पिथौरागढ़: मॉनसून की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने सभी विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बरसात में किसी भी आपदा से निपटने के लिए 15 अप्रैल से पूर्व सभी विभाग अपनी कार्ययोजना तैयार कर लें और तहसील स्तर पर कन्ट्रोल रूम का संचालन शुरू किया जाए.
जिलाधिकारी ने तहसील स्तरों पर आपदा प्रबंधन को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि आपदा से निपटने के लिए जो भी उपकरण या सामग्री जरूरी है, उसकी तत्काल डिमांड उपलब्ध कराएं. खासतौर पर धारचूला, मुनस्यारी और डीडीहाट तहसीलों में सेटेलाइट फोन, वुडकटर, आस्का लाइट, सर्च व हैड लाइट सहित सभी उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. तहसील स्तर पर सभी गांवों का सर्वे कर रंगीन मैप तैयार करें और निकटतम हैलीपेडों का कॉर्डिनेट लिया जाए. नदी एवं गाड़-गधेरों के आसपास संवेदनशील गांव स्थलों को चिन्हित किया जाए साथ ही मनरेगा से हैलीपेडों का सुधारीकरण कराया जाए.
वहीं, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, बीआरओ एवं अन्य सड़क से जुडे विभाग बरसात के दौरान अवरुद्ध होने वाली सड़कों को तत्काल यातायात के लिए सुचारू करने के लिए रिसोर्स मोबलाइजेशन प्लान उपलब्ध कराएं. साथ ही संवेदनशील सड़क स्थलों पर पोकलैंड, जेसीबी मशीन सहित पर्याप्त मैन पावर की तैनाती की जाए. मशीनों पर जीपीएस लगाने के साथ ही ऑपरेटर्स के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराएं.
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डीएम ने कहा कि समय से जर्जर पुल व ट्रॉलियों को चिन्हित करते हुए समय से रिपेयर किया जाए. जहां पर भी नदी में ट्रॉली लगाने की आवश्यकता है, उसका सर्वे करते हुए प्रस्ताव उपलब्ध कराएं. धारचूला व मुन्स्यारी में वैली ब्रिज की व्यवस्था रखें. तहसील स्तर पर रिलीफ सेंटर की व्यवस्था की जाए. साथ ही खाद्यान्न आपूर्ति एवं पशुपालन विभाग को सीमांत दारमा, व्यास, चौदास, जौहार एवं अन्य दूरस्थ इलाकों में अभी से राशन एवं पशुचारे का स्टाक रखने के निर्देश दिए हैं.
इस मौके पर डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दूरस्थ आपादा संभावित क्षेत्रों में दवा का पर्याप्त स्टाक के साथ ही क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. वहीं, लोनिवि, पीएमजीएसवाई एवं वन विभाग को वैकल्पिक पैदल मार्गों को दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया गया. जल संस्थान और विधुत विभाग को बरसात के दौरान पेयजल व विद्युत आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधनों का स्टाक रखने के निर्देश दिए. साथ ही विद्युत के झूलते तारों व लकड़ी के पोल को तत्काल बदलने को कहा गया.