ETV Bharat / state

पिथौरागढ़: थरकोट झील योजना को लगेंगे पंख, नाबार्ड ने स्वीकृत की 29 करोड़ की धनराशि - drinking water supply

जनपद में थरकोट झील के निर्माण के चलते तैयारियां तेज हो गई हैं. इस झील के बनने से पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा. नाबार्ड ने थरकोट झील के निर्माण के लिए 29 करोड़ की धनराशि देना स्वीकृत की है.

थरकोट झील के निर्माण की तैयारियां हुई तेज.
author img

By

Published : Aug 11, 2019, 7:00 PM IST

पिथौरागढ़: जिले में थरकोट झील के निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं. कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने प्रभावितों को मुआवजा देने की कार्य शुरू कर दिया है. इसके बाद झील का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

बता दें कि नाबार्ड की ओर से थरकोट झील के निर्माण के लिए 29 करोड़ की धनराशि दी जानी है. झील के निर्माण से यहां पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा. वहीं, झील के जरिए नगर क्षेत्र को पेयजल की आपूर्ति भी की जाएगी.

थरकोट झील के निर्माण की तैयारियां हुई तेज.

यह भी पढ़ें: खतरे के निशान से 1 मीटर नीचे बह रही अलकनंदा, नदी में समाया घाट

दरअसल, डेढ़ दशक से प्रस्तावित थरकोट झील के निर्माण को वर्तमान सरकार ने अब हरी झंडी दिखा दी है. झील के निर्माण के लिए नाबार्ड ने 20 लाख का टोकन मनी भी जारी कर दिया है. साथ ही कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है. इसके साथ ही सिंचाई विभाग ने प्रभावितों को मुआवजे देने के लिए सरकार से 4.5 करोड़ की धनराशि की डिमांड की है.

यह भी पढ़ें: धीरे-धीरे परवान चढ़ रही होम स्टे योजना, बहुरेंगे सीमांत गांव के दिन

वहीं, थरकोट झील निर्माण क्षेत्र ऑलवेदर सड़क निर्माण के चलते मलबे से पटा हुआ है. ऑलवेदर सड़क की कार्यदायी संस्था एनएचएआई ने झील के निर्माण क्षेत्र में भारी मात्रा में मलबा डाल दिया है. डीएम से नोटिस मिलने के बाद भी एनएचएआई ने मलबा निस्तारण का काम नहीं किया जा रहा है.

पिथौरागढ़: जिले में थरकोट झील के निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं. कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने प्रभावितों को मुआवजा देने की कार्य शुरू कर दिया है. इसके बाद झील का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

बता दें कि नाबार्ड की ओर से थरकोट झील के निर्माण के लिए 29 करोड़ की धनराशि दी जानी है. झील के निर्माण से यहां पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा. वहीं, झील के जरिए नगर क्षेत्र को पेयजल की आपूर्ति भी की जाएगी.

थरकोट झील के निर्माण की तैयारियां हुई तेज.

यह भी पढ़ें: खतरे के निशान से 1 मीटर नीचे बह रही अलकनंदा, नदी में समाया घाट

दरअसल, डेढ़ दशक से प्रस्तावित थरकोट झील के निर्माण को वर्तमान सरकार ने अब हरी झंडी दिखा दी है. झील के निर्माण के लिए नाबार्ड ने 20 लाख का टोकन मनी भी जारी कर दिया है. साथ ही कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है. इसके साथ ही सिंचाई विभाग ने प्रभावितों को मुआवजे देने के लिए सरकार से 4.5 करोड़ की धनराशि की डिमांड की है.

यह भी पढ़ें: धीरे-धीरे परवान चढ़ रही होम स्टे योजना, बहुरेंगे सीमांत गांव के दिन

वहीं, थरकोट झील निर्माण क्षेत्र ऑलवेदर सड़क निर्माण के चलते मलबे से पटा हुआ है. ऑलवेदर सड़क की कार्यदायी संस्था एनएचएआई ने झील के निर्माण क्षेत्र में भारी मात्रा में मलबा डाल दिया है. डीएम से नोटिस मिलने के बाद भी एनएचएआई ने मलबा निस्तारण का काम नहीं किया जा रहा है.

Intro:पिथौरागढ़ : थरकोट झील के निर्माण की तैयारियां तेज हो गयी है। कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग द्वारा प्रभावितों को मुआवजा देने की कार्रवाई की जा रही है। जिसके बाद झील का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। नाबार्ड द्वारा झील के निर्माण के लिए 29 करोड़ की धनराशि दी जानी है। झील बनने से जहां पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। इसके साथ ही झील के जरिये नगर क्षेत्र को पेयजल की आपूर्ति भी की जायेगी।


Body:डेढ़ दशक से प्रस्तावित थरकोट झील के निर्माण को वर्तमान सरकार ने हरी झंडी दी है। झील के निर्माण के लिए नाबार्ड ने 20 लाख की टोकन मनी भी जारी कर दी है साथ ही कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है। लेकिन प्रभावितों को मुआवजा नही दिया गया है। सरकार मुआवजा देने को तैयार है मगर मुआवजा वितरण के लिए धनराशि जारी नही की गई है। सिंचाई विभाग ने प्रभावितों को मुआवजे देने के लिए सरकार से 4.5 करोड़ की धनराशि की डिमांड की है।

वहीं थरकोट झील निर्माण क्षेत्र ऑलवेदर सड़क निर्माण के चलते मलबे से पटा हुआ है। ऑलवेदर सड़क की कार्यदायी संस्था एनएचएआई द्वारा झील क्षेत्र में भारी मात्रा में मलबा डाला गया है। जिलाधिकारी से नोटिस मिलने के बाद भी एनएचएआई ने मलबा निस्तारण का काम नही किया है।

Byte: आर एस धर्मसत्तु, अधिशासी अभियंता, उत्तराखंड पेयजल निगम


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.