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पिथौरागढ़: बोल्डर की चपेट में आने से बाल-बाल बचे एडीएम, सूझ-बूझ से बचाई जान - पिथौरागढ़ हिंदी समाचार

धापा गांव को जोड़ने वाला मुनस्यारी-लीलम मोटरमार्ग सैनरगाड़ के पास भूस्खलन होने की वजह से बंद है. आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर वापस लौट रहे एडीएम के रास्ते में अचानक बड़ा सा बोल्डर आ गया. इसकी चपेट में आने से वो बाल-बाल बच गए.

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बाल-बाल बचे एडीएम
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Published : Jul 27, 2020, 7:25 AM IST

पिथौरागढ़: जिले के एडीएम आरडी पालीवाल मुनस्यारी के आपदाग्रस्त क्षेत्र धापा का दौरा करने के बाद वापस लौट रहे थे. इस दौरान अचानक रास्ते में बड़े-बड़े बोल्डर गिरने लगे. एडीएम ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए अपनी जान बचाई.

बाल-बाल बचे एडीएम

दरअसल धापा गांव को जोड़ने वाला मुनस्यारी-लीलम मोटरमार्ग सैनरगाड़ के पास भूस्खलन के चलते बंद है. इस जगह पर लगातार बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं. ऐसे में इस मार्ग को एडीएम और उनके अर्दली तेज सिंह धामी पैदल ही पार कर रहे थे. तभी अचानक एक पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने लगे. ऐसी परिस्थिति में एडीएम ने पहाड़ी से गिरते हुए बोल्डर पर नजर बनाए रखी और सूझ-बूझ से अपनी जान बचाई.

ये भी पढ़ें: देहरादून: अस्थाई जेल बनाने की तैयारियों में जुटा प्रशासन, कैदियों में कोरोना की पुष्टि

दरअसल 19 जुलाई को धापा में आपदा आई थी. इसके बाद से मुनस्यारी-लीलम मोटरमार्ग में सैनरगाड़ के पास लगातार भूस्खलन हो रहा है. इस कारण ये मोटरमार्ग बंद है. इस मार्ग को सीमांत के दर्जनों गावों की लाइफलाइन भी कहा जाता है. लेकिन वर्तमान में इस मोटरमार्ग से गुजरने वाले लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर चलने को मजबूर हैं.

पिथौरागढ़: जिले के एडीएम आरडी पालीवाल मुनस्यारी के आपदाग्रस्त क्षेत्र धापा का दौरा करने के बाद वापस लौट रहे थे. इस दौरान अचानक रास्ते में बड़े-बड़े बोल्डर गिरने लगे. एडीएम ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए अपनी जान बचाई.

बाल-बाल बचे एडीएम

दरअसल धापा गांव को जोड़ने वाला मुनस्यारी-लीलम मोटरमार्ग सैनरगाड़ के पास भूस्खलन के चलते बंद है. इस जगह पर लगातार बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं. ऐसे में इस मार्ग को एडीएम और उनके अर्दली तेज सिंह धामी पैदल ही पार कर रहे थे. तभी अचानक एक पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने लगे. ऐसी परिस्थिति में एडीएम ने पहाड़ी से गिरते हुए बोल्डर पर नजर बनाए रखी और सूझ-बूझ से अपनी जान बचाई.

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दरअसल 19 जुलाई को धापा में आपदा आई थी. इसके बाद से मुनस्यारी-लीलम मोटरमार्ग में सैनरगाड़ के पास लगातार भूस्खलन हो रहा है. इस कारण ये मोटरमार्ग बंद है. इस मार्ग को सीमांत के दर्जनों गावों की लाइफलाइन भी कहा जाता है. लेकिन वर्तमान में इस मोटरमार्ग से गुजरने वाले लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर चलने को मजबूर हैं.

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