पिथौरागढ़: पेयजल विभाग के कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों की मांगों को मानने से मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने साफ इनकार कर दिया है. पेयजल मंत्री का कहना है कि आंदोलन कर रहे कर्मचारी विभाग के नहीं हैं, उन्हें ठेकेदार से आउटसोर्स किया गया है. ऐसे में उनकी मांगों को विभाग पूरा नहीं कर सकता है. साथ ही कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अगर वॉटर सप्लाई प्रभावित हुई तो अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा.
गौर हो कि जल संस्थान के हजारों आउटसोर्स कर्मचारी इन दिनों राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अब पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने नियमितीकरण की मांग मानने से साफ इनकार किया है. चुफाल का कहना है कि पेयजल विभाग में कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से रखे गए हैं, ऐसे में उनकी नियमितीकरण की मांग उचित नहीं है.
चुफाल ने कहा कि अगर कर्मचारी हड़ताल वापस नहीं लेते तो वैकल्पिक व्यवस्था करने पर विचार किया जाएगा. साथ ही पेयजल मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की जायज मांगों को जरूर पूरा किया जाएगा.
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कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने और वेतन का समय पर भुगतान किए जाने की मांगों पर सुनवाई की जाएगी. बता दें कि पेयजल विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी नियमितीकरण करने और ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि वो बीते 25 सालों से विभागीय सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन ठेकेदार की ओर से समय पर पूरा वेतन न देकर श्रमिकों का शोषण किया जाता है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नैनीताल में प्रदर्शन: पांच सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार मांग पूरी ना होने पर कर्मचारियों ने दी आत्मदाह की चेतावनी दी है. बीते 2 दिनों से 5 सूत्री मांग पूरी करने के लिए धरने पर बैठे जल संस्थान संविदा कर्मचारी संघ का प्रदर्शन आज शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमर सिंह का कहना है कि उनके द्वारा संविदा में कार्य कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने, समान कार्य समान वेतन देने की मांग को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों, नेताओं से वार्ता कर चुके हैं.
लेकिन आज तक उनकी 5 सूत्रीय मांगों की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया, जिसके चलते अब कर्मचारियों को मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को मात्र 7 हजार वेतन दिया जाता है और महंगाई के दौर में अब उनके परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है. जब तक सरकार के द्वारा उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो कर्मचारी प्रदर्शन पर डटे रहेंगे.