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पिथौरागढ़ में तवाघाट-लिपुलेख सड़क कई दिनों से बंद, सेना को हेलीकॉप्टर द्वारा रसद की सप्लाई

इस बार बारिश की वजह से चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाली अधिकतर सड़कें लैंडस्लाइड की वजह से बंद पड़ी हुई हैं. वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर भी शुरू हो गया है. ऐसे में बॉर्डर आउट पोस्टों पर तैनान सैनिकों के लिए हेलीकॉप्टर से सामग्री भेजी जा रही है. ताकि सर्दियों में उन्हें किसी तरह दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

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Published : Sep 18, 2021, 10:49 PM IST

पिथौरागढ़
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पिथौरागढ़: डीडीहाट में तवाघाट-लिपुलेख सड़क के कई दिनों से बंद होने के कारण चीन सीमा पर स्थित बीओपी में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों के लिए रसद आपूर्ति प्रभावित हो गई है. वहीं, उच्च हिमालयी क्षेत्र में अब बर्फबारी भी शुरू हो गई है. रसद आपूर्ति मुश्किल न हो जाए, इसलिए सेना ने अपने जवानों के लिए हेलीकॉप्टर से राशन पहुंचाना शुरू कर दिया है.

जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार सड़क खुलने के बाद सड़क मार्ग से भी सेना की चौकियों के लिए राशन भेजा जाएगा. चीन और नेपाल सीमा की सुरक्षा में सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान तैनात हैं. इनके लिए बॉर्डर आउट पोस्टों (बीओपी) में सड़क मार्ग से राशन की आपूर्ति की जाती है. इस साल आपदा के कारण सीमा को जोड़ने वाली सड़क के बंद होने से रसद आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जबकि सितंबर पहले सप्ताह से उच्च हिमालयी इलाकों में बर्फबारी भी होने लगी है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा पर आने से पहले जानें गाइडलाइन, पहले दिन इतने श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

सेना की कुछ बीओपी ऐसे स्थानों पर हैं, जहां पर पांच से 15 फीट तक बर्फबारी होती है. ऐसे में शीतकाल के लिए भी सितंबर तक पूरा राशन वहां पहुंचा दिया जाता है. तीन माह पूर्व बह गई दारमा और चौदास की कई सड़कों को नहीं खोला जा सका है. धारचूला-तवाघाट-घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क पर भी लगातार मलबा आने और कई स्थानों पर पहाड़ियां टूटने से बरसात में यातायात बाधित रहा है.

पिथौरागढ़: डीडीहाट में तवाघाट-लिपुलेख सड़क के कई दिनों से बंद होने के कारण चीन सीमा पर स्थित बीओपी में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों के लिए रसद आपूर्ति प्रभावित हो गई है. वहीं, उच्च हिमालयी क्षेत्र में अब बर्फबारी भी शुरू हो गई है. रसद आपूर्ति मुश्किल न हो जाए, इसलिए सेना ने अपने जवानों के लिए हेलीकॉप्टर से राशन पहुंचाना शुरू कर दिया है.

जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार सड़क खुलने के बाद सड़क मार्ग से भी सेना की चौकियों के लिए राशन भेजा जाएगा. चीन और नेपाल सीमा की सुरक्षा में सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान तैनात हैं. इनके लिए बॉर्डर आउट पोस्टों (बीओपी) में सड़क मार्ग से राशन की आपूर्ति की जाती है. इस साल आपदा के कारण सीमा को जोड़ने वाली सड़क के बंद होने से रसद आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जबकि सितंबर पहले सप्ताह से उच्च हिमालयी इलाकों में बर्फबारी भी होने लगी है.

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सेना की कुछ बीओपी ऐसे स्थानों पर हैं, जहां पर पांच से 15 फीट तक बर्फबारी होती है. ऐसे में शीतकाल के लिए भी सितंबर तक पूरा राशन वहां पहुंचा दिया जाता है. तीन माह पूर्व बह गई दारमा और चौदास की कई सड़कों को नहीं खोला जा सका है. धारचूला-तवाघाट-घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क पर भी लगातार मलबा आने और कई स्थानों पर पहाड़ियां टूटने से बरसात में यातायात बाधित रहा है.

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