पिथौरागढ़: चीन सीमा से सटे मिलम घाटी को जोड़ने वाली लास्पागाढ़ पुलिया क्षतिग्रस्त स्थिति में है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपनी जान हथेली पर रख आवाजाही कर रहे हैं. लकड़ी की यह पुलिया कभी भी टूट सकती है. इस पुलिया के जरिए माइग्रेशन करने वाले 9 गांवों के लोग और आईटीबीपी एवं सेना के जवान मिलम इलाके में पहुंचते हैं. इतना ही नहीं बॉर्डर पर रसद और जरूरी सामान इसी खतरनाक पुलिया से पहुंचाया जाता है.
लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. वहीं, उत्तराखंड में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग पर पुलिया बहने की कगार पर है. मुनस्यारी-मिलम पैदल मार्ग पर ग्लेशियर से निकलने वाली नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदल पुलिया पर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में इस पुलिया के बहते ही जोहार घाटी में चीन सीमा तक संपर्क टूट सकता है. साथ ही सीमा पर रसद आपूर्ति भी बाधित हो सकती है.
ये भी पढ़ेंः गलवान घाटी में झड़प के बाद चीन सीमा पर अलर्ट हुईं सुरक्षा एजेंसियां
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिया किसी भी समय बह सकती है. पुल के दोनों तरफ के हिस्से बह चुके हैं. हालांकि, चीन सीमा को जोड़ने के लिए बीआरओ मुनस्यारी से मिलम तक सड़क का निर्माण कर रहा है. चीन बॉर्डर तक पहुंचने के लिए 26 किमी मार्ग का निर्माण होना है. मामले में जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे का कहना है कि मुनस्यारी-मिलम पैदल मार्ग के मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को धनराशि जारी कर दी है. जल्द ही नदी पर पुल बनकर तैयार हो जाएगा.