बेरीनाग: उत्तराखंड राज्य को बने हुए 18 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन आजतक यहां के लोगों को सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पाई है. आज भी पहाड़ी जिलों के दूरस्थ गांव में ग्रामीणों को कई किमी पैदल चलाना पड़ता है. पहाड़ में सरकार के विकास कार्यों को आईना दिखाने के लिए उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक दिवंगत पप्पू कार्की का हीपा गांव एक उदाहरण, जहां आजादी के 70 और उत्तराखंड बनने के करीब 18 साल बाद भी सड़क नहीं पहुंच पाई है.
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हीपा गांव में वर्तमान में करीब 100 से ज्यादा परिवार निवास करते है, लेकिन इस गांव के लोगों को आजतक सड़क नसीब नहीं हुई. ये स्थिति तब है, जब दो साल पहले ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हिपा गांव के लिए सड़क स्वीकृत हो चुकी है. बावजूद इसके अबतक सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका.
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प्रशासन और संबंधित विभाग की लापरवाही की खामियाजा ग्रामीणों को भुगताना पड़ रहा है. ग्रामीण की माने तो पिछले साल गायक पप्पू कार्की की मौत के बाद कैबिनेट मंत्री से लेकर सीएम त्रिवेंद्र के प्रतिनिधि गांव आए थे. इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया था.
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ग्रामीण के मुताबिक सड़क की मांग को लेकर वो कई बार स्थानीय प्रशासन से भी गुहार लगा चुके है, लेकिन हर बार वो अपने आप को ठगा हुआ से महसूस करते है. ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया था वो इस बार बड़ा आंदोलन करेंगे.
हालांकि जब इस बारे में क्षेत्र के स्थानीय विधायक मीना गंगोला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सड़क की स्वीकृति हो गयी है, लेकिन वन विभाग के कारण देरी हो रही है. इस बारे में विभाग को आदेशित किया गया है. जल्द ही गांव वालों को सड़क मिलेगा.