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पिथौरागढ़: अस्पतालों के एकीकरण पर कांग्रेस ने जताया विरोध, राज्य सरकार का फूंका पुतला

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Published : Jan 21, 2020, 7:55 PM IST

जिले के मुख्य सरकारी अस्पतालों के एकीकरण का विरोध तेज चुका है. कई संगठनों के अलावा कांग्रेस भी इस फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर रही है.

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सरकारी अस्पताल

पिथौरागढ़: जिले के मुख्य सरकारी अस्पतालों के एकीकरण का विरोध तेज चुका है. कई संगठनों के साथ कांग्रेस ने भी इस फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. ऐसे में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंककर अपना विरोध दर्ज कराया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. वहीं, अब सरकार के इस फैसले के स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हो जाएगी, साथ ही चिकित्सकों के पद भी कम हो जाएंगे.

सरकारी अस्पताल के एकीकरण पर कांग्रेसियों ने जताया विरोध.

इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के तहत जिले में चार अस्पताल बन्द किए जाने है. जिसमें जिला मुख्यालय में स्थित टीबी हॉस्पिटल, पुलिस लाइन स्थित पीएचसी, थल और बेरीनाग में एक-एक अस्पताल बंद किए जाएंगे. मुख्यालय में चल रहे जिला महिला चिकित्सालय को भी जिला अस्पताल में विलय होना है. आईपीएचएस लागू होने के बाद पिथौरागढ़ के अस्पतालों में 20 चिकित्सक और 75 फार्मासिस्टों के पद भी समाप्त हो जाएंगे. जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया. वहीं, इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अन्य संगठन के लोग भी शामिल थे.

ये भी पढ़े: बजट 2020: रेलवे को लेकर क्या चाहते हैं पहाड़ के लोग, जानें उन्हीं की जुबानी

बता दें कि जिले के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से चिकित्सकों और अन्य कर्मियों का टोटा है. ऐसे में सरकार की मंशा कुछ अस्पतालों को बंद करने की है. जिसके लिए राज्य सरकार ने विभाग को प्रस्ताव भी भेज दिया है. उसके अनुसार जिले में अब सिर्फ एक जिला अस्पताल, एक उपजिला अस्पताल, चार सीएचसी और सात पीएचसीबी अस्पताल ही संचालित होंगे.

पिथौरागढ़: जिले के मुख्य सरकारी अस्पतालों के एकीकरण का विरोध तेज चुका है. कई संगठनों के साथ कांग्रेस ने भी इस फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. ऐसे में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंककर अपना विरोध दर्ज कराया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. वहीं, अब सरकार के इस फैसले के स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हो जाएगी, साथ ही चिकित्सकों के पद भी कम हो जाएंगे.

सरकारी अस्पताल के एकीकरण पर कांग्रेसियों ने जताया विरोध.

इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के तहत जिले में चार अस्पताल बन्द किए जाने है. जिसमें जिला मुख्यालय में स्थित टीबी हॉस्पिटल, पुलिस लाइन स्थित पीएचसी, थल और बेरीनाग में एक-एक अस्पताल बंद किए जाएंगे. मुख्यालय में चल रहे जिला महिला चिकित्सालय को भी जिला अस्पताल में विलय होना है. आईपीएचएस लागू होने के बाद पिथौरागढ़ के अस्पतालों में 20 चिकित्सक और 75 फार्मासिस्टों के पद भी समाप्त हो जाएंगे. जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया. वहीं, इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अन्य संगठन के लोग भी शामिल थे.

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बता दें कि जिले के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से चिकित्सकों और अन्य कर्मियों का टोटा है. ऐसे में सरकार की मंशा कुछ अस्पतालों को बंद करने की है. जिसके लिए राज्य सरकार ने विभाग को प्रस्ताव भी भेज दिया है. उसके अनुसार जिले में अब सिर्फ एक जिला अस्पताल, एक उपजिला अस्पताल, चार सीएचसी और सात पीएचसीबी अस्पताल ही संचालित होंगे.

Intro:पिथौरागढ़: जिले के मुख्य सरकारी अस्पतालों के एकीकरण का विरोध तेज होने लगा है। कई संगठनों के साथ कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार का पुतला जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। कांग्रेस का कहना है कि पहले से ही बद्हाल स्वास्थ्य सेवाएं सरकार के नए फैसले से और अधिक चौपट हो जाएगी। साथ ही डॉक्टर्स के पद भी कम हो जाएंगे।

Body:गौरतलब है कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड के मानकों के तहत जिले में 4 अस्पताल बन्द किये जाने है। जिला मुख्यालय में स्थित टीबी हॉस्पिटल और पुलिस लाइन स्थित पीएचसी के साथ थल और बेरीनाग में एक-एक अस्पताल बंद किये जाने है। यही नही मुख्यालय में चल रहा जिला महिला चिकित्सालय भी जिला अस्पताल में विलय होना है। आईपीएचएस लागू होने के बाद पिथौरागढ़ के अस्पतालों में 20 चिकित्सक और 75 फार्मासिस्टों के पद भी समाप्त होने है। जिले के सरकारी अस्पताल लंबे समय से चिकित्सकों और अन्य कर्मियों का टोटा झेल रहे है। ऐसे में सरकार की मंशा कुछ अस्पतालों को बंद कर कुछ अस्पतालों को बंद करने की है। राज्य सरकार ने विभाग को जो प्रस्ताव भेजा है उसके अनुसार जिले में अब सिर्फ एक जिला अस्पताल, एक उपजिला अस्पताल, 4 सीएचसी और 7 पीएचसी बी अस्पताल ही रहेंगे।


Byte: खीमराज जोशी, कांग्रेस नेताConclusion:
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