ETV Bharat / state

बुरांश के फूलों ने चमकाई पिथौरागढ़ के मदन की किस्मत, जूस बेचकर युवाओं को भी दे रहे रोजगार

पिथौरागढ़ के मदन उपाध्याय बुरांश के जूस और अन्य उपक्रम को रोजगार बनाकर हर साल लाखों कमा रहे हैं. इसके साथ ही वह क्षेत्र के युवाओं रोजगार भी दे रहे हैं. उनका ये काम अन्य युवाओं के लिए रोजगार का अवसर बन रहा है.

BURANSH flower
बुरांश का फूल
author img

By

Published : Feb 23, 2022, 5:13 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 5:51 PM IST

पिथौरागढ़ः थल तहसील के ग्राम पंचायत दयोकाली के 32 वर्षीय मदन उपाध्याय क्षेत्र के युवाओं के लिए स्वरोजगार अपनाने का एक बेहतर उदाहरण बन गए हैं. मदन प्राकृतिक संसाधनों से न केवल सेहतमंद उत्पाद तैयार कर हैं, बल्कि युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. मदन उपाध्याय ने उन्नति स्वायत्त सहकारी संघ का गठन कर रोजगार के अवसर की नई राह पकड़ी है.

थल तहसील के मदन उपाध्याय ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए बुरांश के जूस को रोजगार का माध्यम बनाया है. दरअसल थल क्षेत्र के मुनस्यारी, लामाघर, पमतोड़ी, भातड़ के जंगलों में बुरांश का फूल अधिक संख्या में होता है. बुरांश के जूस की डिमांड उत्तराखंड में भारी मात्रा में रहती है. इसके लिए उन्होंने बुरांश के फूल से जूस निकालने की ट्रेनिंग ली और फिर मुहिम में जुट गए. उन्होंने अपने साथ तीन अन्य युवाओं को भी जोड़ा और थल में ही जूस बनाने की इकाई स्थापित की.

बुरांश के फूलों ने चमकाई पिथौरागढ़ के मदन की किस्मत

मदन उपाध्याय पिछले 3 साल से बुरांश के जूस का व्यापार कर रहे हैं. हर साल वह करीब 700 लीटर जूस बनाते हैं. बुरांश का जूस बाजार में 160 रुपये प्रति लीटर की कीमत से बेचा जाता है. जूस के जरिए मदन उपाध्याय सारा खर्च निकालने के बाद साल का करीब 1 लाख रुपये शुद्ध लाभ के रूप में कमा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने तीन युवाओं को रोजगार भी दिया है, जिन्हें वह 8 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देते हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के जंगलों में लालिमा बिखेर रहा बुरांश, सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद

मदन बताते हैं कि वह जितना जूस तैयार करते रहे हैं उसकी खपत स्थानीय बाजार में आसानी से हो जाती है. जल्द ही वह अपनी इकाई का विस्तार कर उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा मदन उपाध्याय विभिन्न प्रकार के आचार, हल्दी की पिठाई, फूल की खेती, होली का कलर बनाते हैं, जिससे उन्हें सालभर में लगभग 5 लाख रुपये की कमाई होती है. पिछले तीन सालों से वह यही काम कर रहे हैं.

बुरांश में कई पोषक तत्वः राज्य के पर्वतीय जिलों में खिलने वाला बुरांश गहरे लाल रंग का होता है. वनस्पति शास्त्री डॉ. जेसी पंत के मुताबिक बुरांश के फूल की पत्तियों में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और आयरन पाया जाता है. बुरांश में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक गुण होता है. इससे रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है. मधुमेह को नियंत्रित करने में भी यह सहायक होता है.

पिथौरागढ़ः थल तहसील के ग्राम पंचायत दयोकाली के 32 वर्षीय मदन उपाध्याय क्षेत्र के युवाओं के लिए स्वरोजगार अपनाने का एक बेहतर उदाहरण बन गए हैं. मदन प्राकृतिक संसाधनों से न केवल सेहतमंद उत्पाद तैयार कर हैं, बल्कि युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. मदन उपाध्याय ने उन्नति स्वायत्त सहकारी संघ का गठन कर रोजगार के अवसर की नई राह पकड़ी है.

थल तहसील के मदन उपाध्याय ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए बुरांश के जूस को रोजगार का माध्यम बनाया है. दरअसल थल क्षेत्र के मुनस्यारी, लामाघर, पमतोड़ी, भातड़ के जंगलों में बुरांश का फूल अधिक संख्या में होता है. बुरांश के जूस की डिमांड उत्तराखंड में भारी मात्रा में रहती है. इसके लिए उन्होंने बुरांश के फूल से जूस निकालने की ट्रेनिंग ली और फिर मुहिम में जुट गए. उन्होंने अपने साथ तीन अन्य युवाओं को भी जोड़ा और थल में ही जूस बनाने की इकाई स्थापित की.

बुरांश के फूलों ने चमकाई पिथौरागढ़ के मदन की किस्मत

मदन उपाध्याय पिछले 3 साल से बुरांश के जूस का व्यापार कर रहे हैं. हर साल वह करीब 700 लीटर जूस बनाते हैं. बुरांश का जूस बाजार में 160 रुपये प्रति लीटर की कीमत से बेचा जाता है. जूस के जरिए मदन उपाध्याय सारा खर्च निकालने के बाद साल का करीब 1 लाख रुपये शुद्ध लाभ के रूप में कमा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने तीन युवाओं को रोजगार भी दिया है, जिन्हें वह 8 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देते हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के जंगलों में लालिमा बिखेर रहा बुरांश, सेहत के लिए माना जाता है फायदेमंद

मदन बताते हैं कि वह जितना जूस तैयार करते रहे हैं उसकी खपत स्थानीय बाजार में आसानी से हो जाती है. जल्द ही वह अपनी इकाई का विस्तार कर उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा मदन उपाध्याय विभिन्न प्रकार के आचार, हल्दी की पिठाई, फूल की खेती, होली का कलर बनाते हैं, जिससे उन्हें सालभर में लगभग 5 लाख रुपये की कमाई होती है. पिछले तीन सालों से वह यही काम कर रहे हैं.

बुरांश में कई पोषक तत्वः राज्य के पर्वतीय जिलों में खिलने वाला बुरांश गहरे लाल रंग का होता है. वनस्पति शास्त्री डॉ. जेसी पंत के मुताबिक बुरांश के फूल की पत्तियों में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और आयरन पाया जाता है. बुरांश में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक गुण होता है. इससे रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है. मधुमेह को नियंत्रित करने में भी यह सहायक होता है.

Last Updated : Feb 23, 2022, 5:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.