ETV Bharat / state

पिथौरागढ़ जिले के 28 संचार विहीन गांव होंगे डिजिटल, लगाए जाएंगे वी सेट

भले ही देश आज 5G नेटवर्क की ओर तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन आज भी ग्रामीण इलाकों में संचार सुविधा नहीं पहुंच पाई है. ऐसा ही सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ भी है. जहां चीन और नेपाल बॉर्डर से सटे गांवों में संचार की सुविधा नहीं है, लेकिन अब पिथौरागढ़ के 28 गावों को वी सेट (VSAT) के जरिए संचार सेवा से जोड़ा जाएगा.

darma valley villages connected V sat
संचार विहीन गांव होंगे डिजिटल
author img

By

Published : Dec 15, 2021, 5:10 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 5:34 PM IST

पिथौरागढ़: चीन और नेपाल बॉर्डर से लगे पिथौरागढ़ जिले में 28 संचार विहीन गांवों को वी सेट (VSAT) के जरिये संचार सेवा से जोड़ा जाएगा. भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के तहत पिथौरागढ़ के 48 गांवों में वी सेट लगाने का निर्णय तीन साल पहले लिया गया था. इनमें से 20 गांवों में वी सेट लगाए जा चुके हैं. बाकी 28 गांवों में वी सेट लगाए जाने की स्वीकृति भी अब सरकार से मिल गई है.

इस योजना के तहत धारचूला तहसील की दारमा घाटी (darma valley villages connected V sat) के 13 और व्यास घाटी के 7 गांवों में वी सेट (VSAT) स्थापित किए जा चुके हैं. इसके अलावा चौंदास घाटी के 3, मिलम घाटी के 12 गांव, डीडीहाट और बेरीनाग के 2-2, गंगोलीहाट के 3 और पिथौरागढ़ के 4 गांवों में भी वी सेट स्थापित होने हैं.

पिथौरागढ़ जिले के 28 संचार विहीन गांव होंगे डिजिटल.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ के कई गांवों से मोबाइल नेटवर्क कोसों दूर, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

जिले के धारपांगू, बुंगबुंग, जिप्ति, बुरफू, बोना, डिमडिमिया, भवानी, नामिक, रिंगुनिया, टांगा, चुलकोट, पाचू, पातो, ढुनामनी और क्वितड़ इत्यादि गांवों में वी सेट लगने हैं. वी सेट से जुड़ने के बाद इन गांवों में वाई-फाई कोड लेकर एक साथ 10 लोग इंटरनेट की दुनिया से जुड़ सकेंगे. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि जिले के शेष बचे गांवों में वी सेट लगाए जाने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः ऐसे कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया सरकार! टावर तो लगा दिए, लेकिन नेटवर्क गायब

बता दें कि चीन और नेपाल से सटे सीमांत गांवों में अभी तक संचार का कोई साधन नहीं था. जिसके चलते बॉर्डर के हजारों ग्रामीण शेष दुनिया से जुड़ने के लिए नेपाली टेलीकॉम के भरोसे थे. पिथौरागढ़ जिले के कई सीमांत गांव ऐसे भी हैं, जहां नेटवर्क का कोई साधन नहीं है. जबकि, दुनिया 5G की ओर है, लेकिन दुर्भाग्य इन गांवों में नेटवर्क ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते.

ये भी पढ़ेंः मोबाइल तो है पर टावर नहीं, कैसे डिजिटल बनेगा इंडिया?

आलम तो ये है कि मोबाइल नेटवर्क के लिए लोगों को 20 से 30 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. तब जाकर ही मोबाइल में नेटवर्क आ पता है. जिससे ही ग्रामीणों का थोड़ा बहुत समन्वय हो पाता है. वहीं, अब वी-सेट से जुड़ने के बाद अंतिम छोर पर बसे ग्रामीणों तक सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा और साथ ही भारत तकनीकी तौर पर भी आत्मनिर्भर बनेगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के 434 गांवों में नहीं बजती मोबाइल की घंटी, अजित डोभाल, बिपिन रावत के जिले भी शामिल

पिथौरागढ़: चीन और नेपाल बॉर्डर से लगे पिथौरागढ़ जिले में 28 संचार विहीन गांवों को वी सेट (VSAT) के जरिये संचार सेवा से जोड़ा जाएगा. भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के तहत पिथौरागढ़ के 48 गांवों में वी सेट लगाने का निर्णय तीन साल पहले लिया गया था. इनमें से 20 गांवों में वी सेट लगाए जा चुके हैं. बाकी 28 गांवों में वी सेट लगाए जाने की स्वीकृति भी अब सरकार से मिल गई है.

इस योजना के तहत धारचूला तहसील की दारमा घाटी (darma valley villages connected V sat) के 13 और व्यास घाटी के 7 गांवों में वी सेट (VSAT) स्थापित किए जा चुके हैं. इसके अलावा चौंदास घाटी के 3, मिलम घाटी के 12 गांव, डीडीहाट और बेरीनाग के 2-2, गंगोलीहाट के 3 और पिथौरागढ़ के 4 गांवों में भी वी सेट स्थापित होने हैं.

पिथौरागढ़ जिले के 28 संचार विहीन गांव होंगे डिजिटल.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ के कई गांवों से मोबाइल नेटवर्क कोसों दूर, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

जिले के धारपांगू, बुंगबुंग, जिप्ति, बुरफू, बोना, डिमडिमिया, भवानी, नामिक, रिंगुनिया, टांगा, चुलकोट, पाचू, पातो, ढुनामनी और क्वितड़ इत्यादि गांवों में वी सेट लगने हैं. वी सेट से जुड़ने के बाद इन गांवों में वाई-फाई कोड लेकर एक साथ 10 लोग इंटरनेट की दुनिया से जुड़ सकेंगे. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि जिले के शेष बचे गांवों में वी सेट लगाए जाने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः ऐसे कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया सरकार! टावर तो लगा दिए, लेकिन नेटवर्क गायब

बता दें कि चीन और नेपाल से सटे सीमांत गांवों में अभी तक संचार का कोई साधन नहीं था. जिसके चलते बॉर्डर के हजारों ग्रामीण शेष दुनिया से जुड़ने के लिए नेपाली टेलीकॉम के भरोसे थे. पिथौरागढ़ जिले के कई सीमांत गांव ऐसे भी हैं, जहां नेटवर्क का कोई साधन नहीं है. जबकि, दुनिया 5G की ओर है, लेकिन दुर्भाग्य इन गांवों में नेटवर्क ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते.

ये भी पढ़ेंः मोबाइल तो है पर टावर नहीं, कैसे डिजिटल बनेगा इंडिया?

आलम तो ये है कि मोबाइल नेटवर्क के लिए लोगों को 20 से 30 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. तब जाकर ही मोबाइल में नेटवर्क आ पता है. जिससे ही ग्रामीणों का थोड़ा बहुत समन्वय हो पाता है. वहीं, अब वी-सेट से जुड़ने के बाद अंतिम छोर पर बसे ग्रामीणों तक सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा और साथ ही भारत तकनीकी तौर पर भी आत्मनिर्भर बनेगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के 434 गांवों में नहीं बजती मोबाइल की घंटी, अजित डोभाल, बिपिन रावत के जिले भी शामिल

Last Updated : Dec 15, 2021, 5:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.