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बेरीनाग तहसील में टिक नहीं रहे अधिकारी, आमजन को झेलनी पड़ रही दिक्कतें - Berinag Tehsil

बेरीनाग तहसील में एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ रजिस्ट्रार का पद का कार्यभार राजस्व उप निरीक्षक के पास है. तहसीलदार नहीं होने के चलते पिछले एक साल से भूमि से जुड़े कई मामले लंबित है.

बेरीनाग तहसील में लंबे समय से तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पद खाली हैं.
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Published : Aug 2, 2019, 1:25 PM IST

पिथौरागढ़: बेरीनाग तहसील में 218 राजस्व गांव है. इस तहसील से ही थल तहसील और पांखू उप तहसील भी जुड़ी है. लेकिन बेरीनाग तहसील में पिछले एक साल से तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पद रिक्त है. वहीं, 28 दिन पूर्व कार्यभार ग्रहण करने वाले एसडीएम का भी स्थानातंरण भी मुनस्यारी में कर दिया है. जिसके चलते बेरीनाग तहसील में एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ रजिस्ट्रार का पद का कार्यभार राजस्व उप निरीक्षक के पास है. तहसीलदार नहीं होने के चलते पिछले एक साल से भूमि से जुड़े कई मामले लंबित है.

बता दें कि बेरीनाग तहसील में पिछले वर्ष से अभी तक पांच एसडीएम के तबादले हो चुके हैं. जनवरी 2018 से अक्टूबर 2018 तक सोहन सिंह सैनी, अक्टबूर 2019 से मार्च 2019 तक तुषार सैनी और मार्च 2019 से मई 2019 तक वरूण चौधरी और मई से 2019 से 1 जुलाई 2019 तक सौरभ गहरवार और 2 जुलाई से 31 जुलाई तक बीएस फोनिया ने यहां पर कार्यभार संभाला है. जिसके चलते स्थानीय लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़े: MPG कॉलेज मसूरी में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मियां तेज

पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने बताया कि लगातार अधिकारियों के तबादले होने से लोगों के कई कार्य समय पर नहीं हो रहे हैं. जिसके चलते लोगों को पेरशानी उठानी पड़ रही है. यहां से लगातार अधिकारियों का स्थानातंरण होना जनहित के लिए ठीक नहीं है. साथ ही कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिला होने के बाद बिना प्रतिस्थानी के एसडीएम को यहां से भेजना गलत है. सरकार के द्वारा पिथौरागढ़ जिले के साथ भेदभाव किया जा रहा है. जिसके खिलाफ कांग्रेस सड़कों में उतरेगी.

पिथौरागढ़: बेरीनाग तहसील में 218 राजस्व गांव है. इस तहसील से ही थल तहसील और पांखू उप तहसील भी जुड़ी है. लेकिन बेरीनाग तहसील में पिछले एक साल से तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पद रिक्त है. वहीं, 28 दिन पूर्व कार्यभार ग्रहण करने वाले एसडीएम का भी स्थानातंरण भी मुनस्यारी में कर दिया है. जिसके चलते बेरीनाग तहसील में एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ रजिस्ट्रार का पद का कार्यभार राजस्व उप निरीक्षक के पास है. तहसीलदार नहीं होने के चलते पिछले एक साल से भूमि से जुड़े कई मामले लंबित है.

बता दें कि बेरीनाग तहसील में पिछले वर्ष से अभी तक पांच एसडीएम के तबादले हो चुके हैं. जनवरी 2018 से अक्टूबर 2018 तक सोहन सिंह सैनी, अक्टबूर 2019 से मार्च 2019 तक तुषार सैनी और मार्च 2019 से मई 2019 तक वरूण चौधरी और मई से 2019 से 1 जुलाई 2019 तक सौरभ गहरवार और 2 जुलाई से 31 जुलाई तक बीएस फोनिया ने यहां पर कार्यभार संभाला है. जिसके चलते स्थानीय लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने बताया कि लगातार अधिकारियों के तबादले होने से लोगों के कई कार्य समय पर नहीं हो रहे हैं. जिसके चलते लोगों को पेरशानी उठानी पड़ रही है. यहां से लगातार अधिकारियों का स्थानातंरण होना जनहित के लिए ठीक नहीं है. साथ ही कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिला होने के बाद बिना प्रतिस्थानी के एसडीएम को यहां से भेजना गलत है. सरकार के द्वारा पिथौरागढ़ जिले के साथ भेदभाव किया जा रहा है. जिसके खिलाफ कांग्रेस सड़कों में उतरेगी.

