम तीर्थ यात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों में जोश की कोई कमी देखने को नही मिल रही।

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे यात्रियों के दूसरे जत्थे ने पिथौरागढ़ टीआरसी में लंच किया और इसके बाद ये दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया है। कल जागेश्वर धाम के दर्शन कर ये दल दिल्ली के लिए रवाना होगा। पिथौरागढ़ पहुंचने पर यात्रियों ने अपने अनुभवों को साझा किए। तीर्थयात्रियों ने बताया कि यात्रा का सबसे सुखद अनुभव तब होता है जब वो डोलमा से कैलाश पर्वत के दर्शन करते है। श्रद्धालुओं ने बताया कि कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा से ऐसा अनुभव होता है मानो वो साक्षात स्वर्ग में आ गए हो। यात्रियों ने यात्रा के सफल संचालन के लिए केएमवीएन, आईटीबीपी और एसडीआरएफ का शुक्रिया अदा किया। यात्रियों ने बताया कि यत्रे के दौरान पूरी तरह मौसम मेहरबान रहा जिस कारण कोई समस्या नही हुई।

Byte1: अजय कुमार सिंह, तीर्थयात्री, लखनऊ
Byte2: जयेश बेगौर, तीर्थयात्री, मुंबई



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