पिथौरागढ़: कुमाऊं दौरे पर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने उत्तराखंड के पहाड़ से पलायन को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने अपने संबोधन में पलायन का जिक्र करते हुए महत्वपूर्ण संदेश दिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से खाली होते पहाड़ हमारी सीमाओं के लिए भी काफी खतरनाक हैं.
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पीएम मोदी ने पलायन पर बात करते हुए कहा कि अब आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए आने वाले कुछ समय में केंद्र सरकार और राज्य सरकार बड़े कदम उठाने जा रही है. लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की लागत से आपदा से निपटने का इंतजाम किया जाएगा. इतना ही नहीं, मानसखंड प्रोजेक्ट के तहत चारधाम मंदिरों से कुमाऊं के मंदिरों को भी जोड़ा जाएगा. यह सब उत्तराखंड में रोजगार को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित होगा. पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग उत्तराखंड से पलायन करके जा चुके हैं, उनसे वह आग्रह कर रहे हैं कि अब वह समय आ गया है कि जब आप पहाड़ों में वापस जाकर रहें.
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सीमाओं तक पहुंचा रहे रेल से लेकर सड़क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार की योजनाओं की बातें की. उन्होंने उत्तराखंड में चल रही केंद्रीय योजनाओं का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने सीमाओं पर हो रहे निर्माण को लेकर भी कहा. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें सीमाओं पर निर्माण करने से इसलिए डरती थी कि कहीं दुश्मन उनका इस्तेमाल करके देश को ही नुकसान ना पहुंचाए. लेकिन अब ऐसा नहीं है. ना हम डरते हैं और ना ही डराते हैं. इसलिए सड़क से लेकर रेल को अपनी सीमाओं तक पहुंचा रहे हैं.
पीएम मोदी का संकल्प: संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मेरा यह खुद का संकल्प है कि 'उत्तराखंड का पानी और उत्तराखंड की जवानी, उत्तराखंड के काम नहीं आती' इस प्रथा को तोड़ना है. उत्तराखंड का पानी और उत्तराखंड की जवानी, उत्तराखंड के काम आ सकती है. हम आने वाले समय में उत्तराखंड को इस तरह विकसित करने जा रहे हैं.