पिथौरागढ़: जिला प्रशासन ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. जिले में कई परीक्षा केंद्र ऐसे है, जहां पहुंचना छात्रों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. आपदाग्रस्त धारचूला, मुनस्यारी और बंगापानी तहसील में सम्पर्क मार्ग ध्वस्त होने के कारण छात्रों के लिए स्कूल पहुंचना मौत को मात देने जैसा है.
छात्रों की इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा राहत के तहत चल रहे कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं. जिससे परीक्षा के समय तक हालात में कुछ सुधार आये. साथ ही परीक्षा केंद्रों में फर्नीचर, बिजली और पानी इत्यादि की व्यवस्था के लिए भी शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए है. गौरतलब है कि ज़िले में इस बार 94 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें से 57 दुर्गम और 21 अतिदुर्गम इलाकों में हैं.
पढ़ें- सेल्फी विद स्कूल अभियान से आप ने सरकार को दिखाया 'आइना', विकास दावों पर उठाए सवाल
पिथौरागढ़ जिले में बोर्ड परीक्षाओं के लिए बनाये गए अधिकांश परीक्षा केंद्र दुर्गम और अतिदुर्गम इलाकों में है. कई परीक्षा केंद्र तो ऐसे भी है, जहां आपदा के चलते सम्पर्क मार्ग पूरी तरह ध्वस्त है. ऐसे इलाकों में सम्पर्क मार्गों को दुरुस्त करने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. जिले में बनकोट, उच्छेति, होकरा, पांगू, जुम्मा, माकम कैलाश, कोटा पन्द्रपाला, सेल और खेला जैसे अतिदुर्गम परीक्षा केंद्र भी हैं, जहां पहुंचने के लिए छात्रों को 10 किलोमीटर से अधिक चलना पड़ेगा.
जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जिन परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के रास्ते आपदा के कारण क्षतिग्रस्त है. वहां आपदा राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक जुकरिया का कहना है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों को सहूलियत के लिए सभी परीक्षा केंद्रों में जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं.