पिथौरागढ़: गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय में पेयजल की समस्या सामने आने लगी है. जिसके चलते क्षेत्र के कई मोहल्लों में पेयजल संटक गहरा गया है, ऐसे में स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. वहीं, लोगों ने जल निगम के अधिकारियों से पेयजल व्यवस्था जल्द बहाल करने की मांग की है.
दरअसल, जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले मोहल्लों में इन दिनों पानी की सप्लाई बाधित हो गई है. जिसके कारण लोग पीने के पानी को मोहताज हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक, लोगों को कम से कम 10 MLD प्रतिदिन पानी की जरूरत होती है, लेकिन जल निगम अपनी सभी पेयजल योजनाओं से मात्र 7 MLD पानी ही उपलब्ध करा पा रहा है. वहीं, इन दिनों जल निगम की मशीनों में तकनीकी खराबी के चलते 7 MLD पानी भी लोगों को नहीं नसीब हो रहा है.
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उधर, पानी की भरपूर उपलब्धता वाले पिथौरागढ़ जिले में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. पिथौरागढ़ जिला चारों ओर से नदियों से घिरा हुआ है. मगर इन नदियों का पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. वहीं, गर्मियों में तो यहां पानी की किल्लत बद से बदतर हो जाती है. जिले की सबसे पुरानी घाट पेयजल योजना में भी इन दिनों तकनीकी खामियां आ गई है. जिसके चलते पानी की सप्लाई ठप पड़ गई है. ऐसे में आंवला घाट पेयजल योजना के जरिए ही जिले में पेयजल आपूर्ति की जा रही है.
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वहीं, अन्य योजनाओं से मात्र एक एमएलडी पानी ही सप्लाई हो पा रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पारंपरिक जलस्रोतों पर ही निर्भर रहना पड़ता है. लोगों का कहना है कि जल निगम के अधिकारियों के समक्ष पेयजल का मुद्दा कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की हील-हवाली के चलते कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं, पेयजल समस्या से जूझ रहे लोगों ने विभाग से पानी की सप्लाई को जल्द बहाल किए जाने की मांग की है.