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उत्तराखंड में इस देवी के मंदिर में भी मिलता है 'न्याय', कोर्ट कचहरी का चक्कर ही नहीं!

Justice in Maa Bhagwati Temple Kotgari उत्तराखंड में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं, जहां न्याय के देवी या देवता के रूप में पूजा जाता है. कुमाऊं के अन्य कई न्यायकारी मंदिरों में कोटगाड़ी का भगवती मंदिर भी शामिल है, जहां कोर्ट कचहरी से हारने के बाद भी यहां न्याय की उम्मीद को लेकर अर्जियां लगाई जाती हैं.

Kotgari Temple Pithoragarh
मां भगवती मंदिर कोटगाड़ी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 22, 2023, 4:15 PM IST

Updated : Oct 22, 2023, 4:39 PM IST

उत्तराखंड में इस देवी के मंदिर में भी मिलता है 'न्याय'

बेरीनागः संविधान में न्याय व्यवस्था के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की व्यवस्था है, जहां लंबा समय लगाने पर भी कभी-कभार न्याय नहीं मिल पाता है, लेकिन पिथौरागढ़ जिले के पांखू के कोटगाड़ी में एक ऐसा मंदिर है, जिसे न्याय के मंदिर के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि अगर कोटगाड़ी में मां के दरबार में गुहार लगाते हैं तो जल्द न्याय मिलता है. खासकर नवरात्रि में को यहां भक्तों का हुजूम उमड़ता है.

Kotgari Devi Temple Pankhu
कोटगाड़ी मंदिर में भक्तों की भीड़

दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के पांखू में देवी का अनोखा और अलौकिक मंदिर मौजूद है. जिसे कोटगाड़ी मंदिर के नाम से पहचाना जाता है. यह प्रसिद्ध कोटगाड़ी मंदिर सुरम्य प्रकृति की गोद में बसे पांखू में सड़क से करीब 200 मीटर ऊपर स्थित है. कोटगाड़ी मंदिर में भगवती को सात्विक वैष्णवी के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि यहां देवी माता की मूर्ति में योनि उकेरी हुई है, जिसे ढक कर रखा जाता है.

Kotgari Devi Temple Pankhu
भक्तों की ओर से लगाई गई अर्जियां

मंदिर के अंदर बहती है जल धाराः यहां कोटगाड़ी के मुख्य मंदिर के अलावा बागादेव के रूप में पूजे जाने वाले दो भाई सूरजमल और छुरमल का मंदिर भी मौजूद हैं. मंदिर के अहाते में हवन कुंड और धूनी है. कोटगाड़ी मंदिर के अंदर जलधारा बहती है, जिसकी आवाज कानों में रस घोलने का काम करती है. वहीं, मंदिर के सामने बने कमरों में साधुओं के ठहरने की सुविधा रहती है.

Kotgari Devi Temple Pankhu
मां भगवती मंदिर कोटगाड़ी
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मौजूद है 'गॉड ऑफ जस्टिस', नामुमकिन है इस मंदिर की घंटियों को गिनना

कोटगाड़ी में मिलता है न्यायः बता दें कि यह मंदिर न्याय की देवी के रूप में काफी प्रतिष्ठित है. कुमाऊं के अन्य कई न्यायकारी मंदिरों की तरह यहां भी भक्त अपनी आपदा विपदा, अन्याय, असमय कष्ट और कपट के निवारण के लिए पुकार लगाते हैं. लोक कथा है कि भगवती वैष्णवी के दरबार में पांचवीं पुश्तों तक का निर्णय यानी न्याय मिलता है. इस बात को लेकर कई किवदंतियां भी प्रचलित हैं.

Kotgari Devi Temple Pankhu
कोटगाड़ी मंदिर में भक्त

पत्र और स्टांप में लिखी जाती है अर्जीः पहले देवी के सामने अपने प्रति हो रहे अन्याय की पुकार और घात की प्रथा थी. अब अर्जी को पत्र और स्टांप में लिख कर देने का प्रचलन बढ़ गया है. कोटगाड़ी देवी के मुख्य सेवक भंडारी ग्वल्ल हैं, यह मंदिर चंद राजाओं के समय में स्थापित बताया जाता है. मंदिर बनाने को लेकर स्थानीय लोगों को सपने में इस मंदिर की स्थापना का आदेश मिला था. जिसके बाद ग्रामीणों ने यहां मंदिर बनाया था. यहां हर साल चैत्र और अश्विन मास की अष्टमी के साथ भादों में ऋषि पंचमी को भव्य मेला लगता है.

