पिथौरागढ़: उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ को 62 साल बाद कोई महिला जिलाधिकारी मिली है. 24 फरवरी 1960 को पिथौरागढ़ को जिला बनाया गया लेकिन अभी तक पिथौरागढ़ जिले में किसी महिला डीएम को कार्यभार नहीं दिया गया था. अब उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 62 साल बाद पिथौरागढ़ जनपद में रीना जोशी ने महिला डीएम के तौर पर पदभार ग्रहण किया है.
पिथौरागढ़ जनपद को बने 62 साल के इतिहास में 52 डीएम आ चुके हैं. राज्य बनने के 22 साल में 22 वें डीएम के तौर पर रीना जोशी ने पदभार ग्रहण किया है. ऐसे में रीना जोशी के नाम पहली महिला डीएम बनने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. डीएम रीना जोशी ने अपना कार्यभार ग्रहण करते हुए कहा है कि वह सीमांत जनपद के लिए बेहतर काम करेंगी. उनका प्रयास होगा कि यहां पर पर्यटन को और विकसित किया जाएगा.
24 फरवरी 1960 को अल्मोड़ा से अलग कर पिथौरागढ़ जिले का गठन किया गया था. तब जीवन चन्द्र पांडे पिथौरागढ़ के पहले डीएम बने थे. तब से अब तक पिथौरागढ़ जिले के 62 साल के इतिहास में 52 डीएम आ चुके हैं. 2013 बैच की IAS अधिकारी रीना जोशी अब पिथौरागढ़ की डीएम बन चुकी हैं. इस लिहाज से देखें तो जिले को हर साल नया डीएम मिला है.
जिलाधिकारी रीना जोशी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भी यहां पर सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता है. वहीं जिले में कृषि और उद्यान के क्षेत्र में भी कार्य करना है. कृषि और उद्यान के क्षेत्र में कार्य कर लोगों की आजीविका में सुधार करना है. कृषि और उद्यान स्वरोजगार के माध्यम हैं. बेमौसमी सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. पलायन रोकने के लिए योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा.
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रीना जोशी पश्चिम बंगाल कैडर की आईएएस हैं: बता दें कि रीना जोशी 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. रीना पश्चिम बंगाल कैडर से हैं. इससे पहले वह बागेश्वर जिले की डीएम थीं. वह राज्य में अपर सचिव ग्राम्य विकास, कृषि एवं कृषक कल्याण, APD, ILSP परियोजना निदेशक UGVS-REAP की जिम्मेदारी निभा चुकी हैं. पश्चिम बंगाल कैडर की 2013 बैच की महिला आईएएस रीना जोशी को कुछ समय पहले उत्तराखंड कैडर में स्थानांतरित करने को मंजूरी दी गई थी.