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भारत-चीन स्थलीय व्यापार में 320 व्यापारी करेंगे शिरकत, 76 ट्रेड पास हुए जारी

उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के रास्ते भारत और चीन के बीच होने वाले व्यापार को लेकर ट्रेड पास देने की प्रक्रिया तेज हो गई है. 320 व्यापारियों को इस बार पास दिया जाएगा, जो पास मिलते ही तिब्बती मंडी की ओर रुख करेंगे

भारत-चीन स्थलीय व्यापार.
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Published : Jun 19, 2019, 2:59 PM IST

पिथौरागढ़: लिपुलेख दर्रे से होने वाले भारत चीन स्थलीय व्यापार की तैयारियां तेज हो गयी हैं. पिथौरागढ़ प्रशासन ने व्यापार में शिरकत करने वाले व्यापारियों के पास बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विदेश मंत्रालय ने इस बार 320 व्यापारियों के पास बनाने की अनुमति दे दी है, जिनमें से प्रशासन ने अबतक 76 व्यापारियों को ट्रेड पास जारी कर दिए हैं.

भारत-चीन स्थलीय व्यापार.

तिब्बती मंडी तकलाकोट में लगने वाला ये अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला हर साल जून से अक्टूबर माह तक आयोजित किया जाता है. ट्रेडपास जारी होते ही व्यापारी तिब्बती मंडी का रुख करना शुरू कर देते हैं. फिलहाल कोई भी व्यापारी तिब्बती मंडी नहीं पहुंचा है.

पढ़ें- सबसे साफ हिल स्टेशन बनेगा मसूरी, नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क ने शुरू किया अभियान

बता दें कि भारत और चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों को और बेहतर बनाने और व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए साल 1993 से भारत चीन स्थलीय व्यापार शुरू किया गया था. इसके लिए भारतीय क्षेत्र में गुंजी और चीन में तिब्बती मंडी तकलाकोट को व्यापारिक केंद्र बनाया गया है. यहां के व्यापारी हर साल भारत से गुड़, मिश्री, तंबाकू, कॉस्मेटिक सामग्री और माचिस लेकर चीन जाते हैं जबकि चीन से रेडीमेट कपड़े, जूते, कंबल इत्यादि समान आयात करते हैं.

पिथौरागढ़: लिपुलेख दर्रे से होने वाले भारत चीन स्थलीय व्यापार की तैयारियां तेज हो गयी हैं. पिथौरागढ़ प्रशासन ने व्यापार में शिरकत करने वाले व्यापारियों के पास बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विदेश मंत्रालय ने इस बार 320 व्यापारियों के पास बनाने की अनुमति दे दी है, जिनमें से प्रशासन ने अबतक 76 व्यापारियों को ट्रेड पास जारी कर दिए हैं.

भारत-चीन स्थलीय व्यापार.

तिब्बती मंडी तकलाकोट में लगने वाला ये अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला हर साल जून से अक्टूबर माह तक आयोजित किया जाता है. ट्रेडपास जारी होते ही व्यापारी तिब्बती मंडी का रुख करना शुरू कर देते हैं. फिलहाल कोई भी व्यापारी तिब्बती मंडी नहीं पहुंचा है.

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बता दें कि भारत और चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों को और बेहतर बनाने और व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए साल 1993 से भारत चीन स्थलीय व्यापार शुरू किया गया था. इसके लिए भारतीय क्षेत्र में गुंजी और चीन में तिब्बती मंडी तकलाकोट को व्यापारिक केंद्र बनाया गया है. यहां के व्यापारी हर साल भारत से गुड़, मिश्री, तंबाकू, कॉस्मेटिक सामग्री और माचिस लेकर चीन जाते हैं जबकि चीन से रेडीमेट कपड़े, जूते, कंबल इत्यादि समान आयात करते हैं.

Intro:पिथौरागढ़: लिपुलेख दर्रे से आयोजित होने वाला भारत चीन स्थलीय व्यापार की तैयारियां तेज हो गयी है। पिथौरागढ़ प्रशासन ने व्यापार में शिरकत करने वाले व्यापारियों के पास बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय ने इस बार 320 व्यापारियों के पास बनाने की अनुमति दी है। जिनमे से प्रशासन ने अब तक 76 व्यापारियों को ट्रेड पास जारी कर दिए है।

तिब्बती मंडी तकलाकोट में होने वाला अंतराष्ट्रीय व्यापार मेला जून से अक्टूबर माह तक आयोजित होता है। ट्रेडपास जारी होने के बाद जल्द ही व्यापारी तिब्बती मंडी का रुख करेंगे। फिलहाल अभी कोई भी व्यापारी तिब्बती मंडी नही पहुंचा है। आपको बता दें कि भारत और चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों को ओर बेहतर बनाने और व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए 1993 से भारत चीन स्थलीय व्यापार शुरू किया गया था। इसके लिए भारतीय क्षेत्र में गुंजी और चीन में तिब्बती मंडी तकलाकोट को व्यापारिक केंद्र बनाया गया है। इस व्यापार में हर साल भारतीय व्यापारी गुड़, मिश्री, तंबाकू, कॉस्मेटिक सामग्री और माचिस लेकर चीन जाते हैं जबकि चीन से रेडीमेट कपड़े, जूते, कंबल इत्यादि समान आयात करते है।


Body:नोट- सर इस खबर के फ़ाइल विसुअल मेल से भेजे है।

पिथौरागढ़: लिपुलेख दर्रे से आयोजित होने वाला भारत चीन स्थलीय व्यापार की तैयारियां तेज हो गयी है। पिथौरागढ़ प्रशासन ने व्यापार में शिरकत करने वाले व्यापारियों के पास बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय ने इस बार 320 व्यापारियों के पास बनाने की अनुमति दी है। जिनमे से प्रशासन ने अब तक 76 व्यापारियों को ट्रेड पास जारी कर दिए है।

तिब्बती मंडी तकलाकोट में होने वाला अंतराष्ट्रीय व्यापार मेला जून से अक्टूबर माह तक आयोजित होता है। ट्रेडपास जारी होने के बाद जल्द ही व्यापारी तिब्बती मंडी का रुख करेंगे। फिलहाल अभी कोई भी व्यापारी तिब्बती मंडी नही पहुंचा है। आपको बता दें कि भारत और चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों को ओर बेहतर बनाने और व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए 1993 से भारत चीन स्थलीय व्यापार शुरू किया गया था। इसके लिए भारतीय क्षेत्र में गुंजी और चीन में तिब्बती मंडी तकलाकोट को व्यापारिक केंद्र बनाया गया है। इस व्यापार में हर साल भारतीय व्यापारी गुड़, मिश्री, तंबाकू, कॉस्मेटिक सामग्री और माचिस लेकर चीन जाते हैं जबकि चीन से रेडीमेट कपड़े, जूते, कंबल इत्यादि समान आयात करते है।

Byte: वरुण अग्रवाल, ट्रेड अधिकारी, भारत चीन स्थलीय व्यापार


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