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वनाग्नि से खड़ा हुआ चौतरफा संकट, ब्लैक कार्बन से खतरे में ग्लेशियर - Black carbon rising from forest fires

जंगलों की आग से निकल रहा बेहिसाब ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है. ग्लेशियरों में जमा हो रहे ब्लैक कार्बन से सोलर रेडिएशन भी पैदा हो रहा है. जिससे ग्लेशियरों में गर्मी लगातार बढ़ रही है.

Glaciers are melting rapidly due to black carbon
वनाग्नि से खड़ा हुआ चौतरफा संकट
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Published : Apr 17, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 5:19 PM IST

पिथौरागढ़: उत्तराखण्ड के जंगलों में धधक रही आग ने चौतरफा संकट खड़ा कर दिया है. बहुमूल्य वन संपदा खाक होने के साथ ही इसने जंगली जानवरों और इंसानों का भी जीना मुहाल किया है. यही नहीं बढ़ती वनाग्नि उच्च हिमालयी क्षेत्रों के पर्यावरण के लिए भी बेहद खतरनाक मानी जा रही है. वनाग्नि के चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों के ग्लेशियरों पर बुरा असर पड़ रहा है.

वनाग्नि से खड़ा हुआ चौतरफा संकट

उत्तराखंड के जंगलों में फैल रही आग हिमालयी ईको सिस्टम के लिए खतरनाक मानी जा रही है. खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों के ग्लेशियरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. जंगलों की आग से निकल रहा बेहिसाब ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है. ग्लेशियरों में जमा हो रहे ब्लैक कार्बन से सोलर रेडिएशन भी पैदा हो रहा है. जिससे ग्लेशियरों में गर्मी लगातार बढ़ रही है.

पढ़ें- पढे़ं:पीएम मोदी की संतों से अपील- कोरोना संकट की वजह से अब प्रतीकात्मक ही रखा जाए कुंभ

इस साल बर्फबारी कम होने से ग्लेशियरों में बर्फ काफी कम है. ऐसे में वनाग्नि से निकल रहा ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों के लिए खतरा बना हुआ है. ग्लेशियरों की लगातार बदल रही स्थिति के अध्ययन के लिए जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान पंचाचूली की तलहटी में लैब भी स्थापित करने जा रहा है. जिससे ग्लेशियरों के बदलाव को आसानी से समझा जा सकेगा. बीते कुछ सालों में ग्लोबल वार्मिंग के चलते ग्लेशियरों में खासा बदलाव देखने को मिला है, जिससे धरती के तापमान में भी बढ़ोत्तरी हुई है. हिमालय रेंज में अनियंत्रित आग संवेदनशील ग्लेशियरों के लिए खतरे का सबब बनी हुई है.

पिथौरागढ़: उत्तराखण्ड के जंगलों में धधक रही आग ने चौतरफा संकट खड़ा कर दिया है. बहुमूल्य वन संपदा खाक होने के साथ ही इसने जंगली जानवरों और इंसानों का भी जीना मुहाल किया है. यही नहीं बढ़ती वनाग्नि उच्च हिमालयी क्षेत्रों के पर्यावरण के लिए भी बेहद खतरनाक मानी जा रही है. वनाग्नि के चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों के ग्लेशियरों पर बुरा असर पड़ रहा है.

वनाग्नि से खड़ा हुआ चौतरफा संकट

उत्तराखंड के जंगलों में फैल रही आग हिमालयी ईको सिस्टम के लिए खतरनाक मानी जा रही है. खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों के ग्लेशियरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. जंगलों की आग से निकल रहा बेहिसाब ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है. ग्लेशियरों में जमा हो रहे ब्लैक कार्बन से सोलर रेडिएशन भी पैदा हो रहा है. जिससे ग्लेशियरों में गर्मी लगातार बढ़ रही है.

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इस साल बर्फबारी कम होने से ग्लेशियरों में बर्फ काफी कम है. ऐसे में वनाग्नि से निकल रहा ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों के लिए खतरा बना हुआ है. ग्लेशियरों की लगातार बदल रही स्थिति के अध्ययन के लिए जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान पंचाचूली की तलहटी में लैब भी स्थापित करने जा रहा है. जिससे ग्लेशियरों के बदलाव को आसानी से समझा जा सकेगा. बीते कुछ सालों में ग्लोबल वार्मिंग के चलते ग्लेशियरों में खासा बदलाव देखने को मिला है, जिससे धरती के तापमान में भी बढ़ोत्तरी हुई है. हिमालय रेंज में अनियंत्रित आग संवेदनशील ग्लेशियरों के लिए खतरे का सबब बनी हुई है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 5:19 PM IST
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