पिथौरागढ़: कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से भारत-नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूलापुल बंद हैं लेकिन नेपाल में 100 वर्षीय पनगस्या देवी की मृत्यु होने पर पिथौरागढ़ के धारचूला में भारत-नेपाल को जोड़ने वाला अंतरराष्ट्रीय झूलापुल एक बार फिर खोला गया. इस दौरान धारचूला के 52 स्थानीय लोग अंतिम संस्कार में शामिल होकर वापस भारत लौटे, जबकि भारत से 27 लोग नेपाल गए और नेपाल से 30 लोग भारत आए.
नेपाल के बंगाबगड़ निवासी पनगस्या देवी (100) की मृत्यु होने पर उनकी नातनी प्रेमा देवी निवासी पांगु ने भारत और नेपाल के स्थानीय प्रशासन से दादी के अंतिम संस्कार में जाने की अनुमति मांगी थी.
पढ़ें- विवाद के बीच भारत का कमलेश लाया नेपाली दुल्हनियां, खोला गया अंतरराष्ट्रीय पुल
स्थानीय प्रशासन की अनुमति मिलने पर धारचूला पुल को बुधवार दोपहर 3 बजे खोला गया. अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए भारत से 52 लोग नेपाल गए जो शाम 5:30 बजे वापस भारत लौटे. इस दौरान दोनों ओर के लोगों ने अपने-अपने रिश्तेदारों को राशन इत्यादि सामग्री का आदान-प्रदान किया.
पहले भी खोला गया है पुल
इससे पहले बीती 14 जुलाई को पिथौरागढ़ के जाजरदेवल निवासी कमलेश चंद की शादी के कारण झूलापुल खोलना पड़ा था. कमलेश ने नेपाल निवासी राधिका के साथ विवाह किया था. कमलेश चंद की फरियाद पर दोनों मुल्कों के बीच आधे घंटे तक अंतरराष्ट्रीय पुल खोला गया था. पुल खुलने के दौरान 50 से अधिक भारतीय लोगों ने नेपाली रिश्तेदारों को राशन भी पहुंचाया.
बता दें कि पिछले दिनों भारत का हिस्सा लिपुलेख, कालापानी और लिम्पयाधुरा को लेकर नेपाली प्रधानमंत्री के दावे ने दोनों देश के बीच कड़वाहट जरूर पैदा कर दी है, लेकिन इसका असर दोनों देश में रहने वाले लोगों पर देखने को नहीं मिल रहा है. वहीं, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद से ही भारत नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूलापुल बंद है लेकिन इमरजेंसी सर्विस के तहत दोनों मुल्कों के प्रशासन की अनुमति से पुल को एसएसबी की निगरानी में खोला जा रहा है.