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जल रहे कुमाऊं के जंगल, वन संपदा को हो रहा नुकसान

कुमाऊं के 4 पहाड़ी जिलों में वाग्नि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जिनमें आरक्षित वनों और सिविल वनों में आग लगने की कई घटनाएं घट चुकी हैं. इसके बावजूद भी आग पर लगाम नहीं लग पा रही है.

Pithoragarh
धूँ-धूँ कर जल रहे कुमाऊँ के जंगल
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Published : Apr 5, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 6:05 PM IST

पिथौरागढ़: पहाड़ों पर गर्मियां शुरू होने से पहले ही जंगलों में आग लनगी शुरू हो गई है. कुमाऊं के नॉर्थ रेंज में 450 हेक्टेयर जंगल आग में जल कर खाक हो गए हैं. कुमाऊं के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैंं, जिनमें आरक्षित वनों और सिविल वनों में आग लगने की कई घटनाएं घट चुकी हैं.

दरअसल कुमाऊं के 4 जिलों अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत में आग लगने की 283 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें आरक्षित वनों में 179 बार जबकि सिविल वनों में 104 बार आग लग चुकी है. कुमाऊं के नॉर्थ जोन में वन महकमें की ओर से 797 फायर वॉचर और 273 क्रू स्टेशन अतिरिक्त बनाए गए हैं. इसके बावजूद भी आग पर लगाम नहीं लग पा रही है.

ये भी प़ढ़ें: जूना अखाड़े में 1000 नागा संन्यासियों की दीक्षा प्रक्रिया शुरू, खुद का किया श्राद्ध कर्म

वहीं, जानकारों का कहना है कि इस साल पहाड़ों में बारिश काफी कम हुई है, ऐसे में जिस रिकॉर्ड पैमाने पर इस बार कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों के जंगल धधक रहे हैं, इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखने को मिला है. जंगलों की आग रिहायसी इलाकों तक भी पहुंचने लगी है. बेशकीमती वन संपदाएं वनाग्नि में जलकर खाक हो चुकी हैं. इनता ही नहीं जंगली जानवर भी वनाग्नि की भेंट चढ़ गए हैं. लेकिन वन महकमा आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम करने में असमर्थ नजर आ रहा है.

पिथौरागढ़: पहाड़ों पर गर्मियां शुरू होने से पहले ही जंगलों में आग लनगी शुरू हो गई है. कुमाऊं के नॉर्थ रेंज में 450 हेक्टेयर जंगल आग में जल कर खाक हो गए हैं. कुमाऊं के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैंं, जिनमें आरक्षित वनों और सिविल वनों में आग लगने की कई घटनाएं घट चुकी हैं.

दरअसल कुमाऊं के 4 जिलों अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत में आग लगने की 283 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें आरक्षित वनों में 179 बार जबकि सिविल वनों में 104 बार आग लग चुकी है. कुमाऊं के नॉर्थ जोन में वन महकमें की ओर से 797 फायर वॉचर और 273 क्रू स्टेशन अतिरिक्त बनाए गए हैं. इसके बावजूद भी आग पर लगाम नहीं लग पा रही है.

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वहीं, जानकारों का कहना है कि इस साल पहाड़ों में बारिश काफी कम हुई है, ऐसे में जिस रिकॉर्ड पैमाने पर इस बार कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों के जंगल धधक रहे हैं, इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखने को मिला है. जंगलों की आग रिहायसी इलाकों तक भी पहुंचने लगी है. बेशकीमती वन संपदाएं वनाग्नि में जलकर खाक हो चुकी हैं. इनता ही नहीं जंगली जानवर भी वनाग्नि की भेंट चढ़ गए हैं. लेकिन वन महकमा आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम करने में असमर्थ नजर आ रहा है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 6:05 PM IST
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