पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में आदमखोर गुलदारों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. आलम ये है कि लोग शाम होते ही अपने-अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं. जिले में आदमखोर गुलदार अब तक 12 जिंदगियों को अपना निवाला बना चुके हैं. जबकि दो दर्जन से अधिक लोगों को गुलदार ने घायल किया है. वन विभाग बीते 6 महीने में 6 आदमखोर गुलदारों को मौत के घाट उतार चुका है. बावजूद इसके क्षेत्र में लगातार तेंदुए हमलावर हो रहे हैं. इसकी कीमत इंसानों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है.
पिथौरागढ़ जिले में आदमखोर गुलदार आये दिन लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं. दो रोज पूर्व बजेत गांव में गुलदार ने एक महिला पर हमला कर सिर को धड़ से अलग कर दिया था. जिसके बाद से क्षेत्र में फिर से गुलदार की दहशत कायम हो गयी है.
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बीते दिनों वन विभाग ने इसी इलाके में एक आदमखोर गुलदार को मौत के घाट उतारा था. मगर फिर से क्षेत्र में आदमखोर के सक्रिय होने से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वन विभाग के एसडीओ नवीन पंत ने बताया कि जो गुलदार जंगली जानवरों का शिकार करने में सक्षम नहीं है वो आसान शिकार की तलाश में इंसानी इलाकों का रुख कर रहे हैं. आदमखोर सॉफ्ट टारगेट को मौत के घाट उतार रहे हैं.
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वहीं एसडीओ ने बताया कि जिन इलाकों में आदमखोर गुलदार सक्रिय हैं वहां स्थानीय लोगों को जागरूक करने के साथ ही कर्मचारियों की गश्त भी बढ़ा दी गयी है.