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प्रवासियों का दर्द नहीं हुआ कम, घर छोड़ने के बजाय रात 2 बजे सड़क पर छोड़ा

जिला प्रशासन के आदेशों के बावजूद रात को प्रवासियों को लाने का सिलसिला थम नहीं रहा. हालत और खराब ये है कि इन्हें घर छोड़ने के बजाय बस से देर रात 2 बजे सड़क पर पटक दिया जा रहा है.

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Published : May 14, 2020, 11:46 PM IST

बेरीनाग: लॉकडाउन के कारणजिले में रात्रि 8 बजे से सुबह 5 बजे तक सभी वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक के आदेश हैं. लेकिन इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. मैदानी क्षेत्रों से बुधवार देर रात दर्जनों प्रवासी पिथौरागढ़ पहुंचे. उन्हें घर छोड़ने के बजाय देर रात 2 बजे सड़क पर पटक दिया. इसमें गंगोलीहाट, राईआगर और बेरीनाग क्षेत्र के दर्जनों लोग शामिल हैं.

इसी बस में सवार कांडे किरोली के एक परिवार ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से लगातार सफर करने के बाद कठिन हालातों में वे पिथौरागढ़ पहुंचे हैं. वहां से रात्रि 9 बजे उन्हें उनके घरों को जाने के लिए बसों में बैठा दिया. गंगोलीहाट क्षेत्र के लोग रात्रि 1 बजे गंगोलीहाट में उतरे और बेरीनाग क्षेत्र के प्रवासी लोगों को बाजार में उतार दिया. बस चालक से लाख मिन्नतें करने के बाद भी उन्हें घर के पास तक नहीं छोड़ा गया.

पढ़े: कोविड-19 परीक्षण बढ़ाने पर जोर, IIP देहरादून जल्द शुरू करेगा कोरोना की सैपलिंग

प्रवासियों ने बताया कि मजबूरी में उन्हें बस से उतरना पड़ा. जिसमें उनका 6 माह का छोटा बच्चा और तीन व पांच वर्ष के बच्चे भी शामिल थे. रात्रि 2 बजे से सुबह 6 बजे भोर होने तक वे सभी एक दुकान के पास बैठे रहे. सुबह घर के सदस्यों को यहां पर होने की सूचना दी. जिस पर घर के सदस्य वाहन लेकर उनके पास पहुंचे. जिसके बाद वे घर की चौखट पर पहुंच सके. इसके बाद उन्होंने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है.

प्रशासन की इस व्यवस्था को लेकर इं लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि प्रशासन और बस संचालक के बीच तालमेल न होने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

बेरीनाग: लॉकडाउन के कारणजिले में रात्रि 8 बजे से सुबह 5 बजे तक सभी वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक के आदेश हैं. लेकिन इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. मैदानी क्षेत्रों से बुधवार देर रात दर्जनों प्रवासी पिथौरागढ़ पहुंचे. उन्हें घर छोड़ने के बजाय देर रात 2 बजे सड़क पर पटक दिया. इसमें गंगोलीहाट, राईआगर और बेरीनाग क्षेत्र के दर्जनों लोग शामिल हैं.

इसी बस में सवार कांडे किरोली के एक परिवार ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से लगातार सफर करने के बाद कठिन हालातों में वे पिथौरागढ़ पहुंचे हैं. वहां से रात्रि 9 बजे उन्हें उनके घरों को जाने के लिए बसों में बैठा दिया. गंगोलीहाट क्षेत्र के लोग रात्रि 1 बजे गंगोलीहाट में उतरे और बेरीनाग क्षेत्र के प्रवासी लोगों को बाजार में उतार दिया. बस चालक से लाख मिन्नतें करने के बाद भी उन्हें घर के पास तक नहीं छोड़ा गया.

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प्रवासियों ने बताया कि मजबूरी में उन्हें बस से उतरना पड़ा. जिसमें उनका 6 माह का छोटा बच्चा और तीन व पांच वर्ष के बच्चे भी शामिल थे. रात्रि 2 बजे से सुबह 6 बजे भोर होने तक वे सभी एक दुकान के पास बैठे रहे. सुबह घर के सदस्यों को यहां पर होने की सूचना दी. जिस पर घर के सदस्य वाहन लेकर उनके पास पहुंचे. जिसके बाद वे घर की चौखट पर पहुंच सके. इसके बाद उन्होंने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है.

प्रशासन की इस व्यवस्था को लेकर इं लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि प्रशासन और बस संचालक के बीच तालमेल न होने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

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