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पिथौरागढ़: सीमांत गांवों को जोड़ने वाली सड़क खस्ताहाल, सालों से अधूरा लटका निर्माण

डोडा-पीपली क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण दो दशक पहले हुआ था. जिसके बाद भी 5 किलोमीटर की सड़क का निर्माण अधूरा ही पड़ा है. ऐसे में ग्रामीण लंबे समय से सड़क की बाट जोह रहे हैं.

सालों से अधूरा पड़ा सड़क निर्माण
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Published : Aug 11, 2019, 7:49 PM IST

पिथौरागढ़: भारत-नेपाल बॉर्डर से सटे डोडा-पीपली क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क की हालत बेहद खराब है. बरसात के मौसम में इस सड़क पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है. दो दशक पहले इस सड़क का निर्माण कराया गया था. लेकिन कार्यदायी संस्था लोकनिर्माण विभाग ने लगभग 5 किलोमीटर तक की सड़क का काम अधूरा ही छोड़ दिया था. जिसके बाद से ही स्थानीय सड़क निर्माण की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा.

सालों से अधूरा पड़ा सड़क निर्माण

बता दें कि सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने वाली डोडा-पीपली सड़क दर्जनों गांवों को जोड़ती है. पड़ोसी मुल्क नेपाल के लिए भी ये सड़क लाइफलाइन से कम नहीं है. लेकिन लोकनिर्माण विभाग की हीलाहवाली के चलते ये सड़क खतरे का सबब बनी हुयी है. वहीं, लोनिवि का कहना है कि बजट की कमी के कारण सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया था. इस सड़क की हालत इतनी ख़स्ताहाल है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

वहीं, जब ईटीवी भारत ने इस सड़क की दुर्दशा का मामला जिला सचिव अरविंद ह्यांकी के सामने रखा तो उन्होंने शासन स्तर पर इस मसले को उठाने की बात कही. ह्यांकी का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिल सके इसके लिए वो पूरा प्रयास करेंगे.

पिथौरागढ़: भारत-नेपाल बॉर्डर से सटे डोडा-पीपली क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क की हालत बेहद खराब है. बरसात के मौसम में इस सड़क पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है. दो दशक पहले इस सड़क का निर्माण कराया गया था. लेकिन कार्यदायी संस्था लोकनिर्माण विभाग ने लगभग 5 किलोमीटर तक की सड़क का काम अधूरा ही छोड़ दिया था. जिसके बाद से ही स्थानीय सड़क निर्माण की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा.

सालों से अधूरा पड़ा सड़क निर्माण

बता दें कि सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने वाली डोडा-पीपली सड़क दर्जनों गांवों को जोड़ती है. पड़ोसी मुल्क नेपाल के लिए भी ये सड़क लाइफलाइन से कम नहीं है. लेकिन लोकनिर्माण विभाग की हीलाहवाली के चलते ये सड़क खतरे का सबब बनी हुयी है. वहीं, लोनिवि का कहना है कि बजट की कमी के कारण सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया था. इस सड़क की हालत इतनी ख़स्ताहाल है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

वहीं, जब ईटीवी भारत ने इस सड़क की दुर्दशा का मामला जिला सचिव अरविंद ह्यांकी के सामने रखा तो उन्होंने शासन स्तर पर इस मसले को उठाने की बात कही. ह्यांकी का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिल सके इसके लिए वो पूरा प्रयास करेंगे.

Intro:पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा से सटे डोडा-पीपली क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क की हालत बेहद ख़स्ताहाल है। बरसात के मौसम में इस सड़क पर सफर करना खतरे से खाली नही है। दो दशक पूर्व इस सड़क का निर्माण किया गया था। लेकिन कार्यदायी संस्था लोकनिर्माण विभाग ने 5 किलोमीटर सड़क का काम अधूरा ही छोड़ दिया। जो सड़क बनकर तैयार हुई है उसकी हालत भी बेहद जर्जर है। स्थानीय लोग लंबे समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे है मगर शासन-प्रशासन कान में तेल डालकर सोया हुआ है।


Body:सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने वाली डोडा-पीपली सड़क से दर्जनों गांवों की 50 हजार से अधिक आबादी लाभान्वित होती है। पड़ोसी मुल्क नेपाल के लोगों के लिए भी ये सड़क लाइफलाइन है। मगर लोकनिर्माण विभाग की हीलाहवाली की वजह से ये सड़क खतरे का सबब बनी हुयी है। बजट की कमी के चलते विभाग द्वारा 5 किलोमीटर सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया। इस सड़क की हालत इतनी ख़स्ताहाल है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता हैं। ईटीवी भारत द्वारा सड़क की दुर्दशा का मामला जिला सचिव अरविंद ह्यांकी के सामने रखने पर उन्होंने सड़क का मामला शासन स्तर पर उठाने की बात कही है। अरविंद ह्यांकी ने कहा कि सीमांत क्षेत्र के लोगों को बेहतर यातायात की सुविधा मिल सके इसके लिए वो पूरा प्रयास करेंगे।

Byte1: मोहन सिंह, स्थानीय
Byte2: अरविंद ह्यांकी, जिला सचिव, पिथौरागढ़


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