पिथौरागढ़: 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम प्रधानों ने पिथौरागढ़ विकास भवन में प्रदर्शन किया. जिले भर के ग्राम प्रधानों का कहना है कि 1 जुलाई से सभी विकासखंडों में ग्राम प्रधान धरने पर बैठे थे. लेकिन शासन-प्रशासन ने उनसे किसी भी तरह की वार्ता नहीं की. जिसके बाद ग्राम प्रधान विकास भवन में धरना देने के मजबूर हैं. ग्राम प्रधानों ने शीघ्र मांगें नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
पिथौरागढ़ के ग्राम प्रधानों ने सोमवार को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर विकास भवन में प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्राम प्रधानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया. ग्राम प्रधानों ने प्रत्येक ग्राम पंचायत से कॉमन सर्विस सेंटर को ढाई हजार रुपये दिए जाने के आदेश का विरोध किया.
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इसके साथ ही 15वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर रोक लगाने, 73वें संविधान संसोधन के प्रावधानों को लागू करते हुए 29 विभागों को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने, मानदेय 1500 से बढ़ाकर 10 हजार किए जाने और मासिक पेंशन 5 हजार करने की मांग की है. इसके अलावा मनरेगा कार्य दिवस 200 दिन प्रति वर्ष करने और पंचायतों के जेई और ऑपरेटर की नियुक्ति करने समेत विभिन्न मांगें ग्राम प्रधान संगठन ने रखी हैं.