पिथौरागढ़: जिले में पिछले दो दिन हुई भारी बारिश के बाद आज (बुधवार) भले ही मौसम साफ हो गया है, मगर जिले की लाइफ लाइन कहे जाने वाले नेशनल हाईवे-9 समेत कुल 40 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं. इसके चलते पिथौरागढ़ का संपर्क शेष दुनिया से पूरी तरह कट गया है और जिले की लाखों की आबादी कैद होकर रह गई है.
पिथौरागढ़ में बीते 2 दिन हुई मूसलाधार बारिश से जिले की सड़कें बंद हो गई हैं. जिले में तेल और राशन जैसे जरूरी सामान की सप्लाई भी ठप हो गई है. वहीं, जिले में लगातार दूसरे दिन भी संचार सेवा ठप रही, जिसके चलते उपभोक्ताओं को भारी फजीहत झेलनी पड़ी. आपदा संबंधित जानकारियां भी प्रशासन तक समय पर नहीं पहुंच सकी.
पिछले दो दिनों तक हुई भारी बारिश ने पिथौरागढ़ जिले के हालात बद से बदतर कर दिए हैं. बारिश की वजह से सड़कें नालों में तब्दील हो गई हैं. वहीं, पहाड़ों से लगातार बोल्डर और मलबा सड़कों पर गिर रहा है, जो लोगों के लिए खतरे का सबब बन हुआ है. लगातार हो रहे भूस्खलन को देखते हुए प्रशासन ने फिलहाल नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया है.
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भूस्खलन की वजह से जिला मुख्यालय के ऐंचोली में कई घर खतरे की जद में आ गए हैं. इसे देखते हुए प्रभावित परिवार अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं. जिले की काली और सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते नदी किनारे मौजूद कई मकानों को खतरा हो गया है.
आसमानी आफत ने पिथौरागढ़ के बालाकोट गांव में भी जमकर तबाही मचाई है. यहां पहाड़ी से आए भारी मलबे की चपेट में आने से दर्जन भर से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. प्रभावित घरों में से एक घर में पोल्ट्री फार्म भी था, जिसमें ढाई हजार से अधिक मुर्गियां थी. बरसाती पानी और मलबे की चपेट में आने से सभी मुर्गियों की मौत हो गई है. यही नहीं घरों को भी भारी नुकसान हुआ है. प्रभावितों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.