पिथौरागढ़: भारत और चीन सरकार के सहयोग से हर साल आयोजित होने वाली विश्वप्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने का मौका गिने-चुने श्रद्धालुओं को ही मिल पाता है. लेकिन कुछ भाग्यशाली लोग ऐसे भी है जिन्हें हर साल भगवान भोले के दर्शन का मौका मिल रहा है. ये श्रद्धालु हर साल यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं और लकी ड्रा में हर बार इन्हें भोले के दरबार में हाजिरी लगाने की अनुमति मिलती है.
भगवान शिव के पवित्र धाम कैलाश मानसरोवर के दर्शन की अभिलाषा हर श्रद्धालु के मन में है. लेकिन कहते है कि भोले बाबा की इच्छा के बिना कोई भी श्रद्धालु इस यात्रा में नहीं जा पाते. वहीं, कुछ श्रद्धालु ऐसे है जिन्हें एक या दो बार भी बल्कि बार-बार कैलाश मानसरोवर के दर्शन के लिए जा रहे हैं. ऐसे ही दो श्रद्धालु हैं देवेंद्र मुद्गल और हंसराज गोयल जो सालों से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा रहे हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिल्ली निवासी देवेंद्र मुद्गल ने बताया कि वे साल 2007 से लगातार कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर रहे हैं. साथ ही बताया कि इस बार 16 वीं बार कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर वापस लौटे हैं. इनमें से 12 यात्राएं लिपुलेख दर्रे से और 4 यात्राएं नेपाल रूट से सम्पन्न कर चुके हैं.
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वहीं, दिल्ली निवासी हंसराज गोयल ने बताया कि वे 6 बार कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर चुके हैं. और आने वाले सालों में भी मानसरोवर यात्रा में शिरकत करेंगे. वहीं, जब ईटीवी भारत ने उनसे यात्रा के अनुभव साझा करने के लिए कहा तो उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के अनुभवों को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. इसे वही व्यक्ति समझ सकता है जो कैलाश मानसरोवर यात्रा कर चुका हो.