पिथौरागढ़: भारत ने एक बार फिर सारे विवादों को दरकिनार कर नेपाल की एक बच्ची के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया. इस नन्ही बच्ची के लिए धारचूला के इंटरनेशनल पुल को एक बार फिर खोला गया. असल में नेपाल से एक महीेेने की इस बच्ची को इलाज के लिए भारत लाया जाना था.
बता दें कि बच्ची के परिजनों की अपील पर दोनों देशों ने कुछ देर के लिए इंटरनेशनल पुल को खोलने पर सहमति जताई थी. हालांकि, इस दौरान नेपाल से 80 लोग भारत आए और वहीं, 50 लोग नेपाल को लौटे. पुल को सिर्फ 20 मिनट के लिए खोला गया था.
दरअसल, नेपाल के मल्लिकार्जुन गांव में एक माह की बीमार बच्ची को बचाने के लिए धारचूला में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय पुल खोला गया. बच्ची का नेपाल के दार्चुला में एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. उसकी आंतों में गांठे बनने से हालत गंभीर बताई जा रही थी, जिसके बाद नेपाल के डॉक्टरों ने परिजनों को उसे भारत ले जाने की सलाह दी.
बच्ची के परिजनों ने पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. भारतीय अफसरों ने बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए झूलापुल खोलने के आदेश दिए. इस दौरान दोनों देशों के 130 लोगों ने पुल खुलने पर आवाजाही की. वहीं, बच्ची को धारचूला में प्राथमिक उपचार देने के बाद आज पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है.