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पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा ने तेज किए विरोध के स्वर, राजनीतिक दलों को दिया ऑफर

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों को अपनी एजेंडे में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा शामिल करने पर प्रदेश भर के 80 हजार कर्मयों का समर्थन देने का ऑफर दिया है.

restoration of old pension united
पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा
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Published : Jan 19, 2022, 10:29 AM IST

पौड़ीः राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने पौड़ी में बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की एकमात्र मांग को लेकर संघर्ष किया जा रहा है. सरकारों की बेरुखी से मोर्चा पूरी तरह से त्रस्त है और आर-पार की लड़ाई का मन बना चुका है.

उन्होंने कहा कि मोर्चे के हित को देखते हुए जो भी पार्टी अपनी एजेंडे में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा शामिल करेगी. उसे प्रदेश भर के 80 हजार कर्मियों का समर्थन मिलेगा. सीताराम पोखरियाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब समय आर-पार की लड़ाई का है और अब वह अपने पेंशन के हक के लिए उस पार्टी के पक्षधर रहेंगे, जो नई पेंशन को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा करेगी.

ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Assembly Election: केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने BJP से मांगे दो टिकट

पुरानी पेंशन योजनाः वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था. इसकी जगह नई पेंशन स्कीम लागू कर दी. इसके बाद राज्य सरकारों ने भी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर न्यू पेंशन स्कीम लागू कर दी. नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है. इसके बाद से राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग के समर्थन में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. पिछले 18 वर्षों से लगातार कर्मचारी इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं.

पौड़ीः राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने पौड़ी में बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की एकमात्र मांग को लेकर संघर्ष किया जा रहा है. सरकारों की बेरुखी से मोर्चा पूरी तरह से त्रस्त है और आर-पार की लड़ाई का मन बना चुका है.

उन्होंने कहा कि मोर्चे के हित को देखते हुए जो भी पार्टी अपनी एजेंडे में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा शामिल करेगी. उसे प्रदेश भर के 80 हजार कर्मियों का समर्थन मिलेगा. सीताराम पोखरियाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब समय आर-पार की लड़ाई का है और अब वह अपने पेंशन के हक के लिए उस पार्टी के पक्षधर रहेंगे, जो नई पेंशन को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा करेगी.

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पुरानी पेंशन योजनाः वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था. इसकी जगह नई पेंशन स्कीम लागू कर दी. इसके बाद राज्य सरकारों ने भी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर न्यू पेंशन स्कीम लागू कर दी. नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है. इसके बाद से राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग के समर्थन में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. पिछले 18 वर्षों से लगातार कर्मचारी इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं.

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