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पंचायत चुनाव मतगणना में पीठासीन अधिकारी पर लापरवाही का आरोप, हस्ताक्षर नहीं होने से मिली हार

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद गड़बड़ियों का मामला सामने आने लगा है. इसी क्रम में पौड़ी और पिथौरागढ़ में भी पीठासीन अधिकारी की गलती की वजह से कई वोट मतगणना के दौरान निरस्त कर दिए गए.

पंचायत चुनाव के मतगणना में गड़बड़ी का आरोप.
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Published : Oct 24, 2019, 7:49 PM IST

पौड़ी/पिथौरागढ़: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद गड़बड़ियों के मामले भी सामने आ रहे हैं. ताजा मामला जनपद पौड़ी और पिथौरागढ़ का है. जहां पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी ने मत पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं किए. जिस कारण उन वोटों को मतगणना के दौरान अवैध कर दिया गया. वहीं, पीठासीन अधिकारी की गलती की वजह से हारे हुए प्रत्याशी और ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इस मामले कार्रवाई की मांग की है.

पंचायत चुनाव के मतगणना में गड़बड़ी का आरोप.

पौड़ी के एकेश्वर ब्लॉक के मुसासू ग्राम सभा के पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी ने 111 मत पत्रों पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए थे, जिस कारण इन मतों को मतगणना के दौरान अवैध माना गया. इन मतों के अवैध होने के बाद हारे हुए प्रत्याशियों ने आज जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात की और उनकी समस्याओं का समाधान कर पीठासीन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

वहीं इस मामले में जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह ने कहा कि जनपद पौड़ी में ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन पीठासीन अधिकारी द्वारा 111 मतों पर हस्ताक्षर नहीं किया जाना गंभीर है. जिस कारण पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण देने को कहा है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनीं शालिनी, Etv Bharat से बताई प्राथमिकता

उधर, पिथौरागढ़ के कनालीछीना विकासखण्ड के बगड़ीहाट और रसगाडी क्षेत्र पंचायत के ग्रामीणों ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने आज डीएम कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र पंचायत बगड़ीहाट और रसगाडी में चुनाव के दौरान मतपत्रों में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हुए थे. जिस कारण तीतरी बूथ में 74 वोट और हिनकोट बूथ में 38 वोट निरस्त हुए.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वोट निरस्त होने की वजह से बहुमत होने के बावजूद उनके प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे न्यायालय जाएंगे.

पौड़ी/पिथौरागढ़: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद गड़बड़ियों के मामले भी सामने आ रहे हैं. ताजा मामला जनपद पौड़ी और पिथौरागढ़ का है. जहां पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी ने मत पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं किए. जिस कारण उन वोटों को मतगणना के दौरान अवैध कर दिया गया. वहीं, पीठासीन अधिकारी की गलती की वजह से हारे हुए प्रत्याशी और ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इस मामले कार्रवाई की मांग की है.

पंचायत चुनाव के मतगणना में गड़बड़ी का आरोप.

पौड़ी के एकेश्वर ब्लॉक के मुसासू ग्राम सभा के पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी ने 111 मत पत्रों पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए थे, जिस कारण इन मतों को मतगणना के दौरान अवैध माना गया. इन मतों के अवैध होने के बाद हारे हुए प्रत्याशियों ने आज जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात की और उनकी समस्याओं का समाधान कर पीठासीन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

वहीं इस मामले में जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह ने कहा कि जनपद पौड़ी में ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन पीठासीन अधिकारी द्वारा 111 मतों पर हस्ताक्षर नहीं किया जाना गंभीर है. जिस कारण पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण देने को कहा है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनीं शालिनी, Etv Bharat से बताई प्राथमिकता

उधर, पिथौरागढ़ के कनालीछीना विकासखण्ड के बगड़ीहाट और रसगाडी क्षेत्र पंचायत के ग्रामीणों ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने आज डीएम कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र पंचायत बगड़ीहाट और रसगाडी में चुनाव के दौरान मतपत्रों में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हुए थे. जिस कारण तीतरी बूथ में 74 वोट और हिनकोट बूथ में 38 वोट निरस्त हुए.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वोट निरस्त होने की वजह से बहुमत होने के बावजूद उनके प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे न्यायालय जाएंगे.

Intro:त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद गड़बड़ियों के अलग-अलग मामले प्रकाश में आ रहे हैं ताजा मामला जनपद पौड़ी के एकेश्वर ब्लॉक के मुसासू ग्राम सभा का है जहां पर पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी की ओर से 111 मत पत्रों पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए गए जिन्हें मतगणना के दौरान अवैध माना गया। इन मतों के अवैध होने के बाद हारे हुए प्रत्याशियों ने आज जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। हारे हुए प्रत्याशी ने कहा कि उनके बूथ पर कुल 211 मत पड़े हैं जिसमें 111 मत पत्रों में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे जिससे कि 100 वोटों पर ही फैसला हो गया और वह मांग कर रहे हैं कि पीठासीन अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।


Body:ग्राम सभा मुसासू के ग्राम प्रधान प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पोलिंग बूथ में 211 मत पड़े जिसमें 111 मतों को इसलिए निरस्त कर दिया गया कि उसमें संबंधित पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं थे। 100 वोटों में ही चुनाव का फैसला हो गया उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी की गलतियों का हर्जाना उन्हें भरना पड़ रहा है उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि ऐसे पीठासीन अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह ने कहा कि जनपद पौड़ी में बहुत से मामले प्रकाश में आ रहे हैं लेकिन पीठासीन अधिकारी की ओर से 111 पदों पर हस्ताक्षर नहीं किए गए जोकि गंभीर विषय है उन्होंने कहा कि मतगणना से पूर्व सभी को इसकी अच्छे से ट्रेनिंग दी गई थी कि उन्हें किन किन बातों का ध्यान रखना है और विकास अधिकारी की ओर से 111 मत पत्रों पर हस्ताक्षर न करना बहुत बड़ी गलती है इसलिए उन पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण देने को कहा है और प्रथम दृष्टि में पीठासीन अधिकारी की गलती होने के चलते उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
बाईट-सुरेंद्र सिंह(प्रधान प्रत्याशी)
बाईट-धीराज सिंह गर्ब्याल(जिलाधिकारी पौड़ी)


Conclusion:
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