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सरकार ने दे दी एंबुलेंस लेकिन नहीं दिया ड्राइवर, मरीज हो रहे परेशान

सामुदायिक स्वास्थय केंद्र बेरीनीग में चालक न होने के चलते पिछले दो सालों से एम्बुलेंस का संचालन नहीं हो पा रहा है

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Published : May 22, 2019, 10:05 AM IST

एम्बुलेंस

बेरीनाग: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेरीनीग में चालक न होने के चलते पिछले दो साल से एम्बुलेंस का संचालन नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, ब्लॉक प्रमुख रेखा भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वाहन चालक की नियुक्ति को लेकर कई बार मांग की जा चुकी है. लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पढ़ें: अब नहीं चलेगी विक्रम संचालकों की मनमानी, नियम तोड़ा तो नपेंगे चालक

गौरतलब है कि स्वास्थ महकमा स्वयं सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत संभाल रहे है. बावजूद इसके बेरीनाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले दो सालों से एम्बुलेंस चालक नहीं है. जिसके चलते बागेश्वर और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों से आए लोगों को प्राइवेट वाहनों से हायर सेंटर जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एम्बुलेंस चालक न होने की वजह से मरीजों और खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: 'सरकार' से कर वसूलने की तैयारी में दून नगर निगम, 65 से 70 करोड़ रुपये रेवेन्यू का लक्ष्य

वहीं, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सिद्धार्थ पाटनी ने कहा कि दो साल पहले चालक को सेवानिवृत्त कर दिया गया था. जिसके बाद से यहां पर चालक की नियुक्ति नहीं हुई है. यही कारण है कि एम्बुलेंस का संचालन नहीं हो पा रहा है.

बेरीनाग: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेरीनीग में चालक न होने के चलते पिछले दो साल से एम्बुलेंस का संचालन नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, ब्लॉक प्रमुख रेखा भंडारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वाहन चालक की नियुक्ति को लेकर कई बार मांग की जा चुकी है. लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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गौरतलब है कि स्वास्थ महकमा स्वयं सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत संभाल रहे है. बावजूद इसके बेरीनाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले दो सालों से एम्बुलेंस चालक नहीं है. जिसके चलते बागेश्वर और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों से आए लोगों को प्राइवेट वाहनों से हायर सेंटर जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एम्बुलेंस चालक न होने की वजह से मरीजों और खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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वहीं, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सिद्धार्थ पाटनी ने कहा कि दो साल पहले चालक को सेवानिवृत्त कर दिया गया था. जिसके बाद से यहां पर चालक की नियुक्ति नहीं हुई है. यही कारण है कि एम्बुलेंस का संचालन नहीं हो पा रहा है.

Intro:परेशानी Body:
वाहन चालक नही होने से पिछले दो वर्ष से खड़ी है एबुलेंस

बेरीनाग।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेरीनाग में पिछले दो वर्ष से वाहन चालक नही होेने के कारण एबुलेंस खड़ी है।जिससे यहां पर मरीजों को लाने और कई बार यहां पर मरीजों को बाहर रेफर करने के लिए एबुलेंस होेने के बाद भी उसका लाभ नही मिल पाता है। दो वर्ष पूर्व वाहन चालक के सेवानिवृत्त होेने के बाद चालक की नियुक्ति नही हुई है। स्थानीय लोगांें ने पूर्व में कई बार एबुलंेंस के चालक की नियुक्ति की मांग की जा चुकी है।पूर्व में कई बार गंभीर रोगियों को एबुलेंस होेने के बाद भी प्राईवेट वाहनों से हायर सेंटर जाना पड़ता है। ब्लाक प्रमुख रेखा भंडारी ने कहा कि पिछले दो वर्ष से वाहन चालक के बिना एबुलेंस को खड़ा किया जाना मरीजों के साथ खिलवाड़ है इस स्वास्थ्य केन्द्र पिथौरागढ़ और बागेश्वर जनपद के मरीज यहां पर आते है कई बार एबुलेंस नही होेने से परेशानी होती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से यहां पर शीघ्र वाहन चालक की नियुक्ति करने की मांग की है।
डां सिद्धार्थ पाटनी प्रभारी चिकित्साधिकारी बेरीनाग-यहां पर दो वर्ष पूर्व चालक के सेवानिवृत्त होेने के बाद यहां पर चालक नही होने के कारण एबुलंेंस का संचालन नही कर पा रहे है। संविदा या अन्य माध्यमों से चालकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर कई बार मुख्य चिकित्साधिकारी को अवगत करा दिया है उनके स्तर से ही चालक की नियुक्ति की जायेगी।Conclusion:लापरवाही
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