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स्टॉफ नर्स के भरोसे चल रहा अस्पताल, व्यवस्था बदहाल - उत्तराखंड अस्पताल

पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग सीएचसी अस्पताल संविदा पर तैनात एक महिला डॉक्टर ही यहां आने वाले सभी मरीजों को देखती हैं. वहीं दोपहर दो बजे के बाद वह भी वापस चली जाती हैं. इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को देखने के लिए केवल स्टाफ नर्स ही है.

अस्पताल में मौजूद स्टॉफ नर्स
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Published : Nov 2, 2019, 2:49 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 3:21 PM IST

बेरीनाग: प्रदेश में जहां एक ओर 20वें स्थापना दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. वहीं प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. पिथौरागढ़ के बेरीनाग स्थित सरकारी अस्पताल में हालत इतने बुरे हैं कि मात्र एक डेंटिस्ट के भरोसे पूरा अस्पताल चलाया जा रहा है.

स्टॉफ नर्स के भरोसे चल रहा अस्पताल

बेरीनाग सीएचसी अस्पताल का जायजा लेने जब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो वहां के हालात ने शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी. यहां पहुंचकर मालूम चला कि संविदा पर तैनात एक महिला डॉक्टर ही यहां आने वाले सभी मरीजों को देखती हैं. वहीं दोपहर दो बजे के बाद वह भी वापस चली जाती हैं. वहीं इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को देखने के लिए केवल स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय ही वहां मौजूद मिले.

पढ़ें- विदेश जाते ही हैक हुए मंत्री मदन कौशिक के सभी सोशल मीडिया अकाउंट, मचा हड़कंप

इस दौरान मरीजों ने निराश होते हुए बताया कि यहां डॉक्टर नहीं हैं. यहां मौजूद स्टॉफ नर्स ही मरीजों को दवाई देती है. जानकारी के अनुसार अस्पताल में 9 डाक्टरों के पद हैं. लेकिन कोई भी डाक्टर मौके पर तैनात नहीं मिला.

वहीं सीएमओ डॉ. उषा गुंज्याल कहना है कि पूरे जिले में ही डाक्टरों की भारी कमी है. उन्होंने बताया कि यहां पर डॉक्टरों की तैनाती के प्रयास किये जा रहे हैं. स्थानीय विधायक मीना गंगोला ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर अस्पताल में डाक्टरों की नियुक्ति करने की बात कही है.

बेरीनाग: प्रदेश में जहां एक ओर 20वें स्थापना दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. वहीं प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. पिथौरागढ़ के बेरीनाग स्थित सरकारी अस्पताल में हालत इतने बुरे हैं कि मात्र एक डेंटिस्ट के भरोसे पूरा अस्पताल चलाया जा रहा है.

स्टॉफ नर्स के भरोसे चल रहा अस्पताल

बेरीनाग सीएचसी अस्पताल का जायजा लेने जब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो वहां के हालात ने शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी. यहां पहुंचकर मालूम चला कि संविदा पर तैनात एक महिला डॉक्टर ही यहां आने वाले सभी मरीजों को देखती हैं. वहीं दोपहर दो बजे के बाद वह भी वापस चली जाती हैं. वहीं इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को देखने के लिए केवल स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय ही वहां मौजूद मिले.

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इस दौरान मरीजों ने निराश होते हुए बताया कि यहां डॉक्टर नहीं हैं. यहां मौजूद स्टॉफ नर्स ही मरीजों को दवाई देती है. जानकारी के अनुसार अस्पताल में 9 डाक्टरों के पद हैं. लेकिन कोई भी डाक्टर मौके पर तैनात नहीं मिला.

वहीं सीएमओ डॉ. उषा गुंज्याल कहना है कि पूरे जिले में ही डाक्टरों की भारी कमी है. उन्होंने बताया कि यहां पर डॉक्टरों की तैनाती के प्रयास किये जा रहे हैं. स्थानीय विधायक मीना गंगोला ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर अस्पताल में डाक्टरों की नियुक्ति करने की बात कही है.

Intro:ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य सुविधाओं का हालBody:
बेरीनाग।
स्लग- स्वाास्थ्य के हाल। ईटीवी भारत ने जाना हाल
बेरीनाग । प्रदेश सरकार राज्य 19 वर्ष पूरे होने का जश्न तो मनाने की तैयारी जोरो पर चल रही है गांव से लगातार पलायन जारी है जिसका मुख्य कारण पहाड़ों मंें स्वास्थ्य सेवाओं नही होना भी है स्वास्थ्य सुविधाओं के हालत को देखने के लिए शुक्रवार देर रात्रि को हमारी चैनल की टीम बेरीनाग सीएचसी में पहुंची जहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया तो बहुत कुछ देखने को मिला। यहा पर 2 बजे के बाद कोई डाक्टर नही आता है मरीजों को देखने के लिए। इमंरजेसी को देखने का स्टाफ नर्स और वांड ब्याय ही देखने को मिले। कुछ मरीजों से वहां पर वार्ता करने की तो बताया कि डाक्टर को बुलाने को कहा तो डाक्टर नही होनेे की बात कहकर स्टाफ नर्स से सिर्फ कुछ दवा की गोली दे दी। जब हमारे संवाददाता ने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया को वहां पर डाक्टरों के बारे में जानकारी ली तो पता चला की यहां पर 9 डाक्टरों के पद है लेकिन कोई भी डाक्टर यहां पर तैनात नही है सीएसमओं डां उषा गुज्याल से से फोन में वार्ता उनसे जब यहां पर डाक्टर नही होने की समस्या को बताया और उन्होने बताया कि पूरे जिले में ही डाक्टरों की भारी कमी है। यहां पर डाक्टर की तैनाती के प्रयास किये जा रहे है। स्थानीय विधायक मीना गंगोला ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर यहां पर डाक्टरों की नियुक्ति करने की बात कही। लेकिन जब तहसील और विकास खंड मुख्यालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हाल होता होगा।
बाइट 1- गणेश शाह मरीज
Conclusion:लापरवाही
Last Updated : Nov 2, 2019, 3:21 PM IST
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