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14 हजार फीट की ऊंचाई पर संकट में पड़ी पर्यटक की जान, देवदूत बने सैनिक - पिथौरागढ़ के ज्योलीकांग में राजस्थानी पर्यटक की बिगड़ी तबीयत

ज्योलीकांग में राजस्थानी पर्यटक रामदयाल माली की ऑक्सीजन लेवल कम होने से तबीयत बिगड़ गई. सूचना पर सेना के जवान मदद को पहुंचे और उसका इलाज कराया. सेना की इस सहयोग के लिए माली और उनके दोस्तों ने आभार जताया है.

Army saves life of Rajasthani tourist
सेना ने देवदूत बनकर बचाई जान
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Published : Sep 26, 2021, 7:22 PM IST

पिथौरागढ़: 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ज्योलीकांग में राजस्थान से आए रामदयाल माली की ऑक्सीजन लेवल कम होने से तबीयत खराब हो गई. माली अपने दो साथियों के साथ यहां घूमने आए थे, दोस्तों की सूचना पर ज्योलीकांग में तैनात पंचसूल ब्रिगेड की डॉ. मेजर नीतू ने मरीज का चेकअप किया और सेना के वाहन से उन्हें गुंजी (10,500 फिट) लाया गया.

गुंजी में डॉ. मेजर आकाश राज ने रामदयाल का इलाज किया. उन्हें ऑक्सीजन दिया गया, जिससे उन्हें कुछ राहत मिली. उसके बाद शनिवार को बीमार माली और अन्य दो साथी को सेना ने एंबुलेंस से धारचूला सेना अस्पताल पहुंचाया.

ये भी पढ़ें: बागेश्वरः सरयू नदी में बहे दो बच्चे, एक का शव बरामद, दूसरे की तलाश जारी

धारचूला सेना अस्पताल में सही इलाज मिलने से रामदयाल माली अब खतरे से बाहर हैं. जिसके बाद राजस्थान से आए तीनों पर्यटकों ने सेना का आभार प्रकट किया. सेना के डॉक्टर ने उनको उच्च इलाज की सलाह दी है. जिसके बाद तीनों पर्यटक पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए हैं.

बता दें कि चीन और नेपाल बॉर्डर से लगी व्यास घाटी के दुर्गम इलाकों में तैनात सेना, आईटीबीपी और एसएसबी सीमा की सुरक्षा करने के साथ ही मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर सीमांत वासियों का सहयोग करती आ रही है. व्यास घाटी के इन दुर्गम इलाकों में सड़क पहुंचने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं का कोई नामोनिशान नहीं है. यहां लोग मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर पूरी तरह सेना पर निर्भर हैं.

पिथौरागढ़: 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ज्योलीकांग में राजस्थान से आए रामदयाल माली की ऑक्सीजन लेवल कम होने से तबीयत खराब हो गई. माली अपने दो साथियों के साथ यहां घूमने आए थे, दोस्तों की सूचना पर ज्योलीकांग में तैनात पंचसूल ब्रिगेड की डॉ. मेजर नीतू ने मरीज का चेकअप किया और सेना के वाहन से उन्हें गुंजी (10,500 फिट) लाया गया.

गुंजी में डॉ. मेजर आकाश राज ने रामदयाल का इलाज किया. उन्हें ऑक्सीजन दिया गया, जिससे उन्हें कुछ राहत मिली. उसके बाद शनिवार को बीमार माली और अन्य दो साथी को सेना ने एंबुलेंस से धारचूला सेना अस्पताल पहुंचाया.

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धारचूला सेना अस्पताल में सही इलाज मिलने से रामदयाल माली अब खतरे से बाहर हैं. जिसके बाद राजस्थान से आए तीनों पर्यटकों ने सेना का आभार प्रकट किया. सेना के डॉक्टर ने उनको उच्च इलाज की सलाह दी है. जिसके बाद तीनों पर्यटक पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए हैं.

बता दें कि चीन और नेपाल बॉर्डर से लगी व्यास घाटी के दुर्गम इलाकों में तैनात सेना, आईटीबीपी और एसएसबी सीमा की सुरक्षा करने के साथ ही मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर सीमांत वासियों का सहयोग करती आ रही है. व्यास घाटी के इन दुर्गम इलाकों में सड़क पहुंचने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं का कोई नामोनिशान नहीं है. यहां लोग मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर पूरी तरह सेना पर निर्भर हैं.

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