पिथौरागढ़: मिनी कश्मीर कहे जाने वाले पिथौरागढ़ के लिए नियमित हवाई सेवा मील का पत्थर साबित हो सकती है. उड़ान योजना के तहत सीमांत जनपद को हवाई सेवा से जोड़ा गया है. कठिन पहाड़ी सफर होने के कारण बीते 25 सालों से यहां के लोग नियमित हवाई सेवा का सपना देख रहे थे, जो अब जाकर साकार हुआ है. अब जब दशकों पुराना सपना पूरा हुआ है तो जाहिर है कि कई मायनों में यहां के लोगों के लिए हवाई सेवा वरदान भी साबित हो सकती है.
पिथौरागढ़ जिले को प्रकृति ने बेइंतहा खूबसूरती से नवाजा है. यहां कई पर्यटन स्थल हैं, ऐसे है जहां पहुंचते ही प्रकृति के कद्रदान गदगद हो जाते हैं. लेकिन यहां पहुंच पाना इतना आसान नही था. दिल्ली हो या फिर देहरादून, सड़क मार्ग से यहां पहुंचने के लिए 16 से 17 घंटों का कठिन सफर तय करना होता था. मगर अब यहां एयरोप्लेन की मदद मात्र 50 मिनट में पहुंचा जा सकता है.
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पहले चरण में नैनी-सैनी एयरपोर्ट से देहरादून के लिए दो राउंड की हवाई सेवा शुरू हुई है. उम्मीद जताई जा रही है कि महीने भर के भीतर ही पंतनगर और गाजियाबाद के लिए यहां से नियमित उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी. अगर ये सम्भव हुआ तो तय है कि यहां के पर्यटन कारोबार पर तो चार चांद लगेंगे ही. साथ ही रोजगार के कई मौके भी एक साथ आएंगे. खासकर होटल इंडस्ट्री के परवान चढ़ने से सीमांत इलाके की इकोनॉमी में भी भारी उछाल आएगा.
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पिथौरागढ़ में प्राकृतिक पर्यटन के साथ ही साहसिक और धार्मिक पर्यटन की भी अपार सम्भावानाएं छिपी हैं. ऐसे में अगर ये सम्भावनाएं परवान चढ़ती है तो तय है कि लोगों की जिंदगी में भी इसका बदलाव साफ दिखाई देगा। यही नही पिथौरागढ़ के हवाई सेवा से जुड़ने का लाभ अल्मोड़ा, बागेश्वर और चम्पावत जैसे जिलों को सीधे मिलेगा.