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स्थायी नौकरी के लिए एड़ियां घिस रहे भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, जानें पूरा मामला

उत्तराखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान राजेंद्र धामी एक बार फिर सुर्खियों में हैं. राजेंद्र धामी ने अब राज्य सरकार से स्थायी नौकरी की मांग की है.

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फिर सुर्खियों में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान
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Published : Nov 29, 2021, 7:30 PM IST

पिथौरागढ़: भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और उत्तराखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान राजेंद्र धामी ने राज्य सरकार से स्थायी नौकरी देने की मांग की है. राजेन्द्र धामी का कहना है कि पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान की पहल पर उन्हें खेल विभाग में कोच की नौकरी मिली है. मगर उन्हें महज 6 हजार रुपए ही वेतन मिल रहा है. जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हैं.

उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान राजेंद्र धामी उस वक्त सुर्खियों में आये थे, जब उन्हें मनरेगा में मजदूरी करते देखा गया था. मीडिया के जरिए ये मामला सामने आया था. तब कई समाजसेवी संगठन उनकी मदद के लिए आगे आये थे. हाल ही में जिलाधिकारी आशीष चौहान की पहल पर धामी को स्पोर्ट्स स्टेडियम पिथौरागढ़ में पैरालंपिक एथलेटिक्स कोच नियुक्त किया गया है. यहां धामी को महज 6 रुपए का वेतन मिल रहा है. जिससे एक बार फिर धामी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

फिर सुर्खियों में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान

पढे़ं-हरदा और यशपाल आर्य का ज्वॉइंट ACTION, बीजेपी को दिया झटका, 25 लोग कांग्रेस में शामिल

राजेंद्र धामी का कहना है जो मेहनताना उन्हें मिल रहा है वो आज की महंगाई के दौर में पर्याप्त नहीं है. धामी ने राज्य सरकार से मांग की है कि उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर विकलांग कोटे से स्थायी नौकरी दी जाए. धामी के पास फिलहाल पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड की डिग्री है.

पढे़ं- राजनीतिक मुद्दा बनकर रह गया गैरसैंण, सत्ता और विपक्ष दोनों ही देहरादून में विस सत्र कराने के इच्छुक

बता दें राजेंद्र सिंह धामी को 3 साल की उम्र में पैरालिसिस हुआ था. जिसकी वजह से उनका 90 प्रतिशत शरीर दिव्‍यांग हो गया था. धामी ने क्रिकेट के मैदान पर कई शानदार परफॉर्मेंस दिए हैं. धामी पहले रुद्रपुर में व्‍हीलचेयर वाले बच्‍चों को क्रिकेट की कोचिंग दे रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से उनकी नौकरी छूट गयी थी.

पिथौरागढ़: भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और उत्तराखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान राजेंद्र धामी ने राज्य सरकार से स्थायी नौकरी देने की मांग की है. राजेन्द्र धामी का कहना है कि पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान की पहल पर उन्हें खेल विभाग में कोच की नौकरी मिली है. मगर उन्हें महज 6 हजार रुपए ही वेतन मिल रहा है. जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हैं.

उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान राजेंद्र धामी उस वक्त सुर्खियों में आये थे, जब उन्हें मनरेगा में मजदूरी करते देखा गया था. मीडिया के जरिए ये मामला सामने आया था. तब कई समाजसेवी संगठन उनकी मदद के लिए आगे आये थे. हाल ही में जिलाधिकारी आशीष चौहान की पहल पर धामी को स्पोर्ट्स स्टेडियम पिथौरागढ़ में पैरालंपिक एथलेटिक्स कोच नियुक्त किया गया है. यहां धामी को महज 6 रुपए का वेतन मिल रहा है. जिससे एक बार फिर धामी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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राजेंद्र धामी का कहना है जो मेहनताना उन्हें मिल रहा है वो आज की महंगाई के दौर में पर्याप्त नहीं है. धामी ने राज्य सरकार से मांग की है कि उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर विकलांग कोटे से स्थायी नौकरी दी जाए. धामी के पास फिलहाल पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड की डिग्री है.

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बता दें राजेंद्र सिंह धामी को 3 साल की उम्र में पैरालिसिस हुआ था. जिसकी वजह से उनका 90 प्रतिशत शरीर दिव्‍यांग हो गया था. धामी ने क्रिकेट के मैदान पर कई शानदार परफॉर्मेंस दिए हैं. धामी पहले रुद्रपुर में व्‍हीलचेयर वाले बच्‍चों को क्रिकेट की कोचिंग दे रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से उनकी नौकरी छूट गयी थी.

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