उत्तराखंड में इस देवी के मंदिर में भी मिलता है 'न्याय'

बेरीनागः संविधान में न्याय व्यवस्था के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की व्यवस्था है, जहां लंबा समय लगाने पर भी कभी-कभार न्याय नहीं मिल पाता है, लेकिन पिथौरागढ़ जिले के पांखू के कोटगाड़ी में एक ऐसा मंदिर है, जिसे न्याय के मंदिर के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि अगर कोटगाड़ी में मां के दरबार में गुहार लगाते हैं तो जल्द न्याय मिलता है. खासकर नवरात्रि में को यहां भक्तों का हुजूम उमड़ता है.

Kotgari Devi Temple Pankhu
कोटगाड़ी मंदिर में भक्तों की भीड़

दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के पांखू में देवी का अनोखा और अलौकिक मंदिर मौजूद है. जिसे कोटगाड़ी मंदिर के नाम से पहचाना जाता है. यह प्रसिद्ध कोटगाड़ी मंदिर सुरम्य प्रकृति की गोद में बसे पांखू में सड़क से करीब 200 मीटर ऊपर स्थित है. कोटगाड़ी मंदिर में भगवती को सात्विक वैष्णवी के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि यहां देवी माता की मूर्ति में योनि उकेरी हुई है, जिसे ढक कर रखा जाता है.

Kotgari Devi Temple Pankhu
भक्तों की ओर से लगाई गई अर्जियां

मंदिर के अंदर बहती है जल धाराः यहां कोटगाड़ी के मुख्य मंदिर के अलावा बागादेव के रूप में पूजे जाने वाले दो भाई सूरजमल और छुरमल का मंदिर भी मौजूद हैं. मंदिर के अहाते में हवन कुंड और धूनी है. कोटगाड़ी मंदिर के अंदर जलधारा बहती है, जिसकी आवाज कानों में रस घोलने का काम करती है. वहीं, मंदिर के सामने बने कमरों में साधुओं के ठहरने की सुविधा रहती है.

Kotgari Devi Temple Pankhu
मां भगवती मंदिर कोटगाड़ी
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मौजूद है 'गॉड ऑफ जस्टिस', नामुमकिन है इस मंदिर की घंटियों को गिनना

कोटगाड़ी में मिलता है न्यायः बता दें कि यह मंदिर न्याय की देवी के रूप में काफी प्रतिष्ठित है. कुमाऊं के अन्य कई न्यायकारी मंदिरों की तरह यहां भी भक्त अपनी आपदा विपदा, अन्याय, असमय कष्ट और कपट के निवारण के लिए पुकार लगाते हैं. लोक कथा है कि भगवती वैष्णवी के दरबार में पांचवीं पुश्तों तक का निर्णय यानी न्याय मिलता है. इस बात को लेकर कई किवदंतियां भी प्रचलित हैं.

Kotgari Devi Temple Pankhu
कोटगाड़ी मंदिर में भक्त

पत्र और स्टांप में लिखी जाती है अर्जीः पहले देवी के सामने अपने प्रति हो रहे अन्याय की पुकार और घात की प्रथा थी. अब अर्जी को पत्र और स्टांप में लिख कर देने का प्रचलन बढ़ गया है. कोटगाड़ी देवी के मुख्य सेवक भंडारी ग्वल्ल हैं, यह मंदिर चंद राजाओं के समय में स्थापित बताया जाता है. मंदिर बनाने को लेकर स्थानीय लोगों को सपने में इस मंदिर की स्थापना का आदेश मिला था. जिसके बाद ग्रामीणों ने यहां मंदिर बनाया था. यहां हर साल चैत्र और अश्विन मास की अष्टमी के साथ भादों में ऋषि पंचमी को भव्य मेला लगता है.

Last Updated : Oct 22, 2023, 4:39 PM IST
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