ETV Bharat / state

आपदा की मार: खतरे की जद में कई परिवार, जंगलों के बीच टेंट में रहने को मजबूर लोग - बेरीनाग पर आपदा

कूड़ी गांव के लोग पिछले एक दशक से आपदा की मार झेल रहे है. लेकिन आजतक उन्हें विस्थापित नहीं किया है, कई परिवार मजबूरी में टेंट में रहने को मजबूर हैं.

बेरीनाग
बेरीनाग
author img

By

Published : Aug 16, 2020, 7:56 PM IST

बेरीनाग: उत्तराखंड में आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार रात को हुई भारी बारिश के कारण लोहाथल और कूडी गांव में एक दर्जन घर खतरे की जद में आ गए है. कई घरों को नुकसान पहुंचा है. इन घरों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है.

अगस्त का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन मॉनसून का कहर अभी भी जारी है. उत्तराखंड में बारिश ने अभी भी लोगों जीना मुहाल किया है. शनिवार देर रात को हुई भारी बारिश में लोहाथल और कूडी गांव के कई घरों मे मलबा आ गया है. जिससे घरों को काफी नुकसान पहुंचा है. इतना ही नहीं पहाड़ी से आए मलबे के कारण कई घर खतरे की जद में आ गए हैं.

पढ़ें- नगर निगम के दावों पर फिरा पानी, मूसलाधार बारिश में 'तालाब' बना दून अस्पताल

मामले की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार हिमांशु जोशी भी राजस्व उप निरीक्षक विनोद कुमार के साथ मौके पर पहुंचे और आपदा पीड़ित सुन्दर सिंह और हंसी देवी के परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया. नायब तहसीलदार जोशी ने खतरे की जद में आए घरों का आकलन कर पीड़ितों को आपदा मद से नियमानुसार मदद देने की बात कही है.

berinag
खतरे की जद में घर

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कार्की ने बताया कि बारिश के कारण गांव में एक दर्जन से अधिक मकान खतरे की जद में है. शीघ्र यदि इनको शिफ्ट नहीं किया गया तो कभी बड़ा हादसा हो सकता है. पूर्व में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों का शीघ्र मुआवजा देने के साथ सरकार से इन्हें मदद दिलाने की मांग की है.

सामाजिक कार्यकर्ता दीवान चन्याल ने बताया कि कूड़ी गांव में 12 परिवार खतरे की जद में आ गए थे, जिन्हें प्रशासन ने गांव से बाहर टेंटों में शिफ्ट कर दिया था. लेकिन प्रशासन की तरफ से 12 परिवारों को तीन टेंट दिए गए हैं. जिसमें इनका रहना मुश्किल है. इन परिवारों के ऊपर जगंली जानवर कभी भी हमला कर सकते हैं.

पढ़ें- आकाशकामिनी नदी में भू-कटाव जारी, खतरे की जद में कई परिवार

पिछले कई सालों से ग्रामीण आपदा की मार झेल रहे हैं. पहले भी ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग उठाई थी, लेकिन कोई भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है.

दर्जा राज्य मंत्री फकीर राम टम्टा ने गांव में जाकर टेंटों में रह रहे लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही लोगों को विस्थापित किया जाएगा. पिछले एक दशक से कूड़ी गांव में लगातार जमीन में भूस्खलन होने के कारण गांव से लगी हुई जमीन में बड़ी दरारें आने के साथ ही मकानों में भी दरार आई हैं.

बेरीनाग: उत्तराखंड में आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार रात को हुई भारी बारिश के कारण लोहाथल और कूडी गांव में एक दर्जन घर खतरे की जद में आ गए है. कई घरों को नुकसान पहुंचा है. इन घरों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है.

अगस्त का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन मॉनसून का कहर अभी भी जारी है. उत्तराखंड में बारिश ने अभी भी लोगों जीना मुहाल किया है. शनिवार देर रात को हुई भारी बारिश में लोहाथल और कूडी गांव के कई घरों मे मलबा आ गया है. जिससे घरों को काफी नुकसान पहुंचा है. इतना ही नहीं पहाड़ी से आए मलबे के कारण कई घर खतरे की जद में आ गए हैं.

पढ़ें- नगर निगम के दावों पर फिरा पानी, मूसलाधार बारिश में 'तालाब' बना दून अस्पताल

मामले की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार हिमांशु जोशी भी राजस्व उप निरीक्षक विनोद कुमार के साथ मौके पर पहुंचे और आपदा पीड़ित सुन्दर सिंह और हंसी देवी के परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया. नायब तहसीलदार जोशी ने खतरे की जद में आए घरों का आकलन कर पीड़ितों को आपदा मद से नियमानुसार मदद देने की बात कही है.

berinag
खतरे की जद में घर

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कार्की ने बताया कि बारिश के कारण गांव में एक दर्जन से अधिक मकान खतरे की जद में है. शीघ्र यदि इनको शिफ्ट नहीं किया गया तो कभी बड़ा हादसा हो सकता है. पूर्व में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों का शीघ्र मुआवजा देने के साथ सरकार से इन्हें मदद दिलाने की मांग की है.

सामाजिक कार्यकर्ता दीवान चन्याल ने बताया कि कूड़ी गांव में 12 परिवार खतरे की जद में आ गए थे, जिन्हें प्रशासन ने गांव से बाहर टेंटों में शिफ्ट कर दिया था. लेकिन प्रशासन की तरफ से 12 परिवारों को तीन टेंट दिए गए हैं. जिसमें इनका रहना मुश्किल है. इन परिवारों के ऊपर जगंली जानवर कभी भी हमला कर सकते हैं.

पढ़ें- आकाशकामिनी नदी में भू-कटाव जारी, खतरे की जद में कई परिवार

पिछले कई सालों से ग्रामीण आपदा की मार झेल रहे हैं. पहले भी ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग उठाई थी, लेकिन कोई भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है.

दर्जा राज्य मंत्री फकीर राम टम्टा ने गांव में जाकर टेंटों में रह रहे लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही लोगों को विस्थापित किया जाएगा. पिछले एक दशक से कूड़ी गांव में लगातार जमीन में भूस्खलन होने के कारण गांव से लगी हुई जमीन में बड़ी दरारें आने के साथ ही मकानों में भी दरार आई हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.