Intro:तहसील में नही है अधिकारी Body:बेरीनाग।
बेरीनाग तहसील फिर हुई प्रभारियों के हवाले,कब मिलेगे स्थाई अधिकारी
ना एसडीएम ना तहसीलदार ना नायब तहसीलदार

बेरीनाग। सरकार जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी बताते हुए नही थकती है।जनता से जुडी सभी समस्याओं को लेकर भले ही मुख्यमंत्री के द्वारा सीएम हैल्प लाइन नम्बर से लेकर जिले में हर सोमवार को जनता दरवार अधिकारियों से लगाने के आदेश हो या तहसील में महिने के प्रथम मंगलवार को जनता दरवार लगाने के आदेश हो।जिन अधिकारियों पर जनता से जुड़ी समस्या का सामाधान करने का जिम्मा हो और वही अधिकारी कार्यलयों में न हो तो कैस काम किया जा सकता है।
यही हाल बेरीनाग तहसील है बेरीनाग तहसील मेें 218 राजस्व गांव है। इस तहसील से ही थल तहसील और पांखू उप तहसील भी जुड़ी है लेकिन बेरीनाग तहसील के हाल यह है कि पिछले एक वर्ष से यहां पर तहसीलदार का पद रिक्त होने के साथ नायब तहसीलदार का पद भी रिक्त है। और 28 दिन पूर्व में यहां पर कार्यभार ग्रहण करने वाले एसडीएम का स्थातंरण मुनस्यारी कर दिया है। एक बार फिर बेरीनाग तहसील में एसडीएम,तहसीलदार,नायब तहसीलदार प्रभारी के हवाले हो गये है। रजिस्टार काननूगों का पद भी राजस्व उप निरीक्षक के पास में है। जब अधिकारी ही स्थाई नही होगे तो प्रभारियों के द्वारा समय से कार्य हो पायेगा।तहसीलदार नही होने से पिछले एक वर्ष से कई भूमि के जुडे मामले लंबित है जिस पर स्थाई तहसीलदार की निर्णय देता है और न ही तहसीलदार की कोर्ट चल रही है।

पिछले एक वर्ष पांच एसडीएम
बेरीनाग। बेरीनाग तहसील में पिछले वर्ष के पांच एसडीएम यहां पर आ चुके है जनवरी 2018 से अक्टूबर तक सोहन सिंह सैनी और अक्टबूर 2019 से मार्च तक तुषार सैनी और मार्च 2019 से मई तक वरूण चैधरी और मई से 2019 से 1 जुलाई तक सौरभ गहरवार और 2 जुलाई से 31 जुलाई तक बीएस फोनिया ने यहां पर कार्य किया है। एसडीएम बीएस फोनिया का 28 दिन में यहां से स्थातंरण होने को लेकर लोग पहले इसका विरोध जता चुके है।

बिना प्रतिस्थानी के स्थातंरण करना गलत-आर्य
बेरीनाग। पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने बताया कि लगातार अधिकारियों के तबादले होने से लोगों को के कार्य समय पर नही होते है और पेरशानी उठानी पड़ती है। बेरीनाग चैकोड़ी भूमि का मामला गंभीर होने के बाद यहां से अधिकारियों का स्थांतरण होना जनहित में ठीक नही है। शासन से जिले दो एसडीएमों का स्थातंरण किया और उनके स्थान पर कोई नया एसडीएम नही भेजा। पिथौरागढ़ जिला आपदा को देखते हुए संवेदनशील जिला होने के बाद बिना प्रतिस्थानी के एसडीएमों को यहां से भेजना गलत है सरकार के द्वारा पिथौरागढ़ जिले के साथ भेदभाव किया जा रहा है जिसके खिलाफ कांग्रेस सड़कों में उतरेगी।
Conclusion:जनता परेशान
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