पिथौरागढ़: चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली थल-मुनस्यारी सड़क आपदा की वजह से पूरी तरह बर्बाद हो गयी है. बरसात के दौरान इस सड़क पर जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रहे हैं. जिसके चलते बॉर्डर से लगी हजारों की आबादी के साथ ही सेना की आवाजाही पर भी इसका बड़ा असर पड़ रहा है.
सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण थल-मुनस्यारी रोड पर बरसात के कारण कई स्थानों पर लैंडस्लाइड हो रहा है. जिसके चलते लगातार ये अहम सड़क बाधित हो रही है. थल से मुनस्यारी तक 70 किलोमीटर लंबी इस सड़क में दर्जनों ऐसे डेंजर प्वाइंट बने हैं, जो आए दिन दरक रहे हैं. खासकर हरड़िया नाला तो इस सड़क के लिए अभिशाप बना हुआ है.
हजारों की आबादी प्रभावित: थल-मुनस्यारी सड़क लगातार बंद होने से मुनस्यारी तहसील मुख्यालय समेत बॉर्डर के 100 से अधिक गांव की 30,000 से अधिक आबादी को आवाजाही में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. हरड़िया नाले के पास मार्ग बंद होने से लोगों को मुनस्यारी से थल पहुंचने के लिए वाया मदकोट होते हुए 150 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं गिरगांव के पास भी लगातार मार्ग पर बोल्डर गिर रहे हैं. जिसके चलते यहां लोगों को 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार कर मुनस्यारी पहुंचना पड़ रहा है.
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हरड़िया नाले से जारी कटाव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिसके चलते 400 मीटर का एरिया बुरी तरह प्रभावित है. हरड़िया नाले में बीते दो दशकों से पहाड़ी का दरकना जारी है. अब तक यहां मलबे की चपेट में कई पुल आ चुके हैं. बावजूद इसके अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं खोजा जा सका है. हालात ये हैं कि यहां हजारों की आबादी अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर सफर करने को मजबूर है.
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मुनस्यारी से आगे यही रोड चाइना बॉर्डर को भी जोड़ती है. बॉर्डर पर तैनात जवानों के साथ ही जरूरी सामान भी इसी रोड के जरिए सीमाओं तक पहुंचता है. बावजूद इसके इस अहम रोड की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
चीन सीमा को जोड़ने वाली तीनों अहम सड़कें बंद: पिथौरागढ़ जिले के बॉर्डर इलाकों में आई आपदा के चलते चीन सीमा को जोड़ने वाले तीनों अहम सड़कें बन्द पड़ी हुई हैं. मुनस्यारी-मिलम मार्ग में धापा के पास सड़क लम्बे समय से बंद पड़ी है. जिस कारण माइग्रेशन पर जाने वाले लोगों के साथ ही सेना के जवानों को लीलम तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ रही है. चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-दारमा मार्ग भी तोगलखेत से आगे जगह-जगह बंद पड़ा है. इस मार्ग को बंद हुए 2 महीने से अधिक का समय बीत गया है.
सवालों के घेरे में विभागों की कार्यप्रणाली: बीआरओ के साथ ही ये सड़क सीपीडब्ल्यूडी के अधीन आती है. दोनों विभागों की कार्यप्रणाली यहां सवालों के घेरे में है. दारमा सड़क बंद होने से बॉर्डर के 3 दर्जन से अधिक गांवों की 10 हजार से अधिक आबादी बुरी तरह प्रभावित है. यहां लोगों को जरूरी चीजों की किल्लत से भी जूझना पड़ रहा है.
व्यास घाटी के 7 गांवों का संपर्क कटा: दारमा घाटी में लोगों को हेली के जरिये राहत सामग्री भेजी जा रही है. वहीं, चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग भी छंकन और लामारी के पास भारी लैंडस्लाइड होने से बंद पड़ा है. यहां भी स्थानीय लोगों के साथ ही बॉर्डर पर तैनात जवानों को 4 किलोमीटर की चढ़ाई पार करनी पड़ रही है. यहां भी लगातार मार्ग बंद होने से व्यास घाटी के 7 गांवों का सम्पर्क लगतार शेष दुनिया से कटा रहता है.
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थल-मुनस्यारी सड़क के खस्ताहाल होने से मुनस्यारी का पर्यटन कारोबार भी खासा प्रभावित हो रहा है. मुनस्यारी प्रदेश का ऐसा ट्यूरिस्ट डेस्टिनेशन है जहां साल भर देशी-विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है. मगर सड़क की खस्ताहाली के चलते पर्यटक भी इस सड़क पर सफर करने से डर रहे हैं.
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पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ई गुप्ता ने बताया कि हरड़िया नाले में लगातार भूकटाव होने से बैली ब्रिज खतरे में आ गया है. जिसकी सुरक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है. साथ ही इसके परमानेंट सॉल्यूशन के लिए पुल का इस्टीमेट तैयार कर जिलाधिकारी को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.