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पिथौरागढ़ में बारिश का कहर, दर्जनों गांव का टूटा संपर्क, एक की मौत - Heavy damage due to rain in Pithoragarh

मॉनसून सीजन के शुरुआत में ही भारी बारिश ने पिथौरागढ़ में कहर मचाया है. बारिश और भूस्खलन से जिले के दर्जनों गांव का संपर्क टूट गया है. वहीं, एक व्यक्ति और 9 मवेशी की जान चली गई.

बारिश से भारी नुकसान
बारिश से भारी नुकसान
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Published : Jun 26, 2021, 5:01 PM IST

पिथौरागढ़: जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश (Heavy rain) के चलते जहां दर्जनों सड़कें बंद (roads closed) हैं. वहीं, कईयों के आशियाने जमींदोंज (building collapse) हो गए हैं. यही नहीं पैदल रास्तों और पुलों के टूटने से कई गांव के लोग कैद हो गए हैं. ऐसे में लोगों को कहीं जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालना पड़ता है. फिलहाल लिपुलेख बॉर्डर के 7 और दारमा घाटी के एक दर्जन गांवों से संपर्क पूरी तरह कट गया है.

दर्जनों गांव का टूटा संपर्क.

2013 आपदा (2013 disater) के बाद ये पहला मौका है, जब पहली बरसात ने सीमांत जिले में जमकर कहर ढाया है. आसमानी आफत ने धारचूला, मुनस्यारी और बंगापानी तहसील के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. सड़कें, पैदल रास्ते, पुल और कई मकान बरसात की भेंट चढ़ गए हैं.

ये भी पढ़ें: पहाड़ों की रानी में बादलों ने फिर तोड़ी चुप्पी, झमाझम बारिश

जिला आपदा प्रबंधन (Pithoragarh District Disaster Management) से मिली जानकारी अनुसार जिले की कुल 20 सड़कें भारी लैंडस्लाइड (Landslide) के कारण जगह-जगह बंद हैं. जबकि 18 मकान जमींदोज हो गए हैं. यही नहीं 6 पैदल पुलों के साथ 1 मोटर पुल भी जमींदोंज हुआ है. इस भारी बरसात में एक व्यक्ति और 9 मवेशी अपनी जान गवां चुके हैं.

पैदल रास्ते और सड़कें बंद होने से दुर्गम इलाकों में वैक्सीनेशन का काम भी ठप (Vaccination stopped) पड़ा हुआ है. ऐसे में जरूरत है कि आपदा प्रबंधन तंत्र हर वक्त अलर्ट मोड में रहे ताकि मॉनसून सीजन (monsoon season) में इंसानी जिंदगियों को बचाया जा सके.

पिथौरागढ़: जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश (Heavy rain) के चलते जहां दर्जनों सड़कें बंद (roads closed) हैं. वहीं, कईयों के आशियाने जमींदोंज (building collapse) हो गए हैं. यही नहीं पैदल रास्तों और पुलों के टूटने से कई गांव के लोग कैद हो गए हैं. ऐसे में लोगों को कहीं जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालना पड़ता है. फिलहाल लिपुलेख बॉर्डर के 7 और दारमा घाटी के एक दर्जन गांवों से संपर्क पूरी तरह कट गया है.

दर्जनों गांव का टूटा संपर्क.

2013 आपदा (2013 disater) के बाद ये पहला मौका है, जब पहली बरसात ने सीमांत जिले में जमकर कहर ढाया है. आसमानी आफत ने धारचूला, मुनस्यारी और बंगापानी तहसील के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. सड़कें, पैदल रास्ते, पुल और कई मकान बरसात की भेंट चढ़ गए हैं.

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जिला आपदा प्रबंधन (Pithoragarh District Disaster Management) से मिली जानकारी अनुसार जिले की कुल 20 सड़कें भारी लैंडस्लाइड (Landslide) के कारण जगह-जगह बंद हैं. जबकि 18 मकान जमींदोज हो गए हैं. यही नहीं 6 पैदल पुलों के साथ 1 मोटर पुल भी जमींदोंज हुआ है. इस भारी बरसात में एक व्यक्ति और 9 मवेशी अपनी जान गवां चुके हैं.

पैदल रास्ते और सड़कें बंद होने से दुर्गम इलाकों में वैक्सीनेशन का काम भी ठप (Vaccination stopped) पड़ा हुआ है. ऐसे में जरूरत है कि आपदा प्रबंधन तंत्र हर वक्त अलर्ट मोड में रहे ताकि मॉनसून सीजन (monsoon season) में इंसानी जिंदगियों को बचाया जा सके.

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