पिथौरागढ़: लद्दाख के बाद अब ड्रैगन ने लिपुलेख में भी भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया है. चीनी सैनिक बीते कुछ दिनों से भारत की ओर झंडे लहराकर सीमा पर बने भारत के टिनशेडों को हटाने की चेतावनी दे रहे हैं. चीनी सैनिकों की उकसाने वाली हरकतों को देखते हुए सुरक्षा बलों ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है.
चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क लिंक होने के बाद ड्रैगन भारत पर बॉर्डर में दबाव बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है. चीन ने अब लिपुलेख में भी भारत की ओर से बनाए गए अस्थाई निर्माण को लेकर आपत्ति जताई है. सूत्रों की मानें तो बीते कुछ दिनों से चीनी सैनिक भारत की ओर झंडे लहरा रहे हैं. झंडों में चीनी भाषा में भारतीय सीमा पर करीब 200 मीटर भीतर सैनिकों और कैलाश मानसरोवर यात्रियों के विश्राम के लिए बनाए गए हट्स को हटाने की चेतावनी लिखी गई है.
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चीनी सैनिकों के हाथों में जो बैनर है, उनमें इस स्थान को विवादित बताया गया है. बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक ऐसी हरकत करीब तीन बार कर चुके हैं. उधर, चीनी सैनिक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. साथ ही सीमा पर उकसाने वाली हरकतें कर रह रहे हैं. जिसे देखते हुए सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है और जवानों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल, पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख पास में भारत और चीन की विवादित सीमा है. कैलाश मानसरोवर यात्रा और भारत-चीन व्यापार का संचालन लिपुपास से ही होता है, लेकिन इस बार भारत-चीन के रिश्तों में बड़ी तल्खियों और कोरोना महामारी के कारण कैलाश यात्रा शुरू नहीं हो पाई. साथ ही भारत-चीन स्थलीय व्यापार पर भी खतरा मंडरा रहा है.